कई बार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय ग्राहक उसकी शर्तें ठीक से समझ नहीं पाते. ऐसा बीमा पॉलिसी की कठिन और तकनीकी भाषा के कारण है. यही वजह है कि बहुत से ग्राहक अनजाने में गलत पॉलिसी खरीद लेते हैं. इसी समस्या को दूर करने के लिए भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने अहम फैसला लिया है. जिसके तहत बीमा पॉलिसियों के शब्दों को सरल बनाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है. आठ सदस्यीय समिति को इस बारे में 8-10 सप्ताह के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपने को कहा गया है.
इरडा ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि पॉलिसीधारकों के लिए बीमा में उपयोग की जाने वाली भाषा की जटिलता के कारण पॉलिसी नियमों और शर्तों को समझने में कठिनाई होती है. इससे बीमा पॉलिसी खरीदते समय पॉलिसीधारकों के बीच भ्रम पैदा होता है. इसी को दूर करने के लिए पैनल को मौजूदा बीमा पॉलिसी शब्दों की जांच करने और “सरल एवं स्पष्ट” शब्दों का सुझाव देने के लिए कहा गया है. इसे प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड दोनों के लिए लिखित में देना होगा. नियामक के मुताबिक सुझाव ऐसे होने चाहिए जो आसानी से पढ़ें जा सकें और समझने योग्य हों.