LPG कनेक्शन से जुड़ी जानकारी का अभाव नहीं है और लोगों में इसके प्रति जागरुकता भी है. सभी ग्राहक जानते हैं कि रसोई के लिए जरूरी इस कनेक्शन में अगर कोई लीकेज होता है तो किसे संपर्क करना है और ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कनेक्शन के साथ ही हर ग्राहक को 6 लाख रुपये का एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवर भी मिलता है. इसके अतिरिक्त 2 लाख रुपये का मेडिकल खर्च भी कवर होता है.
तेल मार्केटिंग की सरकारी कंपनी जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रेलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और इनके डीलर्स बतौर ग्रुप इंश्योरेंस कवर LPG गैस इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं.
ये कॉम्प्रेहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी ‘पब्लिक लायेबिलिटी फॉर ऑयल इंडस्ट्रीज’ के तहत खरीदी जाती है जिससे LPG से जुड़े एक्सीडेंट में पीड़ित व्यक्ति को जल्द से जल्द राहत दी जा सके.
इस इंश्योरेंस का प्रीमियम का खर्च तेल मार्केटिंग कंपनियां और डील ही वहन करते हैं और ग्राहक को इसके लिए कोई रकम नहीं देनी होती.
पेट्रोलियम और नैचुरल गैस मंत्रालय द्वारा राज्य सभा में जुलाई 2019 में सौंपी जानकारी के मुताबिक LPG सिलेंडर से जुड़े किसी भी एक्सीडेंट के पीड़ितों को ये कवर मुफ्त में मिलता है.
पॉलिसी के तहत, LPG सिलेंडर की वजह से हुई मृत्यु पर ग्राहक को 6 लाख रुपये का कवरेज मिलता है. इसके साथ ही प्रति परिवार 30 लाख रुपये का मेडिकल खर्च भी कवर है – प्रति व्यक्ति अधिकतम 2 लाख रुपये का कवरेज.
प्रॉपर्टी को हुए नुकसान की भरपाई के लिए ग्राहक के रजिस्टर्ड पते पर हुए नुकसान के लिए अधिकतम 2 लाख रुपये का कवरेज मिलता है.
पीड़ित या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को LPG डीलर को लिखित में ऐसे किसी भी एक्सीडेंट की जानकारी जल्द से जल्द देनी होगी. इसके अलावा किसी और को LPG इंश्योरेंस से जुड़ी दिक्कत के बारे में जानकारी नहीं देनी होगी.
डिलर फिर तेल मार्केटिंग कंपनियों और इंश्योरेंस कंपनियों को जानकारी देगा. OMC और इंश्योरेंस की ओर से वेरिफिकेश के बाद क्लेम से जुड़ी फॉर्मेलिटी पूरी करनी होगी.
क्लेम की प्रक्रिया पूरी होने में 10 से 14 दिनों का समय लग सकता है. उसके बाद क्लेम की रकम ग्राहक या उनके पीड़ित की मृत्यु पर उनके परिवार के किसी सदस्य के खाते में आ जाएगी.