टर्म इंश्योरेंस बनाम मनी-बैक पॉलिसी: यहां समझिए दोनों में अंतर

Life Insurance: टर्म इंश्योरेंस केवल रिस्क कवर उपलब्ध कराता है. मनी-बैक पॉलिसी में मैच्योरिटी बेनेफिट और बोनस प्राप्त होते हैं. ये महंगे होते हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 5, 2021, 06:59 IST
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IMAGE: PIXABAY, टर्म प्लान में लोन नहीं लिया जा सकता है. मनी-बैक पॉलिसी में सस्ती दरों पर लोन प्राप्त किया जा सकता है और इससे आपके प्रीमियम पर भी कोई असर नहीं होता. इन दोनों ही बीमा योजनाओं में टैक्स बेनेफिट प्राप्त होते हैं.

IMAGE: PIXABAY, टर्म प्लान में लोन नहीं लिया जा सकता है. मनी-बैक पॉलिसी में सस्ती दरों पर लोन प्राप्त किया जा सकता है और इससे आपके प्रीमियम पर भी कोई असर नहीं होता. इन दोनों ही बीमा योजनाओं में टैक्स बेनेफिट प्राप्त होते हैं.

Life Insurance: लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) हमारी फाइनेंशियल प्लानिंग का अहम हिस्सा है. जीवन की अनिश्चितता के बीच यह पॉलिसीधारक के परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है. साथ में इसका उपयोग निवेश के लिए भी किया जा सकता है. जीवन बीमा के कई प्रकार होते हैं. इनमें एक तो टर्म इंश्योरेंस होता है और दूसरा मनी-बैक इंश्योरेंस पॉलिसी होता है. इनकी अलग-अलग विशेषताएं हैं.

सामान्य अंतर

टर्म इंश्योरेंस को, बेसिक जीवन बीमा माना जाता है. इसमें मृत्यु की दशा में रिस्क कवर प्राप्त होता है. इसके अलावा इसमें अन्य कोई सुविधाएं नहीं होतीं.

दूसरी ओर, मनी बैक पॉलिसी एक तरह का इनडोमेंट पॉलिसी होती है, इसमें कुछ आमदनी जुड़ी होती है. इसमें पॉलिसीधारक के जीवित रहने पर समय-समय पर बीमित राशि का एक निश्चित हिस्सा प्राप्त होता रहता है.

प्रीमियम

चूंकि, टर्म इंश्योरेंस केवल रिस्क कवर उपलब्ध कराता है और इसमें कोई रिटर्न नहीं मिलता, इसलिए यह सस्ता होता है. मनी-बैक पॉलिसी में मैच्योरिटी बेनेफिट, और बोनस वगैरह प्राप्त होते हैं. इसकी वजह से ये महंगे होते हैं. इसलिए इनका प्रीमियम अधिक होता है.

कवरेज

टर्म प्लान में अधिक कवरेज मिलता है, जबकि मनी-बैक पॉलिसी कम कवरेज प्राप्त होता है.

लचीलापन

टर्म प्लान में व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार पॉलिसी की अवधि और कवरेज राशि का चुनाव कर सकता है. जबकि, मनी-बैक पॉलिसी की अवधि 10 से 30 वर्ष के बीच होती है.

लोन सुविधा

टर्म प्लान में लोन नहीं लिया जा सकता है. मनी-बैक पॉलिसी में सस्ती दरों पर लोन प्राप्त किया जा सकता है और इससे आपके प्रीमियम पर भी कोई असर नहीं होता. इन दोनों ही बीमा योजनाओं में टैक्स बेनेफिट प्राप्त होते हैं.

Published - October 5, 2021, 01:58 IST