सरकारी प्रयासों की वजह से बीते सालों में भारत में इंश्योरेंस की पहुंच (Insurance Penetration) में बढ़ोतरी देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2001 से 2009 के बीच यह 2.71% से बढ़कर 5.20% हो गया, लेकिन, 2014 में यह गिरकर 3.3% पर आ गया है. 2015 में सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) पेश किया, जिसके तहत 12 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जाता है. इसी तरह, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJY) भी पेश की गई, जिसमें 330 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का जीवन बीमा मिलता है. SBI Ecowrap के मुताबिक, इन दोनों योजनाओं की वजह से वित्त वर्ष 2015 से इंश्योरेंस की पहुंच में इजाफा हुआ है और 2020 में यह 4.20% हो गया.
कोरोना महामारी की वजह से बीमा क्षेत्र में तेजी देखने को मिल रही है. वित्त वर्ष 2021 के दौरान नए प्रीमियम में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. भारत में अभी विभिन्न पेंशन व बीमा योजनाओं में 68.98 करोड़ नामांकन मौजूद हैं. जिसमें से 10.34 करोड़ PMJJBY और 23.40 करोड़ PMSBY में नामांकित हैं. 2015 से 2021 के बीच बीमा कंपनियों ने 17 करोड़ लोगों को जीवन बीमा से जोड़ा है. इसी अवधि में PMJJY योजना से 10 करोड़ लोगों को जोड़ा गया.
SBI की रिपोर्ट में बताया गया है कि असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन कवरेज में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. Atal Pension Yojana (APY) के तहत जून 2021 में 3.13 करोड़ लोगों को शामिल किया गया.
वर्तमान में, ऐसी योजनाओं में करीब 1.1 करोड़ महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा जीवन बीमा क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. वित्त वर्ष में इनकी भागीदारी 32 फीसदी थी. PMSBY में महिलाओं की हिस्सेदारी 37 फीसदी है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दो अन्य उपायों के जरिए बीमा सुरक्षा में बढ़ोतरी की जा सकती है. इसमें MGNREGA को भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की सिफारिश की गई है. साथ ही कहा गया है कि MGNREGA कामगारों को आवश्यक रूप से PMJJBY और PMSBY शामिल किया जाए.
सरकार ने Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (AB-PMJAY) पेश किया है. इसमें 16.14 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं. सरकार को हेल्थ इंश्योरेंस बढ़ाने के लिए योजना पेश करनी चाहिए. इसके लिए बचत खातों से प्राप्त ब्याज से मेडीक्लेम पॉलिसी खरीदी जा सकती है.