LIC: अगर आपकी एलआईसी की पॉलिसी के दस्तावेज खो चुके हैं, तो घबराने की बात नहीं है. क्योंकि एलआईसी के दस्तावेजों की फिर से बनाने की प्रकिया काफी आसान है.
अगर पॉलिसी बांड आग, बाढ़ आदि जैसे प्राकृतिक कारणों से आंशिक रूप से नष्ट हुआ है, तो बचे हिस्से को एलआईसी ऑफिस में जमा कराया जा सकता है. इसे नई पॉलिसी के लिए प्रमाण पत्र माना जाएगा.
यदि आपको यकीन है कि पॉलिसी बांड ढूंढा नहीं जा सकता है तो पॉलिसी की नई कॉपी के लिए अपनी शाखा में आवेदन के लिए आपको एक सरल प्रक्रिया अपनानी होगी.
आपको इसके लिए इंश्योरेंस कम्पनी से नई पॉलिसी प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा. आवेदन में अपनी पॉलिसी से संबंधित पूरी डिटेल उल्लेख करें, जैसे आपका नाम, नॉमिनी का नाम, पत्ता, जन्म तिथि आदि.
यदि आपके पास पॉलिसी की कॉपी हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी को इस बात पर पूरा भरोसा हो जाएगा कि आप ही वह व्यक्ति हैं, जो डुप्लीकेट पॉलिसी प्राप्त करना चाहते हैं.
डुप्लीकेट इंश्योरेंस पॉलिसी को प्राप्त करने के लिए आपको कुछ राशि इंश्योरेंस कंपनी को देनी होती हैं, जो कि मामूली होती है.
न्यूज पेपर में आपको पॉलिसी के संबंध में एक विज्ञापन छपवाना होता है. जिसे छपवाने के पहले इंश्योरेंस कम्पनी की गाइडलाइन को चेक कर लें, क्योंकि यह पूरी प्रक्रिया इंश्योरेंस कम्पनी के नियमों पर निर्भर करती है.
पॉलिसी के खो जाने के संबंध में विज्ञापन छपवाने के कम से कम एक महीने तक इंतजार करें. विज्ञापन देने के करीब एक माह बाद भी यदि आपकी पॉलिसी नहीं मिलती हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपको बॉन्ड को भरने का पात्र मानती हैं.
एलआईसी से डुप्लिकेट पॉलिसी बॉन्ड प्राप्त करने के लिए, आपको स्टाम्प पेपर की जरूरत होती हैं. आपको एक शुल्क भी जमा करना होगा.
इस शुल्क को डुप्लिकेट पॉलिसी शुल्क कहा जाता है. इंडेमनिटी बॉन्ड में सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे- पॉलिसी होल्डर का नाम, पॉलिसी नम्बर का उल्लेख करना जरूरी होता है. आवश्यकता अनुसार बांड पर पॉलिसी होल्डर और गवाहों के हस्ताक्षर किये जाते हैं.
आपके द्वारा दी गई सभी जानकारियों के तहत इंश्योरेंस कंपनी जांच-पड़ताल करती हैं. यदि वह सहीं हैं तो डुप्लीकेट पॉलिसी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती हैं.
वैसे आपकी पॉलिसी पर डुप्लीकेट जरूर लिखा होता हैं. पॉलिसी की अन्य शर्तों और नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया जाता है.