मौजूदा दौर में हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) का महत्व काफी बढ़ गया है. अब तो 5 लाख रुपए तक हेल्थ इंश्योरेंस कवर भी पर्याप्त नहीं लगता. हममें से कई के पास एक से अधिक हेल्थ पॉलिसियां होती हैं. Money9 आपको इन पॉलिसियों के प्रबंधन के बारे में बता रहा है. सबसे पहले यह समझें कि इन पॉलिसियों किन बीमारियों को कवर किया जा रहा है. ग्रुप इंश्योरेंस में अक्सर मेटरनिटी सुविधा और कैटारेक्ट सर्जरी शामिल होती है. किंतु पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) में ये सुविधाएं टॉप-अप के साथ मिलती हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस में कई तरह के प्लान दिए जाते हैं. इनमें क्रिटिकल इलनेस प्लान, पर्सनल एक्टिडेंट. फिक्स्ड-बेनेफिट हेल्थ प्लान, यूनिट लिंक्ड हेल्थ प्लान, हॉस्पिटल कैश-बेनेफिट प्लान वगैरह शामिल होते हैं. इसी के साथ सभी में क्लेम करने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं.
किसी भी दो बीमा कंपनियों में क्लेम किया जा सकता है. हालांकि, पहले ग्रुप पॉलिसी में पहले क्लेम किया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें आगे प्रीमियम नहीं बढ़ता. ग्रुप पॉलिसियां ज्यादा उदार होती हैं और इसमें पहले से मौजूद बीमारियों को भी कवर किया जाता है. इलाज के हालात में दोनों बीमा कंपनियों और TPA को सूचना देनी चाहिए. यदि पहले पॉलिसी का कवरेज पूरा हो जाए तो दूसरी की जरूरत पड़ती है.
यदि दोनों पॉलिसियों में रिइम्बर्समेंट की सुविधा है तो कंट्रीब्यूशन की शर्त काम करती है. मतलब कि दोनों कंपनियों एक निश्चित अनुपात में क्लेम की राशि का वहन करेंगी. यदि आपने घोषित किया है कि आपके पास एक अन्य हेल्थ बीमा है तो दूसरी कंपनी को सूचना देनी जरूरत नहीं बढ़ती. इस स्थिति में पहली कंपनी पूरा भुगतान कर सकती है, तथा बाद में वे आपस में क्लेम की राशि को बांट सकती हैं.
यदि आपने एक ही कंपनी से दो अलग-अलग प्लान लिए हैं तो पूरी प्रक्रिया को शुरुआत से ही समझ लें. इस स्थिति में क्लेम सेटलमेंट आसान हो जाता है क्योंकि इस दौरान अलग-अलग दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ती.
मान लें कि किसी व्यक्ति के पास दो बीमा पॉलिसियां हैं, जिनमें 2 लाख और 5 लाख रुपए का कवरेज है. यदि वह व्यक्ति 50 हजार रुपए का क्लेम करता है तो पहली कंपनी 16,666 रुपए और दूसरी कंपनी 33,333 रुपए का भुगतान करेगी. PolicyX के संस्थापक नवल गोयल बताते हैं, “यदि दो भिन्न कंपनियों से प्लान लिए गए हैं तो दोनों कंपनियों को सूचना देने की जरूरत होती है. यदि आप ऐसा नहीं करते तो आपका क्लेम खारिज हो सकता है.”
हमेशा याद रखें कि सबसे पहले पुरानी पॉलिसी के तहत क्लेम करें. यदि आपकी नियोक्ता कंपनी की ओर से आपके पास कोई पॉलिसी है तो पहले उसका इस्तेमाल करें, और इसके बाद अपनी व्यक्तिगत पॉलिसी का उपयोग करें.