Loan Protection Insurance Plan: लोन लेने वालों की संख्या तेजी से बढ रही हैं. किसी भी व्यक्ति के पास अब कई तरह के लोन होते हैं, जैसे पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन, एज्युकेशन लोन वगैरह. यदि व्यक्ति के पास टर्म प्लान या जीवन बीमा हैं तो उसकी मृत्यु के बाद मिलने वाली बीमा राशि से ऐसी लोन का भुगतान किया जा सकता हैं, लेकिन नौकरी छूटने या अस्थायी विकलांगता आने से उधारकर्ता की आय बंध हो जाए तब ऐसी लोन का भुगतान करना मुश्लिक हो सकता हैं. ऐसे मामलों से नीपटने के लिए बैंक और बीमा कंपनियां लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्लान (Loan Protection Insurance Plan) लेकर आए हैं. कुछ बैंक ऐसे इंश्योरेंस के साथ ही आपको लोन देते हैं, लेकिन यह उधारकर्ता पर निर्भर करता है कि वह पॉलिसी कवर खरीदेगा या उसे अस्वीकार कर देगा.
लोन मिलना अब काफी आसान हैं. सिबिल स्कोर खराब हो तो भी कई कंपनियां उच्च ब्याज दरों पर लोन देती हैं. हालांकि, अचानक नौकरी छूटने, अस्थायी विकलांगता या उधारकर्ता की आकस्मिक मृत्यु के मामले में, लोन का भुगतान करना मुश्किल हो सकता है. यहीं पर लोन प्रोटेक्शन प्लान काम आ सकते हैं. चाहे आपने होम लोन ली हो या पर्सनल लोन, दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के मामले में उधारकर्ता के मासिक ऋण भुगतान की सुरक्षा के लिए लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्लान खरीदने की सलाह दी जाती है. बैंक कर्जदारों को उनके होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन को समय पर चुकाने में मदद करने के लिए लोन इंश्योरेंस की पेशकश करते हैं.
लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्लान खरीदने के कई फायदे हैं जैसे:
– यदि आपकी नौकरी छूट जाती हैं या आकस्मिक मृत्यु हो जाती है या आपके साथ अस्थायी विकलांगता जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना बनती हैं तो ऐसे मामले में, लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्लान आपके बकाया ऋण को कम करने में मदद करता है, और आपके लोन EMI का भुगतान करता है.
– लोन प्रोटेक्शन प्लान होगा तो उधारकर्ता के परिवार पर ऋण चुकाने के लिए अचानक वित्तीय दायित्व का बोझ नहीं आएगा.
– कुछ लोन प्रोटेक्शन प्लान आपको धारा 80सी के तहत कर लाभ प्रदान कर सकते हैं.
– कुछ व्यक्तिगत ऋण बीमा पॉलिसियों में मनी-बैक योजनाएं होती हैं जहां खरीदार को योजना के अंत में एक निश्चित राशि प्राप्त होती है.
किसी भी अन्य बीमा की तरह, लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस में भी प्रीमियम का आधार कई कारकों पर निर्भर हैं. व्यक्ति की आयु, शारीरिक स्वास्थ्य, लोन अमाउंट और लोन की अवधि के आधार पर प्रीमियम राशि अधिक या कम हो सकती है.
यदि आपने बहुत बडा लोन लिया हैं तो उसे सुरक्षित करने वाला बीमा भी महंगा होगा और आपको अधिक प्रीमियम राशि चुकानी होगी. यदि चुकौती अवधि लंबी होगी तो, प्रीमियम राशि अधिक होगी. आपकी आयु जितनी कम होगी उतना ही प्रीमियम कम होगा, वहीं वृद्ध व्यक्तियों के लिए प्रीमियम राशि अधिक होती है. प्रीमियम का आधार आपके स्वास्थ्य से भी हैं, खराब स्वास्थ्य वाले व्यक्तियों के लिए प्रीमियम राशि अधिक होगी.
– आपको यह देखना चाहिए कि, बीमा कंपनी किन कारणों में होने वाली मृत्यु के बदले में बीमा प्रदान करता हैं. कई कंपनियां केवल आकस्मिक कारण को ही कवर करती हैं.
– लोन प्रोटेक्शन बीमा लेने से पहले सुनिश्वित करे कि, उसमें अस्थायी और स्थायी विकलांगता दोनों को कवर दिया जा रहा हैं या नहीं.
– कुछ कंपनियां अधिक लोन को कवर नहीं करती हैं.
– कुछ बीमा योजनाओं में प्रीमियम राशि की आवश्यकता नहीं हो सकती है.
– प्रीमियम राशि का भुगतान मासिक किश्तों में या एकल भुगतान में किया जा सकता है.
– कुछ योजनाओं में अनिवार्य चिकित्सा जांच की आवश्यकता हो सकती है.
– यह पॉलिसी ऋण की पूर्ण चुकौती पर समाप्त हो सकती है या यदि ऋण किसी अन्य बैंक में स्थानांतरित हो जाता है तो समाप्त हो सकती है.
– कुछ बैंकों द्वारा दोनों पक्षों के लिए संयुक्त ऋण बीमा कवर प्रदान किए जाते हैं.