family health insurance: भारत में, हेल्थ इंश्योरेंस ज्यादातर उन लोगों के लिए प्रतिबंधित है जो 40 साल से अधिक उम्र के हैं, जिन पर कुछ गंभीर बीमारियों का जोखिम या उससे पीड़ित हैं या ऐसे परिवार की वित्तीय जिम्मेदारी उनके ऊपर हैं. लेकिन दुर्भाग्य से, ये कुछ सबसे बड़े मिथक हैं जो आपात स्थिति के समय लोगों को संकट में डाल रहे हैं. बीते 1.5 साल से चल रहे कोरोना के प्रकोप ने परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस (family health insurance) खरीदने का एक कारण दे दिया है. खासकर उस दौर में जहां पूरे परिवार को संक्रामक वायरस से जूझते हुए दिखाया गया हो. एक हेल्थ इंश्योरेंक के तहत पूरे परिवार की सुरक्षा से समय पर इलाज का फायदा मिलता है और इसके लिए आपको अपनी सेविंग्स भी खर्च नहीं करनी पड़ती है.
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के चलते अन्य परिवार के सदस्य जैसे बच्चे, वरिष्ठ नागरिक और गृहणियों को महंगे इलाज के खर्च के कारण असहाय नहीं होना पड़ेगा और न ही महंगे खर्च को चुकाने की चिंता करनी होगी.
और अब मानसून के मौसम के दौरान, जो विभिन्न वेक्टर बोर्न रोगों को जन्म देता है, खासकर इस दौरान वायरल संक्रमण और टाइफाइड भी संक्रामक होते हैं. इनसे आमतौर पर किसी एक सदस्य के संक्रमित हो जाने के बाद बाकी पूरे परिवार में भी संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है.
फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस इन तेजी से फैलने वाले संक्रामक रोगों से निपटने में एक अहम रोल अदा करता है. फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को लेने के कई फायदे हैं, जो इस संक्रामक मौसम को बिना किसी परेशानी के निकाल सकता है.
डेंगू, मलेरिया, टायफाइड और वायरल इंफेक्शन से निपटने के लिए कंपनियां अलग अलग फैमिली इंश्योरेंस प्लान कवर दे रही हैं. इंश्योरेंस रकम और परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार ऐसी मौसमी बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त फाइनेंशियल कवर दिया जाता है.
इंश्योर्ड परिवार के सदस्य अपने डायग्नोस्टिक टेस्ट, मेडिकल खर्च और एम्बुलेंस की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा इन पॉलिसी की मदद से कैशलेस या रिम्बर्समेंट के जरिए इलाज कराया जा सकता है. यह बिना किसी प्रतिबंध या चिंता के सभी संक्रमित सदस्यों के लिए मेडिकल खर्च में मदद करता है. फैमिली इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिए एक अन्य लाभ ओपीडी कवर भी शामिल है.
वायरल इंफेक्शन वाली बीमारियों में कई बार अस्पताल में भर्ती होने की बजाए रेगुलर डॉक्टर के पास जाने, कंसल्ट करने और लगातार चेक अप कराने की जरूरत पड़ती है. ओपीडी कवर के जरिए आप तमाम इलाज में आने वाले खर्च को इंश्योरेंस के जरिए भुना सकते हैं.
ओपीडी का समावेश पॉलिसी दर पॉलिसी और कंपनी दर कंपनी के आधार पर अलग अलग हो सकता है. क्योंकि कुछ ओपीडी कवर बेस पॉलिसी एक हिस्सा होती है जबकि कुछ में, यह ऑप्शनल कवर के तौर पर आती है.
ओपीडी विभाग या डॉक्टर के क्लिनिक आना जाना महंगा होता है और जब परिवार के एक से अधिक सदस्य बीमार होते हैं, तो इंश्योरेंस के बिना इलाज कराना जेब पर काफी भारी पड़ सकता है. इसके अलावा, फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी परिवार के लिए एक और सबसे बड़ा लाभ प्रदान करती हैं.
ये प्लान 21 साल से 25 साल की आयु तक के बच्चों को कवर करती हैं जिनका आमतौर पर किसी भी पर्सनल हेल्थ पॉलिसी के इंश्योरेंस नहीं होता है. और एक परिवार में बच्चों में वेक्टर जनित और संक्रमण से होने वाली बीमारियां काफी आम हैं. इस प्रकार फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस बच्चों के मामले में काफी मददगार है क्योंकि वे नाजुक होते हैं और अक्सर ऐसे संक्रमणों से लड़ने के लिए उनमें इम्युनिटी पावर कम होती है.
फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, अलग-अलग पर्सनल पॉलिसी की तुलना में ज्यादा आसान है क्योंकि इसको मैनेज करना आसान है. साथ ही अलग अलग इंश्योरेंस पॉलिसी की तुलना में फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का प्रीमियम कम होता है.
इसलिए, फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस होने से संक्रमण के चरम मौसम में पूरे परिवार को इससे कई फायदे हैं. इससे पूरे परिवार की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है.