इंडस्ट्री-वाइड डेटा बताता है कि, इंश्योरेंस (Insurance) कंपनियों ने इस साल अब तक 16.4 लाख कोविड क्लेम सेटल किए हैं, जिसमें आउटस्टेंडिंग क्लेम की संख्या 3.24 लाख है. इंडस्ट्री के एक एग्जीक्यूटिव ने कहा कि रिपोर्ट किए गए क्लेम की संख्या जून में 16.6 लाख मामलों की तुलना में जुलाई में 22% बढ़कर 20.38 लाख हो गई. HDFC एर्गो के स्पीकर ने कहा “जुलाई में रिपोर्ट किए गए क्लेम में ये उछाल रिम्बर्समेंट क्लेम करने वाले लोगों की वजह से हो सकता है. मई में बहुत सारे कोविड मामले सामने आए थे. जो लोग कैशलेस सुविधा का फायदा नहीं उठा सकते थे, उन्होंने अपनी जेब से भुगतान किया होगा और अब रिम्बर्समेंट क्लेम कर रहे हैं”
कोविड -19 के दावों ने इंडस्ट्री को काफी जोर से हिट किया है. उन्होंने कहा “इंडस्ट्री लेवल पर, FY22 की पहली तिमाही में कोविड-19 का क्लेम अमाउंट पूरे FY21 से ज्यादा है. हमने HDFC एर्गो में यही ट्रेंड देखा है” बजाज एलियांज हेल्थ इंश्योरेंस भी इस ट्रेंड को फॉलो कर रहा है. बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस में हेल्थ क्लेम के हेड भास्कर नेरुरकर ने कहा, “दूसरी लहर के कारण, हमने 2020-21 के पूरे वित्त वर्ष की तुलना में Q1 में 100% से अधिक कोविड -19 दावों को देखा है.”
HDFC एर्गो के लिए ओवरऑल हेल्थ पे-आउट में कोविड -19 क्लेम 50% से ऊपर चले गए हैं. उन्होंने कहा “FY21 में, यह लगभग २०% था. इस साल यह 50% है”. Q1 FY22 में बजाज आलियांज के लिए टोटल क्लेम का लगभग 45% कोविड -19 क्लेम किया गया पिछले साल यह 17% था.
HDFC एर्गो के प्रवक्ता ने कहा “जहां तक नॉन-कोविड क्लेम का सवाल है, हमने कड़े लॉकडाउन के कारण कोविड की पहली लहर के दौरान उनमें कमी दर्ज की थी. लॉकडाउन में ढील मिलते ही संख्या सामान्य हो गई. इस साल, हमने अप्रैल और मई में कुछ कमी देखी, लेकिन कुछ भी सिग्निफिकेंट नहीं था” बजाज आलियांज में, दूसरी लहर में नॉन-कोविड क्लेम में इजाफा हुआ. नेरुरकर ने कहा “पहली लहर के दौरान, कस्टमर्स ने अपनी प्लांड सर्जरी को पोस्टपोन कर दिया हालांकि, दूसरी लहर में, हमें प्लांड सर्जरी के लिए भी कई क्लेम रिसीव हुए हैं. जैसा कि हमने जुलाई की शुरुआत में देखा था, कोविड -19 के क्लेम घट रहे हैं ”
ICICI लोम्बार्ड के अंडरराइटिंग & क्लेम चीफ संजय दत्ता ने कहा- नॉन-मेट्रो शहरों के कोविड-कलेम में पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में उछाल देखा गया.
उन्होंने कहा “पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में को-मोरबिडिटी के कारण मृत्यु दर कम थी” कोविड -19 अभी काफी समय तक यहां रहेगा. इसलिए इंश्योरेंस इंडस्ट्री कोविड-19 के क्लेम को ध्यान में रखते हुए स्पेशल प्रोडक्ट तैयार कर रही है. पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के डेटा से पता चलता है कि हाइजीन पर खास ध्यान देने की वजह से मेडिकल बिल में कंज्यूमेबल (PPE किट, दस्ताने, सैनिटाइजर) की कॉस्ट 2-3% से बढ़कर 15-20% हो गई है. कंज्यूमेबल इंश्योरेंस में शामिल नहीं हैं.
इंश्योरेंस कंपनियों ने अब हेल्थ पॉलिसी में कंज्यूमेबल कवरेज की पेशकश शुरू कर दी है. HDFC एर्गो के हाल ही में लॉन्च किए गए प्रोडक्ट ऑप्टिमा सिक्योर में नॉन -पेयबिल आइटम के लिए एक इनबिल्ट कवरेज है, जबकि निवा बूपा (जिसे पहले मैक्स बूपा के नाम से जाना जाता था), स्टार हेल्थ और डिजिट इंश्योरेंस जैसे बीमाकर्ता इसे एक राइडर के रूप में पेश कर रहे हैं.
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