अब 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग भी हेल्थ बीमा खरीद सकेंगे. दरअसल भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने स्वास्थ बीमा पॉलिसी लेने के लिए अधिकतम प्रवेश आयु को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है. इससे किसी भी उम्र के व्यक्ति स्वास्थ बीमा कवरेज से अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकेंगे. वर्तमान में नई बीमा पॉलिसी लेने की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष है. नियामक ने बीमाकर्ताओं से इन क्षेत्रों में विविध आवश्यकताओं को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों और खास डेमोग्राफी के अनुसार नीतियां पेश करने का आग्रह किया है. इसके अलावा इरडा ने कुछ और सुझाव दिए हैं.
अलग-अलग अवधि के लिए हों पॉलिसी
इरडा ने प्रस्ताव दिया है कि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां पांच साल तक की लंबी अवधि की स्वास्थ्य पॉलिसी पेश कर सकते हैं, जबकि सामान्य बीमाकर्ता और स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता अधिकतम तीन साल की अवधि के लिए पॉलिसी पेश कर सकते हैं.
लाभ-आधारित नीतियों का करें रुख
इरडा ने सुझाव दिया है कि जीवन बीमाकर्ताओं को लाभ-आधारित नीतियों की ओर रुख करना चाहिए. इसमें बीमा के तहत कवर की गई बीमारी के होने पर निश्चित लागत मुहैया कराई जाती है, जबकि अस्पताल के खर्चों की भरपाई करने वाली क्षतिपूर्ति-आधारित नीतियां इसके दायरे से बाहर होंगी.
रिन्युअल को बनाया जाए आसान
इरडा ने सुझाव दिया है कि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसी रिन्युअल करते समय, अगर बीमा राशि में कोई बदलाव न हो, तो पॉलिसीधारक का स्वास्थ्य परीक्षण करने से बचना चाहिए. इससे पॉलिसीधारकों के लिए पॉलिसी रिन्युअल कराने का अनुभव बेहतर और आसान होगा.
दावे के निपटान को बेहतर बनाना
इरडा ने यह भी सुझाव दिया है कि लाभ-आधारित पॉलिसी के तहत विभिन्न बीमा कंपनियों के जरिये एक साथ कई दावे करने की अनुमति दी जानी चाहिए. इससे बीमा लेने वाले को कई विकल्प मिलेंगे. इसके अलावा ड्रॉफ्ट रेगुलेशन से वरिष्ठ नागरिकों की शिकायतों और दावों का समाधान करने में मदद मिलेगी.