हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त इन 9 बातों का रखें ख्याल

इंश्योरेंस खरीदने से पहले, आपको कई बातों का ख्याल रखना होगा. इंश्योरेंस से जुड़े सभी नियमों को समझने के लिए सही जानकारी होना आवश्यक है.

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अगर कोई इमरजेंसी आती है, तो उसके भारी खर्चों का बोझ आपकी जेब पर पड़ेगा

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इस महामारी ने लोगों को समझाया कि एक हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) होना कितना जरूरी है. कह सकते हैं कि इस महामारी ने लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति जागरूक किया है. ये देखते हुए ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां आकर्षक फीचर्स ऑफर कर रही हैं. लेकिन इंश्योरेंस खरीदने से पहले, आपको कई बातों का ख्याल रखना होगा. इंश्योरेंस से जुड़े सभी नियमों और शर्तों को समझने के लिए सही जानकारी होना आवश्यक है. इसलिए Money9 आपके लिए एक 9-पॉइंट की एक आसान गाइड लेकर आया है जो आपको एक सूटेबल हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने में मदद करेगी.

मिनिमम, मैक्सिमम सम इंश्योर्ड

हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में मिनिमम सम इंश्योर्ड 1 लाख रुपये होगा और मैक्सिमम सम इंश्योर्ड बायर के प्रीमियम भरने की कैपेसिटी पर निर्भर करेगा. इंडीविजुअल हेल्थ पॉलिसी में, सम इंश्योर्ड एक व्यक्ति पर लागू होगा जबकि फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में, सम इंश्योर्ड पूरे परिवार पर लागू होगा.

एलिजिबिलिटी ऐज

एंट्री के लिए न्यूनतम आयु 1 साल और अधिकतम आयु 65 साल है. सीनियर सिटीजन स्कीम्स के लिए अधिकतम आयु 80 साल है. हालांकि, पॉलिसी से एग्जिट की कोई उम्र नहीं है. पॉलिसियां लाइफ लॉन्ग रिन्यूएबिलिटी के अधीन हैं.

मोड ऑफ प्रीमियम पेमेंट

सभी प्रीमियम पेमेंट मोड अवेलेबल हैं. आप प्रीमियम का पेमेंट वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक या मासिक भी कर सकते हैं. प्रीमियम पैन इंडिया बेसिस पर है. हर जगह इसका प्रीमियम समान ही रहेगा. आप इसका पेमेंट चेक, कार्ड, नेट बैंकिंग और UPI के जरिए कर सकते हैं.

क्युमुलेटिव बोनस

हर क्लेम फ्री पॉलिसी ईयर में सम इंश्योर्ड (बोनस को छोड़कर) में 5% का इजाफा किया जाएगा, बशर्ते पॉलिसी को बिना ब्रेक के रिन्यू किया जाए, जो सम इंश्योर्ड के अधिकतम 50% के अधीन हो. यदि किसी साल क्लेम किया जाता है, तो क्युमुलेटिव बोनस को उसी रेट से घटाया जा सकता है जिस रेट से वो बढ़ा है.

प्रीमियम पेमेंट के लिए ग्रेस पीरियड

एनुअल प्रीमियम पेमेंट मोड के लिए, ग्रेस पीरियड के तौर पर 30 दिनों का एक फिक्स्ड पीरियड दिया जाता है. वहीं, पेमेंट के अन्य सभी मोड्स के लिए, ग्रेस पीरियड के तौर पर15 दिनों का फिक्स्ड पीरियड दिया जाता है.

कवर किए गए एक्सपेंस

किसी भी बीमारी के इलाज पर होने वाले सभी खर्चों को आम तौर पर एक हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा कवर किया जाता है. अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद में, ओपीडी कंसल्टेशन फीस, मेडिसिन बिल, पैथोलॉजिकल खर्चे आदि सभी इंश्योरेंस में कवर होते हैं.

कैटरेक्ट (मोतियाबिंद) के लिए सम इंश्योर्ड का 25% या 40,000 रुपये, जो भी कम हो, प्रति आंख तक कवर किया जाएगा. बीमारी या चोट की वजह से आवश्यक डेंटल ट्रीटमेंट, बीमारी या चोट की वजह से आवश्यक प्लास्टिक सर्जरी, डे-केयर ट्रीटमेंट ये सभी खर्च हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होते हैं.

मेंबर

कोई अपने जीवनसाथी, 2/3 बच्चे, माता-पिता और अपने सास-ससुर को प्लान में जोड़ सकता है. 3 महीने से 25 साल के बीच के डिपेंडेंट बच्चे एलिजिबल हैं. यदि बच्चे की उम्र 18 साल से ऊपर है और वो फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट है, तो बाद में पॉलिसी रिन्यू के समय वो एलिजिबल नहीं होगा.

फ्री लुक पीरियड

पॉलिसी के नियमों और शर्तों को रिव्यू करने और मंजूर नहीं होने पर पॉलिसी को कैंसिल करने के लिए बीमित व्यक्ति को पॉलिसी मिलने की तारीख से कम से कम 15 दिनों
का समय दिया जाता है.

को-पे ( सह-भुगतान)

सभी क्लेम पर न्यूनतम 5% का फिक्स्ड सह-भुगतान सभी उम्र में लागू होगा. आसान शब्दों में, हेल्थ इंश्योरेंस में सह-भुगतान, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत इंश्योर्ड व्यक्ति द्वारा वहन की जाने वाले क्लेम अमाउंट का प्रतिशत है. हालांकि, शेष राशि का भुगतान इंश्योरर द्वारा किया जाएगा.

Published - August 8, 2021, 02:29 IST