जानिए प्रीमियम रिटर्न करने वाले टर्म प्‍लान से क्‍यों बेहतर हैं प्‍योर टर्म इंश्‍योरेंस

टर्म इंश्योरेंस एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है जो सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज प्रदान करती है.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 8, 2021, 03:06 IST
Know why pure term insurance is better than premium returning term plans

टर्म इंश्योरेंस एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है जो सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज प्रदान करती है.

टर्म इंश्योरेंस एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है जो सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज प्रदान करती है.

अगर आपने अब तब जीवन बीमा (Life Insurance) नहीं लिया है तो टर्म प्‍लान पर भरोसा करिए. टर्म प्लान अपनी तरह की एकमात्र इंश्योरेंस पॉलिसी है जो इसलिए खरीदनी चाहिए क्योंकि इसमें सबसे कम कीमत पर अधिकतम सुरक्षा कवर मिलता है. अब तो 99 प्लस वर्ष की उम्र तक के लिए भी टर्म इंश्योरेंस खरीदे जा सकते हैं जो कि कुछ साल पहले तक संभव नहीं था. टर्म प्‍लान के भी अब दो विकल्‍प बाजार में हैं. एक जिसमें पॉलिसी अवधि के बाद पॉलिसीधारक को कोई पैसे नहीं मिलते और दूसरा जिसमें पॉलिसी अवधि के बाद पॉलिसीधारक को प्रीमियम वापस कर दिया जाता है. प्रीमियम वापस करने वाली पॉलिसी को Return of Premium (ROP) कहते हैं.

क्या है रेग्युलर टर्म प्लान?

टर्म इंश्योरेंस एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है जो सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज प्रदान करती है. यदि पॉलिसी की अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो मृत्यु लाभ राशि नामांकित व्यक्ति को दी जाती है. यह अनिश्चितता या मृत्यु की स्थिति में परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. रेग्युलर टर्म पॉलिसी में कोई मैच्योरिटी बेनीफिट तो नहीं मिलता है, हालांकि अपने परिवार को आपकी मृत्यु के बाद वित्तीय सुरक्षा देता है. इसका प्रीमियम काफी कम होता है.

टर्म इंश्योरेंस – रिटर्न ऑफ प्रीमियम

यह टर्म इंश्योरेंस के साथ आने वाला लोकप्रिय विकल्प है. रिटर्न ऑफ प्रीमियम (ROP) इंश्योरेंस का मतलब यह हुआ कि आपके द्वारा चुकाए गए सभी प्रीमियम आपको मैच्युरिटी बेनिफिट के रूप में वापस मिल जाते हैं. एक पॉलिसी ग्राहक के रूप में आप अपनी ज़रूरतों के अनुसार पॉलिसी की अवधि चुन सकते हैं. आमतौर पर भारतीय ग्राहक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों से कुछ न कुछ रिटर्न की उम्मीद ज़रूर रखते हैं, फिर चाहे यह उनके द्वारा चुकाए गए प्रीमियम की राशि ही क्यों ना हो.

टर्म इंश्‍योरेंस बनाम ROP

पॉलिसी अवधि पूरी होने के बाद पॉलिसीधारक को कुछ भी नहीं मिलता.
हां, अगर पॉलिसी अवधि के दौरान मृत्‍यु हो जाती है तो सम एश्‍योर्ड का भुगतान कर दिया जाता है.
ROP उनके लिए है जो पॉलिसी समाप्‍त होने के बाद कुछ मैच्‍योरिटी बेनीफिट चाहते हैं.
लेकिन ROP के मामले में भी पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्‍यु के बाद सिर्फ सम एश्‍योर्ड यानी बीमा की राशि का ही भुगतान किया जाता है.

टर्म प्लान से तीन गुना तक ज्यादा रहता है प्रीमियम

आप कल्‍पना भी नहीं कर सकते कि सिर्फ अपने प्रीमियम वापस करने के लिए आपको कितनी ज्‍यादा राशि का भुगतान करना पड़ेगा.
उदाहरण के तौर पर अगर एक 35 साल का व्‍यक्ति 20 साल के लिए 1 करोड़ रुपए का टर्म इंश्‍योरेंस लेता है तो उसे लगभग 8,000 रुपए का सालाना प्रीमियम (Online खरीदने पर) देना होगा.
इतने ही बीमा कवर के लिए अगर वह व्‍यक्ति ROP लेता है तो उसे लगभग 29,000 रुपए सालाना का प्रीमियम 20 साल तक देना होगा.
मतलब अपना ही प्रीमियम वापस पाने के लिए उसे 21,000 रुपए प्रति वर्ष अधिक देने होंगे.

Published - October 8, 2021, 03:06 IST