इस वक्त मेडिकल खर्च अपने चरम पर हैं, इसका साफ मतलब हुआ कि सर्जरी और इलाज का खर्च बेतहाशा बढ़ चुका है. एक अच्छे मेडिकल इंश्योरेंस (insurance) के बिना बीमारी का इलाज कराना परिवार की आर्थिक स्थिति की कमर तोड़ देता है. सारी सेविंग्स को खर्च कर सकता है. ज्यादातर लोग अपने परिवार के बुजुर्गों और माता पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं, क्योंकि उन्हें बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए आपको एक अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत है. जानिए अपने बुजुर्ग मां-बाप के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.
ये एक आम जानकारी है कि आप कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदेंगे तो आपको कम प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा. उम्र बढ़ने के साथ पॉलिसी कंपनियों के प्रीमियम भी बढ़ जाते हैं. इसके साथ ही कंपनियां ज्यादा उम्र में कई बंदिशें लगा देती है. जैसे कई बीमारियों का कवर नहीं मिलता है. इसलिए कोशिश कीजिए कि अपने माता-पिता के लिए इंश्योरेंस खरीदने के लिए ज्यादा उम्र तक इंतजार न करें. अधिक उम्र होने से पूर्व किसी गंभीर बीमारी का शिकार बनने से पहले ही उनके लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदें.
बाजार का बहुत तरह के इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, इसलिए अच्छी पॉलिसी का चुनाव करना काफी कठिन हो गया है. लेकिन माता पिता के लिए सबसे अच्छा इंश्योरेंस बीमा खरीदने से पहले हमें बेहद सतर्कता के साथ चुनाव करना चाहिए. इसके अलावा परिवार की मेडिकल हिस्ट्री से आपको इंश्योरेंस खरीदने से पहले एक अंदाजा हो जाएगा कि कौन सी बीमारियां कवर होना जरूरी हैं? इसके अलावा इंश्योरेंस खरीदने से पहले अपने आर्थिक सलाहकार से भी बातचीत करनी चाहिए.
इंश्योरेंस एक्सपर्ट अक्सर ये सलाह देते हैं कि परिवार के बड़े-बुजुर्ग (45 साल से ज्यादा) लोगों के लिए ऐसा इंश्योरेंस कवर लेना चाहिए जो कम से कम 15 लाख से 30 लाख तक का हो.
माता-पिता के लिए खरीदा जाने वाला इंश्योरेंस पुरानी बीमारियों के संदर्भ में कई अलग अलग नियम शर्तों के हिसाब से आता है. कुछ पॉलिसी पहले से मौजूद बीमारियों को पूरी तरह से कवर के बाहर रखती हैं जबकि अन्य पॉलिसी ऐसी बीमारियों से संबंधित क्लेम कॉस्ट का अंदाजा लगाने के लिए वेटिंग पीरियड रखती हैं. इसलिए पुरानी बीमारियों के लिए दिया जाना वाले वेटिंग पीरियड और शर्तों को जानना बेहद जरूरी हो जाता है. ध्यान रखना चाहिए कि ये वेटिंग पीरियड 2 से 4 साल से ज्यादा का नहीं होना चाहिए. आप उस स्थिति में फंसना तो बिल्कुल नहीं चाहेंगे जहां आपने हेल्थ इंश्योरेंस के लिए बड़ी रकम खर्च की हो लेकिन क्लेम के वक्त आपको लंबी वेटिंग पीरियड के चलते इसका फायदा ना मिले.
हेल्थ इंश्योरेंस में को-पेमेंट प्लान कुल मेडिकल खर्च का वो हिस्सा होता है, जिसका भुगतान आपको अपनी जेब से करना होता है. अपने माता-पिता के लिए इंश्योरेंस खरीदने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि वो पैसा आपको अपनी जेब से भुगतान न करना पड़े. फिर भी कुल मेडिकल बिल का अधिकतम को-पेमेंट प्लान 10 से 20 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
अगर आपने इन बातों का ध्यान हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हुए नहीं रखा तो आप खुद इलाज के खर्च का बड़ा हिस्सा अपनी जेब से खर्च होते देखेंगे. इसलिए हमारे विचार से इंश्योरेंस के ज्यादा प्रीमियम पर ध्यान न देते हुए वो प्लान चुनना चाहिए जिसमें आपको को-पेमेंट कम से कम करना पड़े. क्योंकि प्रीमियम में आने वाला खर्च, को-पे की तुलना में बेहद कम होता है.
