क्रिटिकल इलनेस बनाम डिजीज स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान: जानें दोनों में से क्‍या रहेगा बेहतर

Health Insurance: क्रिटिकल इलनेस और डिजीज-स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में फाइनेंशियल प्रोटेक्शन पाने में मदद करेंगे

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इन बीमारियों को बीमाकर्ता पहले जोखिम भरा मानते थे. बीमाकर्ता पालिसी होल्डर को कवर देते वक़्त इन बीमारियों को परमानेंट एक्सक्लूशन लिस्ट में डाल सकते हैं

इन बीमारियों को बीमाकर्ता पहले जोखिम भरा मानते थे. बीमाकर्ता पालिसी होल्डर को कवर देते वक़्त इन बीमारियों को परमानेंट एक्सक्लूशन लिस्ट में डाल सकते हैं

Health Insurance: सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल काम हो सकता है. हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के बारे में गलत डिसीजन आपको बहुत भारी पड़ सकता है. अब कई इंश्योरेंस कंपनियां क्रिटिकल इलनेस और डिजीज-स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान ऑफर करती हैं. दोनों तरह के प्लान आपको मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में फाइनेंशियल प्रोटेक्शन पाने में मदद करेंगे. दोनों में से कौन सा बेहतर प्लान है?  यहां क्रिटिकल इलनेस (गंभीर बीमारी) और डिजीज-स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान के बारे में कुछ खास पॉइंट दिए गए हैं जिन्हें आपको पॉलिसी खरीदने से पहले जानना चाहिए.

1) डिजीज स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान

एक डिजीज स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान एक स्पेसिफिक डिजीज से संबंधित पूरी ट्रीटमेंट कॉस्ट को कवर करता है. डायग्नोस से लेकर एडवांस ट्रीटमेंट तक सभी स्टेज इस प्लान में शामिल हैं.

कवरेज:

एक डिजीज स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान एक स्पेसिफिक डिजीज को कवर करती है. इस प्लान को कैंसर, कोविड-19, डेंगू, डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी की बीमारियों आदि जैसी कई बीमारियों के लिए खरीदा जा सकता है.

वेटिंग पीरियड:

डिजीज स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान के लिए कोई वेटिंग पीरियड नहीं है.

प्रीमियम:

डिजीज स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान में केवल एक बीमारी शामिल होती है, इसलिए ऐसी पॉलिसियों का प्रीमियम तुलनात्मक रूप से सस्ता होता है.

आइडियल फॉर:

इस तरह का इंश्योरेंस उन लोगों के लिए सही विकल्प हो सकता है जिनके परिवार में किसी विशेष बीमारी का इतिहास रहा है.

2) क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान

दूसरी ओर, क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान कई जानलेवा बीमारियों को कवर करते हैं. इस प्लान के तहत इंश्योरेंस कंपनी प्लान के अंतर्गत आने वाली बीमारियों के डायग्नोस के बाद एकमुश्त राशि का भुगतान करती है.

कवरेज:

आम तौर पर, एक अच्छा क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान कैंसर, स्ट्रोक, दिल का दौरा, ऑर्गन ट्रांसप्लांट सहित लगभग 8 से 30 बीमारियों को कवर करता है.

प्रीमियम:

क्योंकि ये प्लान डिजीज स्पेसिफिक इंश्योरेंस की तुलना में अधिक व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है, इसलिए इसका प्रीमियम ज्यादा होता है.

वेटिंग पीरियड:

आम तौर पर, पॉलिसी होल्डर को क्लेम करने के लिए क्रिटिकल इलनेस के डायग्नोस होने बाद 30 दिनों तक सर्वाइव करने की जरूरत होती है. हालांकि, कुछ कंपनियां शून्य या 28 दिनों तक सर्वाइव करने वाली पॉलिसियां भी प्रोवाइड करती हैं.

Published - July 26, 2021, 04:57 IST