Insurance: 42 साल के चिराग पंचोली निजी स्कूल में टीचर है. वे शेयर मार्केट में निवेश करते हैं. उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस है और ना ही लाइफ इंश्योरेंस.
चिराग का मानना है कि “इंश्योरेंस बेकार की चीज है. उसमें पैसे बिगाड़ने से अच्छा है शेयर खरीद लूं.” चिराग जैसे कई लोग हैं, जो इंश्योरेंस (Insurance) को लेकर बहुत सारी गलतफहमियों के शिकार हैं.
लाइफ इंश्योरेंस खरीदने से आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है, लेकिन इसका केवल यही फायदा नहीं है. आप इस इंश्योरेंस के लिए अपनी जेब से जो प्रीमियम चुकाते हैं, उससे आपके परिवार को ही फायदा होगा.
आपके ऊपर जो लोग निर्भर हैं, उन्हें आपके नहीं होने के बाद लाइफ इंश्योरेंस से ही आर्थिक सहारा मिलेगा. यदि आपने प्योर टर्म प्लान नहीं लिया है, तो मैच्योरिटी के बाद अच्छा खासा फंड भी मिलेगा.
जीवन का दूसरा नाम ही अनिश्चितता है. कभी भी कुछ भी हो सकता है. युवा और तंदुरस्त आदमी भी दुनिया को अलविदा कह देता है.
करियर के शुरुआती दौर में, आपके पास केवल बचत के माध्यम से एक बड़ा कोष जमा करना संभव नहीं होता है, लेकिन जीवन बीमा लेने से एक बात सुनिश्चित हो जाती है कि आपके जाने के बाद आपके परिवार को धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
इसके अलावा, युवा उम्र में लाइफ इंश्योरेंस खरीदने से कम प्रीमियम का भी फायदा होता है. जीवन बीमा खरीदने का सबसे अच्छा समय कम उम्र में होता है.
केवल धनवान लोग ही लाइफ इंश्योरेंस के लिए पैसे खर्च कर सकते हैं, ऐसा मानने वाले लोग भी हैं, लेकिन ये सच नहीं है. आज बहुत ही कम भाव में ज्यादा कवरेज मिल रहा है.
आप चाहे तो कम सम अश्योर्ड वाला प्लान ले सकते हैं. बाद में जब इनकम बढ़े तब कवरेज बढ़ा सकते हो. कम उम्र में बीमा लेने से प्रीमियम कॉस्ट काफी कम हो जाता है.
क्लेम रिजेक्ट होने की कई वजह होती है. जब आप जीवन बीमा खऱीदते हैं, तब आपकी मेडिकल कंडिशन की हकीकत बतानी जरूरी है.
यदि आप नहीं बताएंगे कि आप स्मोकिंग करते हैं और आपकी मृत्यु धूम्रपान की वजह से हुई है, तो कंपनी बीमा क्लेम रिजेक्ट कर सकती है. इंश्योरेंस खरीदने से पहले कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो (CSR) और सॉल्वंसी रेशियो चेक कर लेना चाहिए.
आप IRDAI की वेबसाइट पर इसे चेक कर सकते हैं. रेशियो जितना ज्यादा होगा, उतना ही आपको एश्योरेंस मिलने का चांस रहता है. एक्सपर्ट कहते है, 95% से ज्यादा CSR हो उस कंपनी को पसंद करें.