Life Insurance: Life Insurance का मकसद उसके उपभोक्ताओं को सुरक्षा उपलब्ध कराना होता है. साथ ही इसके जरिए विभिन्न आर्थिक लक्ष्यों जैसे बच्चों की पढ़ाई आदि को प्राप्त किया जाता है. जीवन बीमा पॉलिसियों को ग्राहक की विभिन्न जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है. ये प्लान विशेष रूप से निर्मित होते हैं. यह दो तरीकों से होता है. पहला, पॉलिसी के भीतर और दूसरा, विभिन्न समाधानों के योग के साथ. इन दिनों ज्यादातर कंपनियां अपनी पॉलिसियों को बहुआयामी सुविधा के विकल्पों के साथ तैयार कर रही हैं. उदाहरण के लिए, टर्म इंश्योरेंस में न केवल समय से पहले मृत्यु होने पर सुरक्षा दी जाती है बल्कि गंभीर बीमारी, विकलांगता, प्रीमियम छूट जैसे विकल्प भी उपलब्ध कराए जाते हैं.
इसी तरह बचत वाले उत्पादों में भी कई विकल्प होते हैं. इनमें सीमित अवधि पॉलिसी, समय-समय पर भुगतान, लाइफ कवर आदि शामिल हैं. ऐसे ही कुछ संयुक्त विकल्प भी मुहैया कराए जाते हैं.
इसके तहत एक ही कंपनी के कई उत्पादों को ग्राहक की जरूरतों के मुताबिक जोड़ दिया जाता है. कभी-कभी लाइफ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस को भी जोड़ दिया जाता है.
सुरक्षा और बचत को जोड़ने से समय से पहले मृत्यु को कवर तो किया जाता है, साथ ही जीवन के आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बचत का भी सुविधा मिलती है.
कई बार जनरल इंश्योरेंस कंपनियां सुरक्षा उत्पाद को हेल्थ इंडेमिनिटी के साथ जोड़ देती हैं. इस स्थिति में दो बीमा कंपनियां एक साथ मिलकर उत्पाद पेश करती हैं.
आज के डिजिटल युग में सभी संस्थाएं सरलीकरण, डिजिटलाइजेशन पर जोर दे रही हैं और विशेष जरूरतों को ध्यान में रखकर उत्पाद पेश कर रही हैं. इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं की जरूरतों के मुताबिक उत्पाद पेश करना है.
(लेखक, कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के चीफ एक्चुअरी और चीफ रिस्क ऑफिसर हैं. ये उनके निजी विचार हैं.)
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