Insurance: एक गृहिणी या घर में रहने वाले रिटायर्ड माता-पिता के फाइनेंशियल इम्पैक्ट को अक्सर कम करके आंका जाता है. अगर आप उनके द्वारा चुपचाप, बिना कोई पैसा कमाये घर चलाने के परे देख पाएंगे, तो देखेंगे कि वो बच्चों को सपोर्ट और एजुकेशन, बीमारों और बुजुर्गों की देखभाल और ऐसे सैकड़ों काम करती हैं जिसकी वजह से सुचारू रूप से घर चल पाता है. यदि आपके घर संभालने वाले पति/पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तो आप उन छोटे-छोटे सहायक खर्चों को कैसे मैनेज करेंगे जिन्हें आपने अपने खर्चों में काउंट नहीं किया था.
सफाई, खाना पकाने आदि जैसे दैनिक घरेलू रखरखाव में अचानक इजाफा होगा. किसी को बच्चे की देखभाल के लिए भी काम पर रखना पड़ेगा. अगर आप किसी महानगर में रहते हैं तो ये सब काफी महंगा हो सकता है.
यह एक इंश्योरेबल रिस्क है इसलिए होम-मेकर्स को लाइफ इंश्योरेंस खरीदना चाहिए, भले ही परिवार के कमाने वाले के पास एक हो तो भी. ज्वाइंट इंश्योरेंस पॉलिसियां यहां एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं.
इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में चीफ और नियुक्त एक्चुअरी पेउली दास ने कहा “एक कमाने वाले की मृत्यु परिवार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाल सकती है.
ऐसे सिनेरियो में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का होना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है कि परिवार इस मुश्किल समय में बचा रह सके.
लेकिन परिवार के बाकी सदस्यों के लिए, लाइफ इंश्योरेंस कवरेज होने का मतलब यह सुनिश्चित करना भी है कि कोई व्यक्ति मृत्यु के बाद अपने प्रियजनों के लिए मेडिकल और अंतिम संस्कार के खर्च या मौजूदा डेट के रूप में फाइनेंशियल बर्डन नहीं छोड़ेगा”
जबकि कमाने वाला वास्तव में प्राथमिकता का हकदार है, लेकिन, परिवार का हर सदस्य अपने लिए भी जीवन बीमा पॉलिसी प्राप्त करने के लिए समान रूप से एलिजिबल है, लाइफ इंश्योरेंस केवल उस व्यक्ति के लिए है जो घरेलू आय का अधिकांश हिस्सा कमाता है, शायद यह अब तक का सबसे बड़ा इंश्योरेंस मिथ है.
बीमा पॉलिसी खरीदते समय भ्रम की एक और क्लासिक कहानी यह है कि क्या अविवाहितों को इसकी उतनी ही आवश्यकता है जितनी कि परिवार के लोगों को?
अगर मेरे ऊपर अभी कोई डिपेंड नहीं है, तो लाइफ इंश्योरेंस में निवेश क्यों करें? जब लोग युवा और केयरफ्री होते हैं अपनी मेहनत की कमाई का निवेश नहीं करना चाहते हैं. उस समय आप जरूरतों के बजाय अपने शौक पर खर्च करने के लिए ललचाते हैं. हालांकि, उम्र बढ़ने पर ये रवैया आप पर भारी पड़ सकता है.
दास ने सलाह दी “जीवन बीमा अपने लक्ष्य को सुरक्षित करने और आत्मनिर्भर होने के लिए है. यह शायद यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी के डेट और लायबिलिटी को किसी और पर नहीं लादा जाता है.
इसे जल्दी खरीदना चाहिए – कम उम्र में लाइफ इंश्योरेंस लेने पर, कवरेज के लिए कम प्रीमियम देना होगा. इसलिए एक स्मार्ट तरीका यह है कि जब आप डिपेंडेंट के बिना सिंगल हों तो कम उम्र में कम प्रीमियम पर एंट्री लें और अपने फंड को समय के साथ बढ़ने दें”
आप मेडिकल खर्चों को कवर करने के लिए ऐड-ऑन बेनिफिट का इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही इसे टैक्स इंसेंटिव और एक स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग टूल के साथ एक रिटायरमेंट कॉर्पस के रूप में देख सकते हैं.
दास ने कहा “कुछ लोग इसे लीगेसी प्लानिंग के तौर पर भी देखते हैं – अपने से जुड़े लोगों को आपकी आकस्मिक मौत से मिलने वाला फायदा. आखिरकार, जीवन बीमा उन लोगों की देखभाल कर रहा है जिनकी आप सबसे अधिक परवाह करते हैं”
यह फिर से सबसे पॉपुलर मिसकॉन्सेपशंस में से एक है कि इंश्योरेंस लग्जरी है जो केवल अमीरों के लिए है.
इसके विपरीत, कम पैसे वाले लोगों को उन डेट और लायबिलिटीज के बारे में चिंता करने की ज्यादा जरूरत होती है जिन्हें कोई पीछे छोड़ सकता है, साथ ही जब आप इस दुनिया में नहीं होते हैं तो आपके परिवार को तत्काल कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
इसके अलावा, कोविड -19 महामारी जैसी स्थिति इसे समाज के सभी वर्गों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण बनाती है क्योंकि इस महामारी के चलते सभी की लाइफ रिस्क में है.
दास ने कहा “आपने अक्सर सुना होगा कि लाइफ इंश्योरेंस की कॉस्ट बहुत ज्यादा है, जबकि वास्तव में एक प्योर टर्म प्लान की कॉस्ट किसी के वर्तमान और भविष्य की फाइनेंशियल वर्थ का सही रिफ्लेक्शन है, जो इसे आम जनता के लिए सस्ता बनाता है.
आपको मिलने वाला कवरेज अक्सर आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम का कुछ सौ गुना होता है और भविष्य में होने वाले किसी भी प्लांड (रिटायरमेंट) या अनप्लांड (दुर्घटना, स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों) खर्च के लिए कॉर्पस बनाने का एक तरीका है”