अक्सर कर्मचारी अपनी कंपनी की ओर से मिले के हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के भरोसे बैठकर निश्चिंत हो जाते हैं, जो बिलकुल भी ठीक नहीं है. हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के मामले में यह निश्चिंतता तब तक ही ठीक है जब तक आप कंपनी में कार्यरत हैं. जॉब छोड़ने या जाने की दशा में आपकी निश्चिंतता आपको और अपने परिवार को संकट में डाल सकती है. इसलिए देर न करें. खासतौर पर कोरोना के माहौल में तो बिलकुल भी नहीं.
जब तक आप जॉब में रहते हैं तब तक ही कंपनी आपके और परिवार की गारंटी लेती है. जॉब छोड़ने के बाद कंपनी उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेगी. अक्सर कई कर्मचारी कंपनी के हेल्थ इश्योरेंस पर ही निर्भर रहते हैं. उनका पर्सनल हेल्थ कवर नहीं होता है. उस दौरान आप और आपका परिवार असुरक्षित है. अगर कोई इमरजेंसी आती है, तो उसके भारी खर्चों का बोझ आपकी जेब पर पड़ेगा. ऐसे में आपको वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है.
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त आपको कई बातों पर ध्यान देना चाहिए. मसलन, प्री-पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च, अतिरिक्त कवर, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो आदि. साथ ही 90 फीसदी से अधिक क्लेम सेटलमेंट रेश्यो वाली कंपनियों का ही चुनाव करना चाहिए. IRDAI समय समय पर ऐसी कंपनियों की सूची जारी करती है, जिससे आपको पॉलिसी खरीदने में काफी मदद होगी.
पैसों की किल्लत है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है. आज बीमा पॉलिसी को EMI में भी खरीद सकते हैं. मासिक, तिमाही और छमाही आधार पर प्रीमियम जमा कर सकते हैं. IRDAI ने सामान्य और एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों (Health Insurance Companies) को व्यक्तिगत उत्पाद के तहत किस्तों में भुगतान करने की छूट प्रदान की है.
पहले आप अपना बजट बनाएं. इसके अनुसार कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर जानकारी जुटाएं . सभी नियम व शर्तों को अच्छी तरह पढ़ लें. कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जरूर देखें. कई ऐसी पॉलिसी हैं जिनमें आप और आपका परिवार कवर होता है. यह जरूर चेक कर लें कि पॉलिसी में कोरोनावायरस का इलाज शामिल है या नहीं. इसे प्राथमिकता में रखिए.