कोरोना काल के बाद से स्वास्थ्य बीमा की डिमांड काफी तेज हो गई है, लेकिन अभी तक महज 65 साल की उम्र तक के लोगों को ही हेल्थ बीमा खरीदने की छूट थी. मगर भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने नियमों को आसान बना दिया है. इसके तहत अब किसी भी उम्र के व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा खरीद सकते हैं, ये बदलाव 1 अप्रैल, 2024 से लागू कर दिए गए हैं, इससे लोगों को काफी मदद मिली है.
हेल्थ बीमा पॉलिसी खरीदने की आयु सीमा हटाए जाने से ज्यादा लोग इंश्योरेंस लेने के लिए प्रेरित हुए हैं. बीमा कराने वालों की सुविधा ने लिए IRDAI ने बीमाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे सभी आयु समूहों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य बीमा उत्पाद पेश करें. बीमाकर्ता वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, बच्चों, मैटरनिटी और सक्षम प्राधिकारी की ओर से निर्दिष्ट किसी भी अन्य समूह के लिए खास तरह की बीमा पॉलिसी तैयार कर सकते हैं. बीमा नियामक की ओर से किए गए इस बदलाव का मसकद भारत में ज्यादा इंक्ल्यूसिव स्वास्थ्य सेवा सिस्टम बनाना और इंश्योरेंस कंपनियों को अपनी पॉलिसी में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
दावों और शिकायतों के निपटारे के लिए खास व्यवस्था
IRDAI ने स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर पॉलिसियां पेश करने और उनके दावों और शिकायतों के निपटारे के लिए पूरी तरह से समर्पित चैनल स्थापित करने का भी निर्देश दिया है. इसके अलावा नियामक ने बीमा कंपनियों को अब कैंसर, हृदय या गुर्दे की विफलता और एड्स जैसी गंभीर चिकित्सा स्थितियों वाले व्यक्तियों को पॉलिसी जारी करने से मना करने पर भी रोक लगा दी गई है.
वेटिंग पीरियड भी घटाया
IRDAI ने स्वास्थ्य बीमा के वेटिंग पीरियड को भी घटाने का फैसला किया है. इसे अब 48 महीने से घटाकर 36 महीने कर दिया है. बीमा नियामक ने स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को इन 36 महीनों के बाद पूर्व-मौजूदा स्थितियों के आधार पर दावों को खारिज करने से प्रतिबंधित किया है. इसके अलावा बीमा कंपनियों को क्षतिपूर्ति-आधारित स्वास्थ्य पॉलिसियां शुरू करने से रोक कर लाभ-आधारित पॉलिसियां देने के लिए कहा है.