सस्ता होगा हेल्थ इंश्योरेंस, GST को घटाकर 12% करने का प्रस्ताव दे सकती है सरकार

सरकार हेल्थ इंश्योरेंस को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए जीएसटी दर को कम करना चाहती है.

सस्ता होगा हेल्थ इंश्योरेंस, GST को घटाकर 12% करने का प्रस्ताव दे सकती है सरकार

हेल्थ बीमा लेने वालों को जल्दी ही अच्छी खबर मिल सकती है. केंद्र सरकार की तरफ से हेल्थ इंश्योरेंस पर GST को घटाने के लिए GST काउंसिल को प्रस्ताव दिया जा सकता है. सरकार 30,000 रुपये तक की हेल्थ बीमा प्रीमियम पर जीएसटी घटाने की योजना बना रही है. इसके तहत, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 फीसद से घटाकर 12 फीसद किया जा सकता है. सरकार हेल्थ इंश्योरेंस को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए जीएसटी दर को कम करना चाहती है.

समिति ने दिया था प्रस्ताव

गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में संसदीय समिति ने हेल्थ इंश्योरेंस पर GST की दर को 18 फीसद से घटाकर 12 फीसद करने की सिफारिश की थी. संसदीय समिति की इस सिफारिश के बाद अब सरकार इस प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल के पास भेज सकती है. 30 हजार रुपए सालाना प्रीमियम तक के हेल्थ इंश्योरेंस पर यह प्रस्ताव दिया जा सकता है. GST काउंसिल अगर इस प्रस्ताव को मंजूर करती है तो इससे हेल्थ इंश्योरेंस की लागत घटेगी. हेल्थ इंश्योरेंस की लागत घटने से सरकार को इसका दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी.

हेल्थ बीमा पर कितना लगता है टैक्स?

सरकार हेल्थ बीमा का दायरा बढ़ाना चाहती है. लेकिन महंगे प्रीमियम के चलते लोग स्वास्थ्य बीमा से कतराते हैं. जीएसटी आने के पहले स्वास्थ्य बीमा पर 15 फीसद सर्विस टैक्स लगता था. जीएसटी आने के बाद हेल्थ बीमा पर 18 फीसद जीएसटी लगने लगा. उदाहरण से समझें तो मान लीजिये अजय अग्रवाल जी का हेल्थ बीमा प्रीमियम 30,000 रुपए है तो उसे जीएसटी आने से पहले उन्हें 30,000 का 15 फीसद यानी 4,500 रुपए सर्विस टैक्स देना पड़ता था. जीएसटी आने के बाद अब अजय को 30,000 का मौजूदा जीएसटी दर के हिसाब से 18 फीसद यानी 5,400 रुपए जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है.

कमिटी की मंजूरी से कैसे होगा फायदा?

अगर सरकार के12 फीसद के प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल मंजूरी देती है तो अजय को 30, 000 रुपए के हेल्थ बीमा प्रीमियम पर 12 फीसद के हिसाब से 3,600 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा. यानी हर प्रीमियम में 1,800 रुपए कम भुगतान करना पड़ेगा. अगर हेल्थ बीमा सस्ता होता है तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि फरवरी में पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी ने कहा था कि जीएसटी काउंसिल को खासकर हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को लेकर विचार करने की जरूरत है. कमिटी ने यह भी कहा था कि वरिष्ठों के लिए रिटेल इंश्योरेंस पॉलिसी और टर्म पॉलिसी पर जीएसटी को कम करने पर विचार किया जाना चाहिए.

लोकसभा चुनाव के बाद इस फैसले को मंजूरी मिल सकती है. फिलहाल 30 हजार रुपये तक की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एक परिवार के चार सदस्य 10 लाख रुपये तक का कवर हासिल कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे ये कवर अलग-अलग फैक्टर जैसे उम्र और बीमारी के प्रकार, टाइप ऑफ कवरेज पर भी निर्भर करता है.

Published - May 6, 2024, 01:44 IST