Drone Insurance: नई कंप्रिहेंसिव पॉलिसी में क्या है खास, जानिए यहां

Drone Insurance in India: ऐसी कई कंपनियां हैं, जो ड्रोन इंश्योरेंस की सुविधा दे रही हैं. विशेष रूप से यह निश्चित आकार वाले ड्रोन को मिलती हैं

  • Team Money9
  • Updated Date - August 14, 2021, 12:23 IST
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इस परियोजना का शुभारंभ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यमंत्री के.टी. रामाराव और सविता इंद्रा रेड्डी की उपस्थिति में किया गया

इस परियोजना का शुभारंभ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यमंत्री के.टी. रामाराव और सविता इंद्रा रेड्डी की उपस्थिति में किया गया

महाराष्ट्र के बीड़ जिले में 2016 में हुई भीषण बारिश के बाद HDFC ERGO ने वहां ड्रोन की मदद से फसल के नुकसान का पता लगाया था. ड्रोन उन इलाकों में काफी मददगार साबित होता है, जहां मनुष्य की पहुंच संभव नहीं हो पाती. यहां तक कि कोरोना के दौर में राज्य और केंद्र सरकार ने इसकी मदद से हालात का अंदाजा लगाया था. ड्रोन के इस्तेमाल में न केवल थर्ड पार्टी की लायबिलिटी, बल्कि खुद के नुकसान के लिए भी बीमा होना अनिवार्य हो गया है.

ड्रोन दरअसल मानव-रहित एरियल व्हीकल होता है. इसे पायलट की मदद के बिना उड़ाया जाता है. इसका कंट्रोल कुछ ही दूरी पर मौजूद इंसान के पास होता है.

ड्रोन इंश्योरेंस

ड्रोन इंश्योरेंस की जानकारी देते हुए सिक्योर नाऊ इंश्योरेंस ब्रोकर के सीईओ और फाउंडर कपिल मेहता ने बताया कि ऐसी कई कंपनियां हैं, जो इसकी सुविधा दे रही हैं. विशेष रूप से यह निश्चित आकार वाले ड्रोन को मिलती हैं. उनका कहना है, ‘अगर ड्रोन उड़ते वक्त DGCA के नियमों का उल्लंघन करता है, तो ये कवर नहीं माना जाएगा. अन्य नियमों के तहत नाइट फ्लाइट, खतरनाक सामान लेकर उड़ने, एयरपोर्ट के करीब उड़ाने आदि का पालन करना बेहद जरूरी है.’

HDFC ERGO के अलावा, टाटा AIG और ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस भी ड्रोन इंश्योरेंस की सुविधा दे रहा है. पॉलिसी के बारे में अलग बात यह है कि ये कंप्रिहेंसिव पॉलिसी है. इसमें ड्रोन की किसी भी प्रकार की चोरी या हानि या क्षति को कवर किया गया है. इसमें पेलोड (कैमरा/उपकरण) के साथ-साथ थर्ड पार्टी की देनदारियां भी शामिल हैं.

यह पे प्रति यूज मॉडल के साथ आता है, जो ग्राहकों को उनकी आवश्यकता के आधार पर पॉलिसी चुनने की आजादी देता है. वे एक दिन, एक सप्ताह, एक महीने या सालाना पॉलिसी को चुन सकते हैं.

6 रिस्क कवर

इस पॉलिसी में छह प्रकार के रिस्क कवर किए जाते हैं –

i) पॉलिसी में चोरी और गायब होने सहित ड्रोन को होने वाले किसी भी नुकसान का कवर है. टूट-फूट या समय के साथ धीरे-धीरे खराब होने वाला या डीजीसीए के दिशानिर्देशों का पालन न करने पर कोई कवर नहीं मिलता है.

ii) पेलोड कवर पेलोड के अचानक होने वाले फिजिकल नुकसान का बीमा करता है.

iii) वहीं, उपकरण कवर में ड्रोन के पुर्जे, इंजन और संबंधित सामान शामिल होते हैं.

iv) पर्सनल एक्सीडेंट कवर देश में ड्रोन चलाने के दौरान होने वाली दुर्घटना और उससे होने वाली शारीरिक चोट के लिए बीमाधारक/अधिकृत ऑपरेटर पर लागू होता है.

v) मेडिकल इंश्योरेंस कवर बीमाधारक ऑपरेटर के लिए है, जिसे ड्रोन की उड़ान के कारण लगने वाली शारीरिक चोट पर अस्पताल में भर्ती कराया जाए.

vi) थर्ड पार्टी लायबिलिटी के तहत ड्रोन चलाने के कारण अचानक लगने वाली शारीरिक चोट और संपत्ति के नुकसान के लिए कवरेज दिया जाता है.

9 ऐड-ऑन

इस पॉलिसी में नौ अतिरिक्त ऐड-ऑन हैं. जैसे कि अल्टरनेट हायर चार्ज, ड्रोन फाइट लायबिलिटीज, साइबर लायबिलिटीज कवर, प्राइवेसी कवर और बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट (BVLOS) आदि. खासकर अगर ICICI लोम्बार्ड प्रोडक्ट की बात करें तो मेहता ने बताया कि इसमें कुछ प्रासंगिक ऐड-ऑन हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ केस में ICICI फ्लाइट के नजर से ओझिल हो जाने की मंजूरी देता है. यह आमतौर पर बीमा नहीं है. पेमेंट-प्रति-उपयोग मॉडल भी यहां लागू होता है क्योंकि ड्रोन के उड़ान के घंटे काफी अलग हो सकते हैं.’

विशेष रूप से, ड्रोन का इस्तेमाल सिर्फ विजुअल लाइन ऑफ साइट (VLOS) के अंदर और दिन के दौरान DGCA दिशानिर्देशों के अनुसार किया जा सकता है. हालांकि, कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए BVLOS संचालन भी जरूरत बन जाता है. मेहता कहते हैं, ‘ऐसे मामलों में ICICI लोम्बार्ड ड्रोन बीमा उन ऑपरेटरों के लिए वरदान होगा, जो निकट भविष्य में BVLOS संचालन में शामिल हो रहे हैं.’

Published - August 14, 2021, 12:23 IST