दोपहिया थर्ड-पार्टी बीमा क्लेम नहीं है आसान, जानिए कैसे दूर करें ये मुश्किल

तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करें, वाहन के नुकसान की तस्वीरें क्लिक करें या वीडियो रिकॉर्ड कर ले, वाहन का रजिस्ट्रेशन विवरण नोट करें.

bike, ducati, italian bike company, two models launch

iamge: pixabay, यदि किसी ने दुर्घटना देखी है, तो उनका कोन्टेक्ट नंबर प्राप्त करें. यह चश्मदीद गवाह बाद में बहुत काम आएगा.

iamge: pixabay, यदि किसी ने दुर्घटना देखी है, तो उनका कोन्टेक्ट नंबर प्राप्त करें. यह चश्मदीद गवाह बाद में बहुत काम आएगा.

Two-Wheeler Third-Party Insurance: कानून के मुताबिक, भारतीय सड़कों पर चलने वाली सभी बाइक और स्कूटर के लिए थर्ड-पार्टी बीमा पॉलिसी अनिवार्य है. एक सवार को अपने दोपहिया वाहन की सवारी करते समय हर समय पॉलिसी दस्तावेज ले जाना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति थर्ड-पार्टी बीमा पॉलिसी के बिना गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे 2,000 रूपये तक का जुर्माना या तीन महीने तक की कैद या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.

थर्ड-पार्टी टु-व्हीलर इंश्योरेंसः

थर्ड-पार्टी टू-व्हीलर इंश्योरेंस बीमित वाहन के मालिक-चालक को किसी भी प्रकार की कानूनी देनदारियों से बचाता है. यदि आप टु-व्हीलर चला रहे हो और उससे किसी की मृत्यु होती है या शारीरिक चोट आती है या किसी की संपत्ति का नुकसान होता है तो ऐसे मामलो में यह कवर मिलता है. इसका मतलब है कि यदि कोई बीमाकृत वाहन दुर्घटना में शामिल हो जाता है और किसी तीसरे पक्ष को वित्तीय नुकसान या क्षति पहुंचाता है, तो बीमा कंपनी कानूनी खर्चों का ख्याल रखती है. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) विभिन्न वाहनों के लिए थर्ड-पार्टी बीमा के लिए प्रीमियम राशि तय करता है.

थर्ड-पार्टी बीमा क्लेम कैसे करेंगेः

थर्ड-पार्टी टू-व्हीलर इंश्योरेंस के लिए क्लेम की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है. आपको यह याद रखने की आवश्यकता है कि दावे पर तभी विचार किया जाता है जब पीड़ित या दावेदार यह साबित कर सके कि बीमित वाहन के मालिक या चालक की गलती थी, जिसके कारण दुर्घटना हुई. एक विशेष न्यायाधिकरण अदालत यह तय करती है कि बीमाकर्ता को पीड़ित को मुआवजे का भुगतान करना चाहिए या नहीं और उसे कितनी राशि का भुगतान किया जाना चाहिए.
यहां बताइ गई प्रक्रिया का पालन करने से आपको थर्ड-पार्टी बीमा क्लेम करने में आसानी होगीः
– आपके द्वारा किए गए नुकसान की तस्वीरें क्लिक करें या वीडियो रिकॉर्ड कर ले.
– जिस वाहन से नुकसान हुआ है उसके रजिस्ट्रेशन विवरण को नोट करें. हो सके तो संपर्क नंबर और थर्ड पार्टी – इंश्योरेंस पॉलिसी का विवरण भी नोट कर लें.
– यदि किसी ने दुर्घटना देखी है तो उनका कोन्टेक्ट नंबर प्राप्त करें. यह चश्मदीद गवाह बाद में बहुत काम आएगा.
– तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करें और दुर्घटना के सटीक विवरण का उल्लेख करे.
– चार्जशीट प्राप्त करने के बाद बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर कॉल करें और सारी जानकारी दे.
– वकील की मदद से मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण अदालत में मामला दर्ज करें. आपको अदालत में प्रासंगिक दस्तावेज, फोटो और वीडियो और चश्मदीद गवाह पेश करके यह साबित करना होगा कि वाहन मालिक दोषी था.
– अदालत मुआवजे की राशि तय करेगी, जो बीमा कंपनी को आपको भुगतान करना होगा.

बीमा कंपनी इतने दस्तावेज मांगती हैः

– चोट के संबंध में अस्पताल के बिल, उपचार व्यय का चालान जैसे दस्तावेज जमा करवाने होते है.
– मृत्यु के मामले में, डेथ सर्टिफिकेट और मोटर दुर्घटना दावे ट्रिब्यूनल से एक पुष्टिकरण बीमा कंपनी में जमा करवाना होता है.
– संपत्ति के नुकसान के मामले में मोटर दुर्घटना क्लेम ट्रिब्यूनल से एक निरीक्षण अधिकारी की रिपोर्ट, थर्ड पार्टी की संपत्ति को हुए नुकसान का अनुमान लगाने के लिए मूल बिल और सर्वेक्षक की रिपोर्ट जमा करवाने की आवश्यकता होगी.
– यदि आप किसी घायल व्यक्ति को उपचार प्रदान कर रहे हैं तो आपको अस्पताल और उपचार करने वाले चिकित्सक का नाम नोट कर लेना चाहिए.
– झूठी जानकारी देने पर आपका क्लेम अस्वीकार हो सकता है, इसलिए सभी प्रासंगिक तथ्यात्मक विवरण प्रदान करना आवश्यक है.

Published - July 23, 2021, 09:05 IST