Insurance Policy: बीमा खरीदना ही काफी नहीं, इन बातों का रखना होगा ख्याल

Insurance Policy: आपको परिवार के सदस्यों को इंश्योरेंस पॉलिसियों के बारे में बताना चाहिए और उन्हें सेटलमेंट प्रोसेस भी समझाना चाहिए.

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इंश्योरर को कंट्रोल एनवायरमेंट में नए और इनोवेटिव प्रोडक्ट को टेस्ट करने की परमिशन है, जिसके लिए रेगुलेटर कुछ छूट भी देता है

इंश्योरर को कंट्रोल एनवायरमेंट में नए और इनोवेटिव प्रोडक्ट को टेस्ट करने की परमिशन है, जिसके लिए रेगुलेटर कुछ छूट भी देता है

Insurance Policy: इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना ही काफी नहीं है. इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) खरीदने के बाद भी आपको कई चीजों को ध्यान में रखना होता है. इसमें आपके परिवार को सूचित करने से लेकर हर साल आपकी बीमा राशि पर दोबारा गौर करने जैसी कई चीजें शामिल हैं. जरूरत के समय अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) खरीदने के बाद की कुछ जरूरी बातें यहां बताई गई हैं:

नॉमिनीज को सूचित करें

सबसे पहली बात आपको परिवार के सदस्यों को इंश्योरेंस पॉलिसियों के बारे में बताना चाहिए और उन्हें सेटलमेंट प्रोसेस भी समझाना चाहिए. ये कदम उन्हें भविष्य में इसकी जरूरत पर पड़ने पर क्या करना है इसके लिए तैयार रखता है.

हो सकता है इस पर बातचीत करना आसान न हो, लेकिन नॉमिनी को अगर पहले से इसकी जानकारी होगी तो उनके लिए क्लेम करना आसान होगा. उन्हें पता होना चाहिए हेल्थ और टर्म क्लेम फाइल करते समय किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है.

यदि इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) किसी एजेंट से खरीदी गई है तो नॉमिनी को उसकी कॉन्टैक्ट डिटेल दें ताकि जरूरत के वक्त उन्हें पता हो कि क्लेम प्रोसेस करने के लिए उन्हें किससे संपर्क करना है.

पॉलिसी डॉक्युमेंट

आपके परिवार के सदस्य को सभी इंश्योरेंस पॉलिसियों के बारे में पता होना चाहिए. पॉलिसी (Insurance Policy) की डिटेल्स के बारे में जानने के अलावा उन्हें पॉलिसी डॉक्यूमेंट कहां रखें हैं इसकी जानकारी भी होनी चाहिए.

आपके पति या पत्नी या परिवार के अन्य सदस्यों को पता होना चाहिए कि पॉलिसी डॉक्युमेंट कहां रखे गए हैं ताकि किसी अप्रिय घटना होने के समय उन्हें पता हो उन डॉक्युमेंट को कहां देखना है.

ई-पॉलिसी

इस डिजिटल युग में आपके पास प्रपोजल फॉर्म भरते समय इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस अकाउंट चुनने का ऑप्शन भी है. यह आपके सभी इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट्स को डिजिटल रूप में रखता है, जिन्हें बाद में एक्सेस करना आसान हो जाता है.

हाल ही में इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से डिजिलॉकर के जरिए डिजिटल पॉलिसी (Insurance Policy) जारी करने को कहा है.

बीमा राशि पर दोबारा गौर करें

कोरोना वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होने की लागत काफी बढ़ गई है. इसलिए बदलती जरूरतों के हिसाब से अपनी बीमा राशि (Insurance Policy) को लगातार रिवाइज करने की आवश्यकता है. इसी तरह, जिम्मेदारियां बढ़ने पर, जैसे कि शादी और परिवार में एक नए सदस्य के जुड़ने पर कवरेज को बढ़ाने की भी जरूरत होती है.

यदि आपने होम लोन लिया है,जिसकी वजह से आपकी लायबिलिटीज बढ़ी है तो ऐसे में आपको मौजूदा टर्म प्लान बढ़ाने या नया टर्म प्लान लेने पर भी विचार करना चाहिए.

Published - July 5, 2021, 06:28 IST