Health Insurance लेते वक्‍त इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Health Insurance:  जब हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है, इसमें दो ऑप्शन उपलब्ध होते हैं. पहला व्यक्तिगत हेल्थ प्लान और दूसरा फैमिली फ्लोटर पॉलिसी.

Benefits of Health Insurance:

कंपनी का क्‍लेम सेटलमेंट रेश्यो जरूर देखें. कई ऐसी पॉलिसी हैं जिनमें आप और आपका परिवार कवर होता है. यह जरूर चेक कर लें कि पॉलिसी में कोरोनावायरस का इलाज शामिल है या नहीं. इसे प्राथमिकता में रखिए.

कंपनी का क्‍लेम सेटलमेंट रेश्यो जरूर देखें. कई ऐसी पॉलिसी हैं जिनमें आप और आपका परिवार कवर होता है. यह जरूर चेक कर लें कि पॉलिसी में कोरोनावायरस का इलाज शामिल है या नहीं. इसे प्राथमिकता में रखिए.

Health Insurance:  कोरोना महामारी अपने साथ कई बदलाव और चुनौतियां को लेकर आया है, जिससे इंश्योरेंस की मांग भी इन दिनों काफी ज्यादा बढ़ गयी. जहां पहले हेल्थ इंश्योरेंस का प्रयोग ज्यादातर लोग टैक्स बचने के लिए करते थे. वही अब अब हेल्थ इंश्योरेंस अनफॉरेसीन सिनेरियो के खिलाफ एक अनिवार्य सेफगार्ड बनता जा रहा है. लोग इस प्रकार की अचानक से आई बीमारी से निपटने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस करवाने लगे हैं. ऐसे में सही हेल्थ इंश्योरेंस आपको और आपके प्रियजनों को इस प्रकार की अनचाही बीमारियों से सुरक्षा देने में हेल्प करता है. इसलिए ये बेहद जरूरी है कि आप अपने और अपने प्रियजनों को लिए सही बीमा पॉलिसी ही खरीदें. यहां InsuranceDekho के को-फाउंडर और सीईओ अंकित अग्रवाल आपको हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी 5 ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जो आपके बहुत काम आ सकती हैं.

हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले मेडिकल इन्फ्लेशन के बारे में समझें

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेने से पहले आपको महंगाई को भी समझना होगा. हेल्‍थ सेक्‍टर में महंगाई किस तरह से बढ़ रही है. इसका ध्‍यान रखना जरूरी है. आपको देखना होगा कि 20 साल पहले की तुलना में आज कीमतें कैसी हैं.

इस कारण आपको आदर्श रूप से प्रीमियम और बीमा राशि के संयोजन का विकल्प चुनना चाहिए. चिकित्सा के साथ उपचार काफी आगे बढ़ रहा है. ऐसे में अधिक बीमित राशि होने से चिकित्सा मुद्रास्फीति के किसी भी प्रभाव के बिना वित्तीय रूप से चिकित्सा जरूरतों को का ध्यान में रखा जाता है.

प्रत्येक वर्ष अपेक्षाकृत किफायती स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करना या टॉप-अप खरीदना अपने मौजूदा कवर के साथ पॉलिसी और चिकित्सा मुद्रास्फीति के बोझ को हरा सकते हैं.

कैशलेस क्लेम अवेलेबिलिटी

आमतौर पर जब कोई व्यक्ति किसी बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होता है तो वहां बिल का भुगतान सीधे हॉस्पिटल और बीमा कंपनी के बीच हो जाता है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि आपकी पसंद के अस्पताल का आपकी बीमा कंपनी के साथ टाई-अप न हो.

ऐसे में किसी भी बीमा पॉलिसी को लेने से पहले ये जरूरी जांच कर लें कि उसका अधिक से अधिक हॉस्पिटल्स के साथ टाई-अप हो जिससे आपको कभी भविष्य में ऐसी मुसीबतों का सामना न करना पड़े.

ट्रीटमेंट्स और वैल्यू एडिशन्स

ऐसी पॉलिसी चुनना हमेशा फायदेमंद होता है जिसमें को पेमेंट योजना न हो. साथ ही आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ट्रीटमेंट की लिमिट में एक कैप ऑफ हो.

विशेष रूप से एक बड़ी सर्जरी के ट्रीटमेंट में जहां आपको बताए गए बिल से ज्यादा बिल आने की संभावना रहती है. अतिरिक्त भुगतान आपको अपनी जेब से भरना होगा.

ऐसे में आप का हेल्थ इंश्योरेंस लेने का कोई फायदा नहीं होगा. जितना हो सके इससे बचने की कोशिश करें, क्योंकि ऐसी पॉलिसी में कवरेज के बावजूद प्रीमियम और पॉलिसी अमाउंट के साथ आपको बिल का कुछ परसेंट हिस्सा भी खुद से भरना होगा.

अपने बीमाकर्ता को जानें

आप जिस कंपनी की बीमा पॉलिसी लेने जा रहे हैं उसके बारे में थोड़ी जांच पड़ताल जरूर करें. जैसे कि उस कंपनी से जुड़े ग्राहकों का एक्सपेरिएंस उस कंपनी के साथ कैसा रहा है.

साथ ही साथ ये भी जानने की कोशिश करें कि बीते सालों में कंपनी ने कितने क्लेम का निपटारा किया है और ये भी सुनिश्चित करलें कि वो आपको हाई क्लेम सेटेलमेंट रेंज देते हों जिससे आप अपने कवरेज का दावा करने में भी सक्षम हो.

आवश्यकताओं के आधार पर ही बीमा पॉलिसी का चयन करें

जब हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है इसमें दो ऑप्शन उपलब्ध होते हैं. पहला व्यक्तिगत हेल्थ प्लान और दूसरा फैमिली फ्लोटर पॉलिसी, वहीं एक फैमिली फ्लोटर प्लान पूरे परिवार की हेल्थ को कवर करता है.

ऐसे में किसी भी पॉलिसी को खरीदने से पहले यह जरूर जांच लें कि कौन सी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी सारी जरूरतों को पूरा कर रही है.

पहले उसे चुनें और ध्यान रखें कि एक व्यक्तिगत हेल्थ प्लान को अपनी जरुरतों और पूर्व-मौजूदा स्थितियों के अकॉर्डिंग बदला भी जा सकता है.

Published - October 20, 2021, 05:57 IST