किसी भी इंश्योरेंस कंपनी का क्लेम सैटलमेंट रेशो, कुल क्लेम के लिए आए केसों में से भुगतान किए जा चुके केसों के अनुपात में होता है. इसका सीधा सा मतलब होता है कि जिस कंपनी का क्लेम सैटलमेंट का रिकॉर्ड अच्छा है, हमें उसी का चुनाव करना चाहिए. इंश्योरेंस कंपनी चुनने से पहले ध्यान रखें कि उसका क्लेम सैटलमेंट अनुपात 90% से ज्यादा होना चाहिए. आप कंपनी की इस जानकारी को उसकी वेबसाइट या ब्रॉशर पर भी देख सकते हैं.
एक व्यक्ति के लिए लिया गया हेल्थ इंश्योरेंस सिंगल प्लान सिर्फ एक व्यक्ति के इलाज का कवर देता है, जबकि फैमिली फ्लोटर प्लान में परिवार के हर सदस्य का इलाज संभव हो सकता है. उदाहरण के लिए अगर आप परिवार के लिए 10 लाख रुपए कवर वाला कोई इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं तो उसे एक व्यक्ति या परिवार का हर सदस्य सालभर के अंदर इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन इंश्योरेंस का कवर 10 लाख रुपए ही रहेगा. इसलिए अगर परिवार के किसी एक सदस्य के इलाज में 10 लाख रुपए खर्च हो जाते हैं. तो परिवार के बाकी सदस्य का इलाज इस कवर में सालभर में संभव नहीं हो पाएगा.
माता-पिता के लिए ली जाने वाली ऐसी पॉलिसी अक्सर घातक साबित होती हैं क्योंकि बुढ़ापे में आप किसी बीमारी का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं. अगर आपकी फ्लोटर पॉलिसी पहले से खर्च हो चुकी है और माता-पिता को इस बीच इलाज की जरूरत पड़ती है तो आप एक गंभीर स्थिति में फंस सकते हैं. इसलिए सही फैसला होगा कि आप अपने मां-बाप के लिए एक अलग से पॉलिसी खरीदें, ताकि विपरित स्थिति में बिना किसी समस्या पूरे साल उनका सही और बेहतर इलाज हो सके.
इसके साथ ही इन दिनों कंपनियां काफी नए और अच्छे प्लान के साथ बाजार में मौजूद हैं. इसमें ऐसे हेल्थ प्लान्स भी शामिल हैं जहां पूरा परिवार एक ही पॉलिसी में कवर होता है लेकिन अलग-अलग सब लिमिट्स के साथ. इस पॉलिसी में परिवार का हर व्यक्ति बेहद आसानी से कवर हो सकता है.
ये वो खास बातें हैं जो आपको हेल्थ पॉलिसी खरीदने से पहले अपने दिमाग में रखनी चाहिए. सभी सवाल को ध्यान में रखते हुए सभी शर्तों को पढ़ने के बाद ही आपको पॉलिसी खरीदनी चाहिए. आखिर में अपने माता-पिता के लिए एक पॉलिसी अलग से लें और खरीदते वक्त उम्र के हिसाब से उनके कवरेज का खास ख्याल रहें
(लेखक एक चार्टर्ड एकाउंटेंट और प्रोफेशनल हैं जो युवाओं, आम लोगों और और उभरते HNIs सहित वेल्थ मैनेजमेंट पर अपने विचार रखते आएं हैं. उनसे ईमेल आईडी adukia.rishabh@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है. लेख में उनके निजी विचार हैं.)
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