हीरो ग्रुप ने बीमा को भीतरी इलाकों में ले जाने के लिए 35 कंपनियों के साथ सिस्टम को इंटीग्रेट किया

Hero Insurance: कंपनी पांच वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये की सकल प्रीमियम आय (gross premium income) का लक्ष्य रख रही है.

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समूह की बीमा ब्रोकिंग शाखा ने 35 बीमा कंपनियों के साथ अपने सिस्टम को इंटीग्रेट (integrate) किया है और आईटी इंटीग्रेशन के माध्यम से पॉलिसियों को बेचेगा और दावों (claims) का निर्बाध रूप से (seamlessly) सेटलमेंट करेगा.

समूह की बीमा ब्रोकिंग शाखा ने 35 बीमा कंपनियों के साथ अपने सिस्टम को इंटीग्रेट (integrate) किया है और आईटी इंटीग्रेशन के माध्यम से पॉलिसियों को बेचेगा और दावों (claims) का निर्बाध रूप से (seamlessly) सेटलमेंट करेगा.

Hero Insurance: मुंजाल परिवार का हीरो समूह (Hero group) अपने ब्रांड की परिचितता (familiarity) का लाभ उठाकर बीमा को देश के भीतरी इलाकों में ले जाने की योजना बना रहा है. समूह की बीमा ब्रोकिंग शाखा ने 35 बीमा कंपनियों के साथ अपने सिस्टम को इंटीग्रेट (integrate) किया है और आईटी इंटीग्रेशन के माध्यम से पॉलिसियों को बेचेगा और दावों (claims) का निर्बाध रूप से (seamlessly) सेटलमेंट करेगा.

क्या कहा हीरो इंश्योरेंस ब्रोकिंग इंडिया के सीईओ ने?

टाइम्स ऑफ इंडिया ने हीरो इंश्योरेंस ब्रोकिंग इंडिया के सीईओ संजय राधाकृष्णन के हवाले से कहा कि ‘हीरो की 2,700 स्थानों पर उपस्थिति है जहां कंपनी सर्विस देती है.

यह किसी भी निजी बीमा कंपनी की पहुंच से अधिक है. यदि आप फसल और समूह स्वास्थ्य को हटाते हैं, तो बीमा की पैठ शीर्ष 100-150 शहरों में केंद्रित है. हमारा उद्देश्य उन जगहों में मौजूदगी है जहां बीमा कंपनियां नहीं आई हैं.

वर्ष की शुरुआत के बाद से, कंपनी ने 525 केंद्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जो वर्ष के अंत तक लगभग दोगुना होकर 1,000 केंद्रों तक पहुंच जाएगी.’

10,000 करोड़ रुपये की सकल प्रीमियम आय का लक्ष्य

कंपनी पांच वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये की सकल प्रीमियम आय (gross premium income) का लक्ष्य रख रही है. इसमें से 2,500 करोड़ रुपये छोटे केंद्रों में पॉइंट ऑफ सेल पर्सन्स के माध्यम से बीमा की बिक्री से जनरेट होंगे.

राधाकृष्णन ने कहा, ‘कृषि संकट के दो कारण या तो मौसम के कारण फसल का नुकसान या अन्य घटनाओं और हेल्थ इमरजेंसी हैं.’ उन्होंने कहा कि ‘बीमा इन दोनों का समाधान कर सकता है.’

तकनीकी प्लेटफार्मों के माध्यम से पॉलिसियां

वर्तमान में, HIBIL अपने तकनीकी प्लेटफार्मों के माध्यम से पॉलिसियां जारी करता है. राधाकृष्णन के कहा, ‘डिजिटलीकरण पर फोकस की वजह से ही कंपनी कोविड के दौरान बिना किसी व्यवधान के अपना बिजनेस जारी रख सकी.’

उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि हमारा फायगिटल मॉडल (phygital model) महत्वपूर्ण होगा.’ (फायगिटल एक डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल है जो फिजिकल और डिजिटल चैनलों को जोड़ता है.)

राधाकृष्णन ने कहा, बीमा कंपनियां भले ही डिजिटल हो गई हैं, फिर भी पॉलिसियों को भौतिक रूप से बेचा जाना जारी रहेगा. विशेष रूप से टियर-3 और उसके बाहर के शहरों में.

छोटे स्थानों में 60,000 एजेंट होने की उम्मीद

राधाकृष्णन ने कहा, ‘बिहार के कटिहार जैसे छोटे केंद्र में हमारे एजेंट हैं जो हर महीने 7-8 लाख रुपये का बीमा प्रीमियम दे रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अधिकांश एजेंटों के लिए, बीमा वितरण (insurance distribution) एक अतिरिक्त गतिविधि (additional activity) है.

कंपनी बिजनेस कोरस्पोंडेंट (business correspondents) को भी काम पर रख रही है. दो-तीन वर्षों में, हमारे पास ऐसे छोटे स्थानों में 60,000 एजेंट होने की उम्मीद है.’

Published - October 5, 2021, 03:48 IST