यहां जानिए कैसे तय होता है IDV, कार चोरी होने पर बीमा कंपनी से कैसे मिलेगी पूरी रकम

नई कार खरीदते वक्त जब आप पॉलिसी खरीदते हैं, तो बीमा कंपनी कार की कीमत में से डेप्रिसिएशन वैल्यू घटाने के बाद कार की आईडीवी तय करती है.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 14, 2021, 03:50 IST
ICICI Lombard ties up with Vega Helmets

ICICI Lombard वेगा हेलमेट की हर खरीद पर पर्सनल एक्सीडेंटल पॉलिसी दे रही है.

ICICI Lombard वेगा हेलमेट की हर खरीद पर पर्सनल एक्सीडेंटल पॉलिसी दे रही है.

कार का बीमा करवाने के बाद ज्यादातर लोग निश्चिंत हो जाते हैं कि यदि कभी कोई अप्रिय घटना हुई, या फिर कार चोरी हुई तो बीमा कंपनी कार की पूरी कीमत अदा कर देगी. लेकिन ऐसा नहीं है, बीमा कंपनियां साधारण बीमा पॉलिसी पर कार की पूरी कीमत अदा नहीं करती हैं. तो आखिर कार चोरी होने की दशा में आपको पूरी कीमत कैसे मिलेगी? आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.

सामान्य तौर पर कार खरीदते वक्त लोग स्टैंडर्ड मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं. इसी पॉलिसी के तहत कार की इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) तय की जाती है. IDV का मतलब ये है की इंश्योरेंस कंपनी के मुताबिक वर्तमान में आपकी कार की किंमत क्या है. यानी आज आपकी गाडी चोरी हो जाती है या उसका एक्सिडेंट हो जाता है या आग लगने से कार पूरी तरह डेमेज हो जाती है तो उस स्थिति में बीमा कंपनी आपको जो मुआवजा देती है वो है IDV.

कैसे तय होता है IDV

नई कार खरीदते वक्त जब आप स्टैंडर्ड इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं, तो बीमा कंपनी कार की कीमत में से डेप्रिसिएशन वैल्यू घटाने के बाद कार की आईडीवी (IDV) तय करती है. मसलन, अगर आपकी कार 6 महीने या उससे कम पुरानी है तो कार की कीमत में 5 प्रतिशत डेप्रिसिएशन वैल्यू घटाया जाता है. यदि कार 6 महीने से ज्यादा और 1 साल से कम पुरानी है तो 10 प्रतिशत डेप्रिसिएशन वैल्यू घटाया जाता है. IDV वास्तव में आपके कार की मौजूदा बाजार कीमत होती है. यही रकम कार चोरी होने के बाद बीमा कंपनी आपको देती है.

रेगुलर इंश्योरेंस पॉलिसी क्यों पर्याप्त नहीं

आपने अपनी ड्रीम कार के लिए जो रेगुलर इंश्योरेंस पॉलिसी ली है, वह पर्याप्त क्यों नहीं है, इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं. मान लीजिए कि आपने एक कार खरीदी जिसकी एक्स शो-रुम प्राइस 17 लाख रुपये है. अब इस कार की 1 साल के लिए Insured Declared Value (IDV) करीब 16.15 लाख रुपये होगी. यानी एक साल के अंदर कार चोरी हुइ तो आपको 16.15 लाख ही मिलेंगे. अगर आप रेगुलर पॉलिसी के साथ एक्लूसिव ऐड-ऑन ‘Return to Invoice’ लिया होता तो आपके नुकसान की भरपाई IDV की बजाय कार की वास्तविक कीमत के आधार पर तय होगी. इसको उपर के उदाहरण से समजते हैं. मान लो 2.5 साल बाद आपकी कार चोरी हो गइ तो एक नोर्मल पॉलिसी में आपको एक्स शो-रुम 17 लाख में से 15 प्रतिशत डेप्रिसिएशन वैल्यू काटके 14,45,000 रुपये मिलेगा. लेकिन अगर आपने RTI राइडर लिया है तो कार की वास्तविक किंमत यानी ओन रोड प्राइस 20 लाख रुपये है तो आपको पूरे 20 लाख रुपये मिलेंगे.

क्या है RTI Add-On

यह एक पॉपुलर ऐड-ऑन है जिसके जरिए आपको हुए नुकसान की काफी हद तक भरपाई हो सकती है. यह IDV और कार की इनवॉयस वैल्यू के बीच को गैप को भरने का काम करता है. RTI add-on के तहत आपको कार की कुल ऑन रोड प्राइस के बराबर क्लेम मिल सकता है. यह नॉर्मल इंश्योरेंस पॉलिसी से करीब 10 फीसदी अधिक महंगा पड़ता है लेकिन फायदे की वजह से इसे लेना बेहतर फैसला साबित हो सकता है. हालांकि आपकी कार अगर तीन साल से अधिक पुरानी है तो आप RTI Add-On नहीं ले सकते हैं.

Published - October 14, 2021, 03:50 IST