प्राकृतिक आपदाएं (Natural Disasters) बिना किसी पूर्व सूचनाओं के आती हैं. इससे लोगों की न सिर्फ पूरी जिंदगी प्रभावित होती है, बल्कि जान-माल का भारी नुकसान होता है.
7 फरवरी को उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर टूट गया था. इसके चलते कई लोगों को जान गंवानी पड़ी और बैंक को भी नुकसान पहुंचा.
आप ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए तैयार हैं?
आप प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) को टाल तो नहीं सकते हैं, लेकिन आप खुद को और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं.
घर के ढांचे और सामान की सुरक्षा के लिए होम इंश्योरेंस (Home Insurance) बेहद जरूरी है. जो बाढ़, भूकंप, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) सहित दंगों आदि में सुरक्षा देता है.
होम इंश्योरेंस पॉलिसी (Home Insurance Policy) अलग-अलग घरों के लिए उनके मालिकों को ऑफर की जाती है. इनमें मकान मालिक, किराएदार और हाउसिंग सोसाइटी इंश्योरेंस भी शामिल होता है.
“कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस किसी भी मालिक के लिए एक आदर्श है. जो प्राकृतिक आपदा के दौरान घर के ढांचे और उसमें रखे कीमती सामान की सुरक्षा देता है. प्राकृतिक आपदाओं के दौरान व्यक्ति को होम इंश्योरेंस से कम आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.” ऐसा पॉलिसीएक्स.कॉम के सीईओ और फाउंडर नवल गोयल का मानना है.
इंसान के लिए घर जिंदगी में बनाई सबसे कीमती संपत्ति होती है. लेकिन भारत में बेहद कम लोग ही प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) से सुरक्षा के लिए होम इंश्योरेंस कवर लेते हैं. गोयल का मानना है कि होम लोन के बारे में कम जानकारी और जागरुकता के चलते आम लोगों में इसको लेकर रुझान कम है.
गोयल का मानना है कि “आम लोग हेल्थ इंश्योरेंस जैसा महत्व होम इंश्योरेंस को नहीं देते हैं.”
प्रॉपर्टी के साथ-साथ वाहनों की सुरक्षा प्राकृतिक आपदा (Natural Disasters) के दौरान खतरे में पड़ जाती है. अगर आपके वाहन का इंश्योरेंस हो चुका है तो आपको अपनी जेब से खर्च उठाने की जरूरत नहीं है.
मोटर इंश्योरेंस में ध्यान रखने वाली बात है कि राइडर के साथ साथ इंजन का भी कवर मिलता है. इसके अलावा पॉलिसी में आप और भी ऐड ऑन कर सकते हैं.
अगर आप कॉम्प्रेहेंसिव कार पॉलिसी अपनाते हैं, तो आपके लिए इसे ठीक कराने और अन्य नुकसानों की देखभाल करना आसान होता है.