हेल्थ बीमा पॉलिसी में, साल में कोई क्लेम ना लेने की स्थिति में पॉलिसी होल्डर को बीमा कंपनी नो क्लेम बोनस(No Claim Bonus) या एनसीबी(NCB) के तौर पर इंसेटिव देती है. ग्राहकों को हर साल एनसीबी(NCB) ऑफर किया जाता है, बशर्ते वो साल भर में कोई क्लेम न करें. ये एक तरह से पॉलिसी होल्डर्स को कंपनी के साथ जुड़े रहने पर पुरस्कृत करने जैसा कहा जा सकता है. कंपनी के लिए लाखों में भुगतान करने के बजाय NCB ऑफर करना सस्ता होता है. बीमा कंपनी द्वारा दिया जाने वाला ये बोनस क्लेम ना लेने की स्थिति में हर साल बढ़ता रहता है.
हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में, दिया जाने वाले बोनस का फायदा आप पॉलिसी प्रीमियम पर छूट के तौर पर भी ले सकते हैं. पॉलिसी प्रीमियम में किसी भी बदलाव के बिना बीमे की रकम को बढ़ाए जाने का भी ऑप्शन है या फिर आप किसी जिम, स्पा और योगा सेंटर की मेंबरशिप जैसे दूसरे फायदे भी ले सकते हैं. इसके अलावा आप वेलनेस प्रोडक्ट में छूट भी पा सकते हैं. एनसीबी व्यक्तिगत और फैमिली फ्लोटर दोनों ही तरह के बीमा प्लान पर लागू होता है. फैमिली फ्लोटर में अगर बीमित व्यक्ति में से किसी ने भी दावा नहीं किया है तो बीमा कंपनी, एनसीबी रिवॉर्ड के तौर पर देता है.
कुछ बीमा कंपनियां बीमे की रकम को बढ़ा देती हैं और दूसरी कंपनियां प्रीमियम पर छूट या वेलनेस प्रोडक्ट और सर्विसेज पर छूट ऑफर करती हैं. इससे पहले, ज्यादातर हेल्थ बीमा पॉलिसियों में एनसीबी के जरिए बीमे की रकम को 50% (अधिकतम) की सीमा तक बढ़ाने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, बाजार में ऐसी हेल्थ पॉलिसियां मौजूद हैं, जहां बीमा की रकम को 200% तक बढ़ाया जाता है.
जो ग्राहक अपनी बीमा कंपनी से खुश नहीं हैं और अपनी पॉलिसी को एक बेहतर विकल्प के साथ पोर्ट कराना चाहते हैं, वो नए बीमाकर्ता को एनसीबी ट्रांसफर भी करवा सकते हैं. हालांकि, एनसीबी के फायदा लेने के लिए रिन्यू की तारीख से पहले बीमा पॉलिसी को रिन्यू करवाना जरूरी होगा. हर बीमा कंपनी पॉलिसी को रिन्यू करवाने के लिए ग्राहकों को अधिकतम 30 दिनों की छूट की सीमा भी देती है. अगर ग्राहक छूट की अवधि के दौरान भी बीमा पॉलिसी को रिन्यू नहीं करवा पाता तो सभी एनसीबी के फायदे से हाथ धो बैठता है और इसके बाद उन्हें दोबारा लागू भी नहीं किया जा सकता.