हेल्थ इंश्योरेंस की कीमत आपके स्वास्थ्य के हिसाब से तय होती है. अगर बीमा लेने वाले का स्वास्थ्य अच्छा है, तो स्टैंडर्ड प्रीमियम रेट पर उन्हें पॉलिसी मिल सकती है. अगर मापदंडों के हिसाब से हेल्थ नहीं हुई, तो अधिक प्रीमियम भरना पड़ सकता है. बीमा कंपनी पॉलिसी देने से मना भी कर सकती है.
पॉलिसी खरीदते समय यह बेहद जरूरी है कि स्वास्थ्य संबंधी सभी सवालों के जवाब सही-सही दिए जाएं. सही जानकारी नहीं देने से बाद में क्लेम रिजेक्ट हो सकता है.
हेल्थ से जुड़ी जानकारियां देते समय एक चीज जो अक्सर लोग बताने में हिचकिचाते हैं, वह है धूम्रपान की आदत. पॉलिसी खरीदते समय इसके बारे में जरूर बताना चाहिए. इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी बेचने से पहले ग्राहक को मेडिकल जांच कराने को भी कह सकती है. अगर हेल्थ स्टेटस अच्छा नहीं हुआ, तो अधिक प्रीमियम की मांग की जा सकती है.
अगर कंपनी ने बाद में मेडिकल टेस्ट कराया और उसमें आपकी स्मोकिंग की आदत का पता चला, तो पहले से इसकी सही जानकारी नहीं देने की वजह से एप्लीकेशन कैंसिल हो जाएगी.
अगर आपने पॉलिसी खरीद रखी है और बाद में तंबाकू या निकोटीन की वजह से किसी तरह की बीमारी होने पर क्लेम रद्द हो जाएगा. बीमा पॉलिसी खरीदते समय हमेशा ऐसी आदतों की जानकारी देने की सलाह दी जाती है. याद रखें कि चाहे एक सिगरेट पीते हों या अधिक, बीमा कंपनी की नजर में आप स्मोकर की श्रेणी में ही गिने जाएंगे.