क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस से जुड़े ये हैं 9 मिथक

क्रिटिकल इलनेस बीमा महंगा होता है, पहले से मौझूदा बीमारी हो तो क्रिटिकल इलनेस प्लान नहीं मिलता ऐसे मिथक की लोगों को इस बीमे से दूर रखते हैं.

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image: Pixabay, आपकी विरासत उचित कानूनी उत्तराधिकारी को दी जाए, तो आइडियल नॉमिनी होना ही इसके लिए पर्याप्त नहीं है.

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Critical Illness Insurance: क्रिटिकल इलनेस बीमा के साथ कई तरह के मिथक जुडे है. यहां हम 9 मिथक के बारे में बात करेंगे और तथ्य क्या है यह जानने का प्रयास करेंगे. बीमा एक्सपर्ट का मानना है कि, ऐसे मिथक को सच मान कर कई लोग क्रिटिकल इलनेस प्लान खरीदने से दूर रहते है. लोगों में ऐसा भ्रम है कि, क्रिटिकल इलनेस प्लान महंगे होते है. कुछ लोग मानते है कि, पहले से मौझूद बीमारियों के लिए क्रिटिकल इलनेस प्लान नहीं मिल सकता.

मिथक 1: मैं पहले से ही गंभीर बीमारी से परेशान हूं, इसलिए मैं क्रिटिकल इलनेस बीमा के पात्र नहीं हूं.
तथ्यः पहले से मौजूद बीमारियां आपके स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ा देती हैं, हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप गंभीर बीमारी बीमा नहीं खरीद सकते. जोखिम बढने के कारण आपको अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है.

मिथक 2: क्रिटिकल इलनेस बीमा खरीदने से भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की संभवित बीमारी कवर हो जाती है.
तथ्यः ऐसा नहीं है. क्रिटिकल इलनेस बीमा केवल फिक्स्ड की गइ बीमारियां ही कवर करता है. कुछ कंपनियां 10-15 बीमारियां कवर करती है, वहीं कुछ कंपनियों के प्लान के तहत 40 से भी ज्यादा बीमारियां कवर होती है. यदि आपको इनके अलावा कोई बीमारी होती है तो उसका कवर क्रिटिकल इलनेस बीमा से नहीं मिलेगा.

मिथक 3: अगर मुझे कवरेज में उल्लिखित बीमारी का पता चलता है, तो मैं निश्चित रूप से दावे के लिए पात्र होऊंगा.
तथ्यः पॉलिसी डॉक्युमेंट में जो बीमारियां कवर करने के बारे में लिखा है, उसके लिए निश्चित रूप से क्लेम पास होगा यह मानना गलत है. याद रखें, आपकी बीमारी जब तकत योजना की परिभाषा से मेल नहीं खाती, तब तक आपको क्लेम नहीं मिलेगा. ऐसी पॉलिसी में आमतौर पर पहला हार्ट अटैक कवर होता हैं. इसलिए, यदि आपको कवरेज खरीदने के बाद दिल का दौरा पड़ता है, लेकिन यह पहला हमला नहीं है जिसे आपने झेला है, तो किसी भी दावे का भुगतान नहीं किया जाएगा. इसी तरह, एक निर्दिष्ट गंभीरता के कैंसर को योजना के तहत कवर किया जाता है.

मिथक 4: क्रिटिकल इलनेस कवर केवल स्टैंडअलोन आधार पर उपलब्ध है.
तथ्यः यह बात गलत है, क्योंकि स्टैंडअलोन प्लान और राइडर दोनों उपलब्ध हैं. आप चाहे तो स्टैंडअलोन प्लान ले सकते है या राइडर के माध्यम से भी कवरेज का लाभ उठा सकते हैं. कई जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां आपको कम प्रीमियम पर क्रिटिकल इलनेस राइडर की ऑफर करती है.

मिथक 5: मेरे पास स्वास्थ्य बीमा है, फिर मुझे क्रिटिकल इलनेस बीमा की जरूरत नहीं है.
तथ्य: आपको मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के पूरक के तौर पर क्रिटिकल इलनेस बीमा रखना चाहिए, क्योंकि स्वास्थ्य बीमा योजनाएं कई तरह की गंभीर बीमारियों को कवर नहीं करती हैं. उदाहरण के लिए, आपको होम नर्सिंग, अंतर्राष्ट्रीय उपचार की आवश्यकता हो सकती है, या आप अपनी नौकरी खो सकते हैं और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने की आवश्यकता हो सकती है. इन लागतों को स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत कवर नहीं किया जा सकता है. एक गंभीर बीमारी बीमा कवर आपको एकमुश्त लाभ प्रदान करता है जिसका उपयोग आप अपने विवेक से कर सकते हैं. इसलिए, यह आपके स्वास्थ्य बीमा कवरेज को पूरक करता है.

मिथक 6: क्रिटिकल इलनेस प्लान महंगे होते हैं.
तथ्यः क्रिटिकल इलनेस प्लान का प्रीमियम वहन करने योग्य होता है. स्टैंडअलोन क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान में किफायती प्रीमियम होते हैं. इसके अलावा, यदि आप क्रिटिकल इलनेस राइडर चुनते हैं, तो कवरेज के मुकाबले प्रीमियम मामूली है.

मिथक 7: मुझे गंभीर बीमारी के निदान पर तुरंत क्लेम मिल जाएगा.
तथ्यः आप एक निर्धारित अवधि के बाद ही क्लेम कर सकते हैं. इन बीमा योजनाओं के तहत एक विशिष्ट सर्वाइवल पीरियड (आमतौर पर 30 दिनों से लेकर 90 दिनों तक) होता है, यह अवधि समाप्त होने के बाद ही दावे का भुगतान किया जाता है.

मिथक 8: क्रिटिकल इलनेस बीमा खरीदने से टैक्स में लाभ नहीं मिलता.
तथ्यः सेक्शन 80D के तहत क्रिटिकल इलनेस कवर के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स-बेनिफिट मिलता है.

मिथक 9: एक से अधिक क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी नहीं खरीद सकते.
तथ्यः आप एक से अधिक क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी खरीद सकते है. अगर किसी बीमाधारक के पास एक से अधिक क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी है तो सभी बीमा कंपनियां पूरा सम इंश्योर्ड देगी. यदि बीमाधारक ने दो पॉलिसी ली हैं, तो वह दोनों पॉलिसियों को लागू कर सकता है और बीमाकर्ता एकमुश्त भुगतान करेंगे.

Published - July 26, 2021, 05:48 IST