कैसे कम करें अनचाहे बीमा का बोझ

देशभर बीमा पॉलिसी की बड़े पैमाने पर मिससेलिंग की जा रही है. बीमा उद्योग में बड़ी संख्या में निजी कंपनियों के उतरने के बाद बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा छिड़ी हुई है. बीमा उत्पाद बेचने के लिए एजेंटों पर भारी दबाव होता है. टारगेट पूरा करने के चक्कर में कुछ एजेंट बीमा उत्पादों की सही जानकारी नहीं देते.

कैसे कम करें अनचाहे बीमा का बोझ

अगर आपको कोई पॉलिसी गलत तरीके से बेची गई है अथवा आपके काम की नहीं है तो उसे वापस कर सकते हैं. (Photo Credit: Freepik)

अगर आपको कोई पॉलिसी गलत तरीके से बेची गई है अथवा आपके काम की नहीं है तो उसे वापस कर सकते हैं. (Photo Credit: Freepik)

बॉलकनी में बैठे चाय पी रहे थे दिनेश रावत. तभी उनके पुराने मित्र का बेटा राहुल आ पहुंचा. राहुल हाल ही में एक निजी बीमा कंपनी के एजेंट बने हैं. राहुल ने चाय पीतेपीते दिनेश अंकल को बड़ेबड़े सब्जबाग दिखाए… और उन्हें एक बीमा पॉलिसी बेच दी. बाद में दिनेश को पता चला कि यह पॉलिसी तो उनके किसी काम की है ही नहीं.

यह कहानी सिर्फ दिनेश की ही नहीं है. देशभर बीमा पॉलिसी की बड़े पैमाने पर मिससेलिंग की जा रही है. बीमा उद्योग में बड़ी संख्या में निजी कंपनियों के उतरने के बाद बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा छिड़ी हुई है. बीमा उत्पाद बेचने के लिए एजेंटों पर भारी दबाव होता है. टारगेट पूरा करने के चक्कर में कुछ एजेंट बीमा उत्पादों की सही जानकारी नहीं देते. कई बार एजेंट ऐसी पालिसी बेच देते हैं जो ग्राहक के लिए किसी भी तरह से उपयोगी ही नहीं होती.

इस तरह के मामलों में व्यक्ति को जब तक पॉलिसी के फीचर के बारे में पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. आपसदारी के चक्कर में लोग एजेंट से कुछ कह भी नहीं पाते. ऐसे में पॉलिसी धारक के समक्ष बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है कि आखिर इस पॉलिसी का क्या किया जाए? यदि पॉलिसी को जारी रखा जाता है तो उस पर ऊंची लागत के कारण नकारात्मक रिटर्न मिलता है. अगर बीमा कवर की दृष्टि से देखा जाए तो वह भी कुछ खास नहीं.

इस स्थिति में ग्राहक की दुविधा कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है. ऐसे उत्पाद में और पैसा फंसाने में कोई समझदारी नहीं है. सबसे बढ़िया विकल्प है कि ऐसी पॉलिसी से जल्द से जल्द छुटकारा पा लेना चाहिए. सभी तरह की बीमा पॉलिसियों में एक विकल्प होता है. अगर आप पॉलिसी की शर्तों से खुश नहीं हैं तो बीमा कंपनी को पॉलिसी वापस कर सकते हैं. यह शर्त परंपरागत और यूलिप यानी सभी तरह की पॉलिसियों पर लागू होती है. लेकिन इसकी एक समय सीमा होती. इस दरम्यान पॉलिसी वापस करने पर प्रीमियम में कोई कटौती नहीं की जाती है. बोझिल पालिसी से मुक्ति पाने का यह सबसे अच्छा विकल्प है.

फ्री लुक पीरियड

बीमा कंपनियां पॉलिसी की समीक्षा करने के लिए समय देती हैं. अगर आपको कोई पॉलिसी गलत तरीके से बेची गई है अथवा आपके काम की नहीं है तो उसे वापस कर सकते हैं. यह प्रक्रिया आपको 15 दिन के अंदर पूरी करनी होगी. इस अवधि में आप पॉलिसी से बाहर निकलते हैं तो आपको कोई पेनाल्टी नहीं देनी होगी. इस अवधि को पालिसी का ‘फ्री लुक पीरियड’ कहते हैं. कुछ कंपनियां एक महीने का फ्री लुक पीरियड देती है.

और क्या हैं विकल्प

ज्यादा समय हो जाने के कारण यदि आप फ्री लुक पीरियड का फायदा नहीं उठा पाए हैं तो बोझिल पालिसी से बाहर निकलने के लिए ‘लैप्स’ का विकल्प चुन सकते हैं. इसके लिए आपको बीमा कंपनी के पास कोई दस्तावेज जमा नहीं कराना पड़ेगा. बस, पॉलिसी के अगले प्रीमियम का भुगतान रोक दें. हालांकि पॉलिसी लैप्स कराने के बदले में आपको कुछ नहीं मिलेगा. कंपनी आपके पहले प्रीमियम को जब्त कर लेती है. इसके साथ ही लाइफ कवर भी समाप्त हो जाता है. अगर आपको पॉलिसी खरीदे हुए तीन साल या फिर इससे ज्यादा समय हो गया है तो उसे सरेंडर कर सकते हैं. जैसे ही आप किसी पॉलिसी को सरेंडर करते हैं तो तुरंत प्रभाव से जीवन बीमा कवर समाप्त हो जाता है. इस विकल्प के तहत बीमाधारक को सरेंडर वैल्यू के रूप में कुछ पैसा मिलता है.

Published - April 22, 2023, 04:00 IST