देश के बीमा उद्योग में नई कंपनियों का सूखा जल्द दूर होने वाला है. बीमा नियामक इरडा के पास मंजूरी के लिए 20 कंपनियों के आवेदन हैं. इनमें से करीब एक दर्जन बीमा कंपनियों के इसी साल कारोबार शुरू करने के आसार हैं. इरडा की इस कवायद का लक्ष्य वर्ष 2047 तक देश के हर नागरिक को जीवन, स्वास्थ्य और संपत्ति बीमा कवर मुहैया कराना है.
दरअसल, देश में अभी बीमा का दायरा बहुत ही सीमित है. आर्थिक सर्वे 2022-23 के अनुसार वर्ष 2020-21 में देश में जीवन बीमा कंपनियों की Penetration यानी पहुंच 3.2 फीसद रही. पेनेट्रेशन का मतलब है कि देश की जीडीपी में बीमा प्रीमियम का योगदान. हालांकि वर्ष 2021-22 में सालाना आधार पर जीवन बीमा प्रीमियम में 10.2 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई है. कुल प्रीमियम संग्रह में नए कारोबार से आय का योगदान 45.5 फीसद रहा है. सर्वे के अनुसार भारत आने वाले दशक में सबसे तेजी से बढ़ते बीमा बाजारों में शामिल होगा. देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए ही इरदा पिछले कुछ महीनों से ताबड़तोड़ फैसले ले रहा है.
क्या है योजना
इरडा ने इस साल लगभग एक दर्जन बीमा कंपनियों को लाइसेंस जारी करने की योजना बनाई है. इससे पहले करीब एक दशक के लंबे अंतराल के बाद पिछले साल तीन कंपनियों को बीमा लाइसेंस दिए गए हैं. नए लाइसेंस प्राप्त करने वाली कंपनियों में क्षेमा जनरल इंश्योरेंस, क्रेडिट एक्सेस लाइफ और एको लाइफ शामिल हैं. नई कंपनियों के शामिल होने से देश में अब जीवन बीमा के कारोबार में 25 और सामान्य बीमा के क्षेत्र में 34 कंपनियां हो गई हैं. इस साल नई कंपनियों को लाइसेंस मिलने के बाद बीमा कंपनियों का आंकड़ा करीब 20 फीसद बढ़कर 70 के पार पहुंच जाएगा.
क्या है स्थिति?
देश में अभी बीमा का मुख्य कारोबार शहरों तक सीमित है. ग्रामीण क्षेत्र में इसके विस्तार की व्यापक संभावनाएं हैं. दरअसल बीमा कंपनियां फिलहाल जो उत्पाद बेच रही हैं वह शहरी क्षेत्र के लोगों के हिसाब से ही तैयार किए गए हैं. बीमा के मौजूदा उत्पाद आम लोगों को आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं. इसकी बड़ी वजह इन उत्पादों का आम लोगों की पहुंच से दूर होना है. जाहिर है साल 2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में बीमा उद्योग का दायरा बढ़ाने की जरूरत है. अभी भारतीय बीमा उद्योग विश्व का 10वां बड़ा बाज़ार है. मौजूदा समय में बीमा क्षेत्र में करीब 57,000 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है. इरडा को उम्मीद है 2027 तक घरेलू बीमा बाजार 200 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.
क्या होगा फायदा?
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट डॉ. राहुल शर्मा कहते हैं कि बीमा क्षेत्र में बड़ी संख्या में नई कंपनियों के आने से बाजार में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा. इससे बीमा ग्राहकों के लिए कंपनियों में नए और आकर्षक उत्पाद लांच करने की होड़ मचेगी. साथ ही कंपनियां बीमा के प्रीमियम की दरें भी कम कर सकती हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा लोग बीमा लेने की ओर आकर्षित होंगे. कौनसा बीमा क्यों और कितना जरूरी है, इसको लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ेगी. बाजार में पहले से मौजूद दिग्गज कंपनियों का दबदबा खत्म होगा. डॉ. शर्मा कहते हैं कि बीमा उद्योग का दायरा बढ़ने का एक और बड़ा फायदा यह होगा कि कंपनियां देशभर में अपने कार्यालय खोलेंगी, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का बढ़ाएंगी. इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिलेंगे.