आपकी स्वास्थ्य संबंधी एमरजेंसी में हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) और मेडिकल इंश्योरेंस (Mediclaim Insurance), दोनों मदद में आते हैं. इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल इतना व्यापक है कि दोनों के बीच कुछ अंतर हो सकता है ये भी मानना मुश्किल है. आमतौर पर लोग बातचीत में इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इन दोनों के बीच अंतर है. हालांकि, बहुत ज्यादा अंतर नहीं है लेकिन कुछ पहलू में दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं. दोनों की सुविधाओं में अंतर होता है.
हेल्थ इंश्योरेंस क्या कवर करता हैः
हेल्थ इंश्योरेंस से आप सर्जरी, मेडिकेशन, कंसल्टेशन, एक्सिडंट, क्रिटिकल इलनेस, एंबुलंस, डेंटल प्रोसिजर, प्री-हॉस्पिटलाइजेशन और पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन, हॉस्पिटल में रूम रेंट, मेडिकल चेक-अप जैसे खर्चो के लिए क्लेम कर सकते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हॉस्पिटल में इलाज के खर्च के अलावा, हॉस्पिटल तक लाने का खर्च, उसके पहले का खर्च, हॉस्पिटल से जाने के बाद देखभाल में हुए खर्च को भी कवर करती है. एंबुलेंस का खर्च भी इसके दायरे में आता है. यहां तक कि एक्सिडेंट की स्थिति में यह आपकी आमदनी में हुए नुकसान को भी कवर करती है. हालांकि, इन सब सुविधाओं के लिए आपको उपयुक्त ऐड-ओन (Add ons) जुड़वाने पड़ते हैं.
मेडिक्लेम इंश्योरेंस क्या कवर करता है
मेडिक्लेम आपको हॉस्पिटलाइजेशन, अकस्मात, विशेष बीमारियां और डोमिसिलरी के लिए कवर प्रदान करता है. मेडिक्लेम भी एक इंश्योरेंस है, जो एक सीमित सम एश्योर्ड पर कवर देता है. कोई मेडिक्लेम इंश्योरेंस पॉलिसी सिर्फ हॉस्पिटल में इलाज के दौरान का खर्च कवर करती है. अक्सर यह, एक्सिडेंट संबंधी मामलों और पहले से निर्धारित कुछ बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं (डिलीवरी वगैरह) तक सीमित होता है. एक्सिडेंट के मामले में भी, आपकी आय में हुआ नुकसान इसके दायरे में नहीं आता.
हॉस्पिटलाइजेशन रूल
मेडिक्लेम पॉलिसी का लाभ पाने के लिए आपको अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य है. सिर्फ हॉस्पिटल में भर्ती के दौरान के खर्च पर ही आपको क्लेम मिलेगा. हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के साथ आपको बिना अस्पताल में भर्ती हुए भी अपने इलाज पर खर्च का क्लेम मिल सकता है.
सम एश्योर्ड के मामले में अंतर
मेडिक्लेम इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत, 5 लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा ली जा सकती है, जबकि, हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत आप फिलहाल 6 करोड़ रुपये सालाना तक की बीमा पॉलिसी ले सकते हैं. क्योंकि इसमें आप ढेरों तरह की बीमा सुरक्षाएं बढ़वा सकते हैं.
गंभीर बीमारियों के मामले में अंतर
मेडिक्लेम इंश्योरेंस पॉलिसी अति गंभीर या जानलेवा बीमारियों के मामले में बीमा सुरक्षा नहीं देती. इसमें शामिल बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं पहले से तय होती हैं. जबकि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत 30 से अधिक घातक बीमारियों के इलाज को भी कवर किया जाता है. इनमें हार्ट अटैक, कैंसर, किडनी फेल होना, लकवा वगैरह भी शामिल हैं.
बीच में बदलाव की गुंजाइश
एक बार मेडिक्लेम पॉलिसी खरीद लेने के बाद आगे चलकर आप उसमें कोई बदलाव नहीं करा सकते, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एक तय समयसीमा के बाद बदलाव की गुंजाइश होती है. उस अवधि के बाद आप अपनी सुविधाएं कम कराकर प्रीमियम घटवा भी सकते हैं. यहां तक कि जरूरत समझने पर, अवधि भी बदलवा सकते हैं.
क्लेम
मेडिक्लेम पॉलिसी लेने पर आप उसकी अधिकतम सीमा तक क्लेम कर सकते हैं। बीमा अवधि में क्लेम करने के बाद भी जब भी जरूरत हो क्लेम कर सकते हैं. लेकिन उस पॉलिसी की अधिकतम राशि के अंदर ही. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत आपको, गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज में या दुर्घटना में अपंग होने पर, पॉलिसी की पूरी रकम (lump sum) मिल जाती है. आगे फिर कभी आपको उस पॉलिसी का फायदा नहीं मिल सकता. अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में, आप कितनी भी बार क्लैम कर सकते हैं. लेकिन, अपनी टोटल बीमा कवरेज के अंदर ही.
एड ऑन (Add on) कवरेज
मेडिक्लेम पॉलिसी में आप, अपनी मुख्य बीमा पॉलिसी के साथ किसी और तरह का Add on (अतिरिक्त या सहायक बीमा सुरक्षा) नहीं जुडवा सकते. जबकि, हेल्थ इंश्योरेंस में आप अपनी सुविधा और खर्च करने की क्षमता के हिसाब से कितने भी Add on जुडवा सकते हैं. जैसे कि- मेटरनिटी कवर, क्रिटिकल इलनेस कवर, रूम रेंट कवर, पर्सनल एक्सिडंट कवर वगैरह.