जानिए स्पेशल इंडिविजुअल के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के क्‍या हैं ऑप्‍शन, यहां मिलेगी पूरी जानकारी

Health Insurance: यह भारत की आबादी के 2.1% के बराबर है. हालांकि देश में स्पेशल इंडिविजुअल के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के विकल्प काफी सीमित हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 28, 2021, 09:36 IST
Aarogya Sanjeevani Policy:

इस पॉलिसी के तहत वयस्कों के लिए एंट्री की ऐज लिमिट 18 साल से 65 साल है. बच्चों के लिए जब आप फैमिली फ्लोटर प्लान खरीदते हैं, तो यह तीन महीने से लेकर 25 साल तक का होता है.

इस पॉलिसी के तहत वयस्कों के लिए एंट्री की ऐज लिमिट 18 साल से 65 साल है. बच्चों के लिए जब आप फैमिली फ्लोटर प्लान खरीदते हैं, तो यह तीन महीने से लेकर 25 साल तक का होता है.

जीवन अनिश्चितताओं से भरा हुआ है और इन रिस्क को कम करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) एक अच्छा विकल्प है. यह मेडिकल इमर्जेन्सी के दौरान उपचार संबंधी कॉस्ट को उठाकर फाइनेंसियल प्रोटेक्शन प्रदान करता है. हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व अलग-अलग डिसएबल व्यक्तियों के लिए भी समान रूप से लागू होता है. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल 26.8 मिलियन लोग मानसिक और शारीरिक डिसेबिलिटी के शिकार थे. यह भारत की आबादी के 2.1% के बराबर है. हालांकि देश में स्पेशल इंडिविजुअल के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के विकल्प काफी सीमित हैं.

डिसेबिलिटी के प्रकार

भारत में कानून के मुताबिक एक व्यक्ति को डिसएबल की कैटेगरी में माना जाने के लिए कम से कम 40% डिसएबल होना चाहिए. नीचे उल्लिखित किसी भी एक डिसएबिलिटी से पीड़ित लोगों को अलग-अलग डिसएबल लोगों के रूप में माना जाता है.

i) कंजेनिटल डिसएबिलिटी: कंजेनिटल डिसएबिलिटी जिसे जन्म दोष के रूप में भी जाना जाता है. फंक्शनल डिसऑर्डर हैं जो शिशु के जन्म के समय से ही होते हैं.
ii) मेन्टल डिसेबिलिटी: व्यवहारिक तनाव और मानसिक विकारों सहित किसी भी प्रकार की मस्तिष्क संबंधी विकलांगता मेन्टल डिसेबिलिटी के अंतर्गत आती है.
iii) एक्सीडेंटल डिसेबिलिटी: दुर्घटनाओं के कारण होने वाली स्थितियां एक्सीडेंटल डिसेबिलिटी के अंतर्गत आती हैं.

स्पेशल इंडिविजुअल के लिए हेल्थ इंश्योरेंस

डिसएबल व्यक्ति भी हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) की सुविधा का लाभ उठा सकें इसके लिए सरकार ने अलग अलग योजनाएं भी चला रखी हैं, लेकिन ऐसी योजनाएं केवल बेसिक मेडिकल ट्रीटमेंट को ही कवर करती हैं. ऐसे में यहां आपको डिसएबल व्यक्तियों के लिए सरकार द्वारा स्पॉन्सर्ड किये जाने वाले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों (Health Insurance) के बारे में जानने की जरूरत है.

निरामया हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम

निरामया हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम विशेष रूप से शारीरिक और मानसिक रूप से डिसएबल व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन की गई है. यहां सरकार सेरिब्रल पाल्सी, ऑटिज़्म, मल्टीप्ल डिसाबिलिटीस और मेन्टल रेटार्डेशन के लिए कवरेज प्रदान करती है. यह पॉलिसी मानसिक रूप से डिसएबल व्यक्तियों के लिए भी उपलब्ध है. इस योजना के तहत डिसएबल व्यक्ति को लिए 1 लाख रुपये का कवरेज दिया जाता है. इसके साथ ही सरकार प्रीमियम सहायता भी प्रदान करती है. यहां प्रीमियम का भुगतान ट्रस्ट द्वारा किया जाना है.

स्वावलंबन हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम

स्वावलंबन एक अन्य सरकार द्वारा स्पॉन्सर्ड किये जाने वाली हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. यह स्कीम एक ग्रुप मेडिक्लेम पॉलिसी है जिसे अलग-अलग डिसएबल व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह स्कीम लोकोमोटर डिसाबिलिटि, अंधापन, लोव विशन और हियरिंग इम्पेयरमेंट के लिए कवरेज प्रदान करती है.

इस पॉलिसी के लिए व्यक्ति की उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए. स्वावलंबन हेल्थ इंश्योरेंस चुनने का एक क्राइटेरिया यह भी है कि बीमित व्यक्ति के परिवार की वार्षिक आय 300,000 रुपये प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए. यह स्कीम पहले से मौजूद मेडिकल कंडीशंस को कवर करती है. यह पॉलिसी बीमित व्यक्ति और पॉलिसी में शामिल अन्य सदस्यों के लिए प्रति वर्ष अधिकतम 2,00,000 रुपये का कवर प्रदान करती है.

Published - August 28, 2021, 09:36 IST