Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े नियम और शर्तों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. को-पेमेंट और डिडक्टिबल दो ऐसे टर्म हैं, जो हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में अक्सर इस्तेमाल होते हैं. इनका मतलब होता है कि मेडिकल इलाज में आने वाले खर्च को आप खर्च करेंगे या पूरी तरह बीमाकर्ता खर्च करेगा. को-पेमेंट vs डिडक्टिबल में कई तरह के अंतर होते हैं. ये दोनों इस बात में अलग हैं कि आपको कब और कितना भुगतान करना है. इसके साथ ही आपके बीमाकर्ता को भुगतान करने के लिए क्या बचा है.
को-पेमेंट, हेल्थ इंश्योरेंस का एक कम्पोनेंट है जिसमें क्लेम की राशि के एक हिस्से का भुगतान पॉलिसीधारक करता है. ये पॉलिसीधारक और बीमाकर्ता के बीच एक अग्रीमेंट पर आधारित होता है.
डिडक्टिबल एक निश्चित राशि होती है, जो पॉलिसीधारकों को बीमा पॉलिसी के भुगतान से पहले मेडिकल खर्च या प्रीमियम के तौर पर जमा करानी होती है. डिडक्टिबल्स का भुगतान करने की अवधि बीमा कंपनी तय करती है. आमतौर पर ये सालाना होती है.
– को-पेमेंट एक पहले से परिभाषित राशि होती है जो आपको हर बार इलाज कराने के दौरान भुगतान करनी होती है. को-पेमेंट एक ही प्लान में अलग अलग सेवाओं के आधार पर भी तय की जाती है.
– जबकि दूसरी ओर डिडक्टिबल एक तय राशि होती है. ये आपको हर साल हेल्थ इंश्योरेंस शुरू होने से पहले जमा करानी होती है.
– डिडक्टिबल एक सालाना प्रक्रिया है. एक बार डिडक्टिबल का भुगतान करने के बाद आपको पूरे साल पॉलिसी अवधि तक कोई और राशि जमा नहीं करानी होती है.
जबकि दूसरी तरफ, को-पेमेंट एक सतत प्रक्रिया है. आप जब भी इलाज के लिए अस्पताल में जाएंगे, आपको को-पेमेंट करना अनिवार्य होगा.
हेल्थ इंश्योरेंस को खरीदने से पहले सबसे जरूरी बात है कि आप इसके नियम और शर्तों को सावधानीपूर्वक पढ़ें और तुलना करें. इसके बाद आप को-पेमेंट या डिडक्टिबल में से किसी का चुनाव करें.