जानिए क्या है स्टैंडर्ड टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, आपके लिए किस तरह से है फायदेमंद

सभी इंश्योरेंस कंपनियों को ये बीमा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. रेगुलेटर ने इस पॉलिसी की साफ तरीके से परिभाषित किया है.

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pixabay, इस पॉलिसी में एंबुलेंस और स्वास्थ्य जांच लाभ की सुविधा भी मिलती है.

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SJBP: टर्म प्लान यानि जीवन बीमा खरीदना किसी भी फाइनेंशियल प्लान में पहला कदम होना चाहिए. इंश्योरेंस रेगुलेट्री डेवलेप्मेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDA) ने अब इंश्योरेंस कंपनियों को स्टैंडर्ड टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करना अनिवार्य कर दिया है.

IRDA के अक्टूबर 2020 के निर्देश के मुताबिक इस प्रोडक्ट को सरल जीवन बीमा पॉलिसी (SJBP) नाम के साथ सभी इंश्योरेंस कंपनियों को अपने नाम के साथ उपलब्ध कराना होगा. सभी इंश्योरेंस कंपनियों को ये बीमा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. रेगुलेटर ने इस पॉलिसी की साफ तरीके से परिभाषित किया है.

हालांकि रेगुलेटर ने पॉलिसी की कीमतों यानि प्रीमयिम तय करने की जिम्मेदारी बीमा कंपनियों पर छोड़ी है. कंपनियां उम्र, सम एश्योर्ड और अन्य पैमानों के आधार पर प्रीमियम तय करेंगी. ये प्रोडक्ट उन सभी के लिए है जो किसी भी तरह के रिस्क की स्थिति में सुरक्षा के लिए एक टर्म प्लान लेना चाहते हैं.

सरल जीवन बीमा पॉलिसी (SJBP) क्यों?

बाजार में कई तरह के टर्म लाइफ इंश्योरेंस मौजूद हैं. हर जीवन बीमा में अपने अलग बेनिफिट होते हैं – प्रीमियम की अवधि, डेथ क्लेम सेटलमेंट, पॉलिसी की अवधि, मैच्योरिटी पर प्रीमियम वापसी जैसे फायदे. इन सब की वजह से तुलना करना तकरीबन नामुमकिन हो जाता है. SJBP एक प्योर रिस्क टर्म जीवन बीमा प्रोडक्ट है जो एक मानक के आधार पर बनाया गया है जिससे निवेशकों को तुलना कर अपनी जरूरतों के मुताबिक सही पॉलिसी चुनना आसान होगा.

पॉलिसीबाजार डॉट कॉम (Policybazaar.com) – लाइफ इंश्योरेंस की सीबीओ (CBO) संतोष अग्रवाल का कहना है, “पहली बार टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदने वालों के ये प्रोडक्ट बेहतरीन है क्योंकि प्लान सभी इंश्योरेंस कंपनियों में सामान्य होगा. पहली बार टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदने वालों के लिए ये एक वन-स्टॉप-सॉल्यूशन है. साथ ही जिन्हें टर्म लाइफ इंश्योरेंस की जानकारी कम है अक्सर अपने परिजनों की आर्थिक सुरक्षा के लिए सही प्रोडक्ट नहीं चुन पाते. सरल जीवन बीमा पॉलिसी (SJBP) आना जीवन बीमा इंडस्ट्री में क्रांति जैसा है क्योंकि अब ज्यादा से ज्यादा लोग इंश्योरेंस कवर में शामिल होंगे.”

खुद से काम करते हैं तो फायदेमंद

लोअर इनकम कैटेगरी में आने वाले कई ऐसे लोग जो स्वनियोजित काम करते हैं उनके लिए SJBP के जरिए परिवार के लिए टर्म इंश्योरेंस प्रोटेक्शन लेना आसान होगा. संतोष अग्रवाल के मुताबिक, “पहले ऐसे सेल्फ-एंप्लॉय्ड लोग जिनकी सालाना आय 3 से 5 लाख रुपये होती है वे इनकम प्रूफ ना होने की वजह से टर्म इंश्योरेंस नहीं खरीद पाते थे. अब SJBP आने से ऐसे वर्ग के पास इंश्योरेंस पाने की संभावना होगी. SJBP में सरोगेट इनकम का प्रावधान होगा जिसमें आप अपनी कार या टू-व्हीलर की आरसी (RC) को अपनी आय के सरोगेट के तौर पर जमा करा सकेंगे. सही दिशा में काम चल रहा है.” उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ग में 70 फीसदी लोग इंश्योरेंस ले सकते हैं जबकि पहले ये 30 फीसदी ही था.

वहीं पहली बार इंश्योरेंस खरीदने वाले और छोटे कर्ज लेने वालों के लिए ये सही प्रोडक्ट साबित हो सकता है. अगर आप शहर में रहते हैं और होम लोन लेना चाहते हैं तो आपकी जिम्मेदारियों के मुताबिक ये किसी परिस्थिति में आपके लिए सही प्रोडक्ट होगा.

लिमिटेशन का रखें ध्यान

इस प्रोडक्ट में कोई भी निवेश का हिस्सा नहीं है. इससे ये सुनिश्चित होता है कि इंश्योरेंस कंपनियां कम चार्ज लें जैसा कि अन्य टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान में होता है. क्योंकि ये एक स्टैंडर्डाइज्ड प्रोडक्ट है, इंश्योरेंस कंपनियों आकर्षक रेट पर ये ऑफर कर सकती हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा खरीदार आएंगे.

जिन्हें ज्यादा सम एश्योर्ड चाहिए उनके पास अन्य टर्म लाइफ इंश्योरेंस का ही विकल्प होगा.

SJBP में एक्सिडेंट बेनिफिट और पर्मानेंट डिसेबिलिटी बेनिफिट भी शामि है. हालांकि पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस का कवर बतौर राइडर देने का विकल्प नहीं है.

संतोष अग्रवाल का कहना है, “टर्म प्लान या हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के साथ अलग से क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी ली जा सकती है. जीवन में अनिश्चितताएं काफी हैं और कभी बीमारी आकर आपकी सेहत और आर्थिक सेहत खराब कर सकती है. क्रिटिकल इलनेस कवर में कोई खास बीमारी होने पर एकमुश्त बेनिफिट, इलाज का खर्च या फिर रिकवरी से जुड़े खर्च शामिल होते हैं.

SJBP में पॉलिसी जारी करने के बाद 45 दिन का वेटिंग पीरियड है. इस अवधि के दौरान सिर्फ एक्सिडेंट की स्थिति में डेथ क्लेम दिया जाएगा.

इंश्योरेंस खरीदारों को इन सभी लिमिटेशन को ध्यान में रखते हुए ही कोई पॉलिसी लेने का फैसला करना चाहिए.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

Published - July 10, 2021, 04:57 IST