पॉलिसी होल्डर को क्लेम या इंश्योरेंस कंपनी से कोई शिकायत हो तो वे इंश्योरेंस ओम्बड्समैन (Insurance Ombudsman) के पास शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. सरकार ने लोगों की शिकायतों के निपटारे के लिए इंश्योरेंस ओम्बड्समैन का गठन किया है. फिलहाल देश में अलग-अलग राज्यों में कुल 17 इंश्योरेंस ओम्बड्समैन हैं और कोई भी इनतक अपनी शिकायत पहुंचा सकता है.
ओम्बड्समैन इंश्योरेंस कंपनी और पॉलिसी धारक के लिए मध्यस्थ का काम करता है. ओम्बड्समैन के जरिए अगर सेटलमेंट होता है तो उसपर 15 दिन के अंदर इंश्योरेंस कंपनियों को अमल करना होता है. अगर सेटलमेंट मंजूर नहीं है तो ओम्बड्समैन को शिकायतकर्ता से सभी जरूरी कागजात पाने के 3 महीने के अंदर फैसला लेना होता है. इंश्योरेंस कंपनी को ओम्बड्समैन के इस फैसले पर अमल करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाता है.
इंश्योरेंस से जुड़ी शिकायत सिर्फ पॉलिसी होल्डर ही नहीं, बल्कि उनके नॉमिनी या वारिस भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
इंश्योरेंस ओम्बड्समैन (Insurance Ombudsman) के पास तब शिकायत कर सकते हैं जब आपने पहले एक बार इंश्योरेंस कंपनी को अपनी शिकायत बताई हो. अगर इंश्योरेंस कंपनी ने आपकी शिकायत रिजेक्ट कर दी है, 30 दिन के अंदर उसपर जवाब नहीं दिया या फिर आप उनके जवाब या एक्शन से संतुष्ट नहीं हुए तो आप इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के पास जा सकते हैं.
इसके अलावा, इंश्योरेंस ओम्बड्समैन सिर्फ 30 लाख रुपये तक के क्लेम के लिए ही शिकायतों का निपटारा करते हैं. आपकी किसी भी इंडिविजुअल पॉलिसी के लिए आप इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के पास शिकायत उठा सकते हैं.
ध्यान रहे कि आपको ओम्बड्समैन तक तभी जाना है जब इंश्योरेंस कंपनी के ग्रीवांस रिड्रेसल अफसर की ओर से निपटारा ना हुआ है. हर इंश्योरेंस कंपनी के ग्रीवांस रिड्रेसल की सूची यहां देखें. शिकायत के वक्त आपको इंश्योरेंस से जुड़े कागजात दिखाने होंगे. अपनी शिकायत लिखित में जरूर भेजें और इंश्योरेंस कंपनी की ओर से एक्नॉलेजमेंट भी हासिल करें.
अगर इस शिकायत का 15 दिन में निपटारा नहीं हुआ या आप संतुष्ट नहीं हैं तो इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के टोल-फ्री नंबर 155255 या 1800 4254 732 पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. या फिर आप complaints@irdai.gov.in पर ई-मेल भेज सकते हैं. इसके अलावा आप igms.irda.gov.in पर भी लिखकर शिकायत भेज सकते हैं. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के ऑनलाइन पोर्टल पर आप अपनी शिकायत की मॉनिटरिंग भी कर सकते हैं.
अगर आप कोरियर या लिखित में शिकायत भेजना चाहते हैं तो अपने पते या अपने इंश्योरेंस कंपनी के पते के मुताबिक तय इंश्योरेंस ओम्बड्समैन को जरूरी कागजात के साथ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. सभी 17 इंश्योरेंस ओम्बड्समैन का पता यहां पाएं.
जीवन बीमा हो या हेल्थ बीमा, अगर क्लेम में देरी हो रही है या क्लेम अधूरा है तो आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा, पॉलिसी के टर्म से लेकर प्रीमियम की देनदारी से जुड़ी शिकायतों का भी निपटारा होता है. पॉलिसी के नियम और शर्तों से जुड़े कोई ऐसे कानूनी उलझन जिसकी वजह से क्लेम में दिक्कत आ रही हो, पॉलिसी का प्रीमियम जमा कराने के बाद भी पॉलिसी जारी ना होना, या कोई भी ऐसा मामला जो इंश्योरेंस एक्ट का उल्लंघन हो, आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
खास बात ये है कि ओम्बड्समैन (Insurance Ombudsman) होने से आपको किसी वकील की जरूरत नहीं पड़ेगी.