मेडिकल हेल्थ चेकअप से मिलती है ग्राहक को सही पॉलिसी चुनने की समझ

ग्राहकों के लिए मेडिकल चेकअप को पॉलिसी अवधि को सुचारू रूप से चलाने और ग्राहकों की मदद करने के लिए मानक तय किया गया है.

INSURANCE, FIVE MISTAKES, HEALTH INSURANCE, COMPARISON BETWEEN POLICIES, CLAIM, MEDICAL COVERAGE, बेहतर ऑफर हासिल करने के लिए अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की तरफ से दिए जाने वाले ऑफरों की तुलना जरूर करनी चाहिए.

बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) खरीदते समय ग्राहक को कई बार मेडिकल चेक-अप करवाना जरूरी हो जाता है. लेकिन अक्सर ग्राहक ऐसा करने से बचते हैं. महामारी के चलते अब इंश्योरेंस खरीदने से पहले मेडिकल चेकअप कराना अनिवार्य कर दिया गया है. हालांकि, ग्राहक मेडिकल चेकअप कराने को लेकर संशयी रहते हैं और इससे बचने के लिए इंश्योरेंस कराने के विचार को टाल देते हैं.

बीमा किसी भी तरह का हो वो ग्राहकों को पूरी सुरक्षा, आर्थिक मदद और लगातार सुविधा देने के लिए होता है. इसलिए ग्राहकों के लिए मेडिकल चेकअप को पॉलिसी अवधि को सुचारू रूप से चलाने और ग्राहकों की मदद करने के लिए मानक तय किया गया है.

मुख्य रूप से, मेडिकल चेकअप का खर्च इंश्योरेंस देने वाली कंपनी देती है और टेस्ट कराने की सुविधा आपके समयानुसार घर पर ही मिल जाती है. इसके चलते मेडिकल चेकअप कराने की पूरी प्रक्रिया ग्राहकों के लिए बेहद आसान और बिना खर्च के पूरी हो जाती है. वरना इसके लिए ग्राहकों को कुछ हजार खर्च करने पड़ सकते हैं.

रिजेक्शन

जब कोई ग्राहक मेडिकल चेकअप कराने से इंकार कर देता है तो उसका केस अनुमान की स्थिति में पहुंच जाता है. मेडिकल चेकअप न कराने के चलते ऐसे ग्राहकों की ऐप्लीकेशन हाई रिस्क कैटेगरी में डाल दी जाती है, इसके चलते ऐप्लीकेशन के रिजेक्ट होने के चांस बढ़ जाते हैं. अगर ऐप्लीकेशन रिजेक्ट नहीं होगी तो ऐसे ग्राहकों से अज्ञात बीमारी का खतरा मानकर ज्यादा प्रीमियम चार्ज किया जाता है. अगर आप मेडिकल चेकअप करा लेते हैं तो आप आसानी से कम प्रीमियम पर बढ़िया इंश्योरेंस हासिल कर सकते हैं.

सही प्लान का चयन करें

मेडिकल चेकअप से ये सुनिश्चित होता है कि भविष्य की जरूरत के हिसाब से ग्राहक सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करे. हेल्थ चेकअप ग्राहक की वर्तमान स्थिति के साथ साथ भविष्य के संभावित खतरों के बारे में बताता है. मेडिकल चेकअप में पता चल जाता है कि ग्राहक को कौन सी बीमारी होने का खतरा है, इसके हिसाब से वो भविष्य के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुन सकते हैं. इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी इलाज के दौरान आने वाले ग्राहक के मेडिकल खर्च को उठाती है.

अगर किसी केस में पॉलिसी होल्डर की कोई गंभीर बीमारी सामने आती है, तो उसे पहले से मौजूद रोग में गिना जाता है, ऐसे में दावा खारिज होने की संभावना हो जाती है. अगर हेल्थ इंश्योरेंस से पहले कराए गए मेडिकल चेकअप में ग्राहक को कोई बीमारी नहीं निकलती है, तो ऐसे में कंपनी बीमा करने से इंकार नहीं कर सकती है.

किसी भी इंश्योरेंस लेने से पहले मेडिकल चेकअप कराना किसी के लिए परेशान करने वाला हो सकता है लेकिन इससे ग्राहक को सही प्लान चुनने में मदद मिलती है. साथ ही इससे पॉलिसीधारक को संबंधित बीमा योजना के सभी फायदे उठाने का मौका मिलता है.

(लेखक PolicyX.com फाउंडर और सीईओ हैं. ये लेखक के निजी विचार हैं. )

Published - August 9, 2021, 12:27 IST