बढ़ सकती है Health Cover Cost, ये हैं असल कारण

Health Cover Cost:मेडिकल इन्फ्लेशन 15-18 फीसदी की दर बढ़ रहा है. इस क्षेत्र में नई तकनीकें आ रही हैं, जो महंगी हैं. इसका असर मेडिकल खर्च पर पड़ रहा है

  • Team Money9
  • Updated Date - September 22, 2021, 05:23 IST
बढ़ सकती है Health Cover Cost, ये हैं असल कारण

Pixabay - अस्पतालों में अपने रेट बढ़ा दिए हैं. क्लेम बढ़ने से प्रीमियम पर दबाव बढ़ गया है. कोविड की वजह से बीमा कंपनियों पर पहले ही बुरा असर पड़ रहा था, अब गैर-कोविड क्लेम बढ़ने से यह बोझ और भी बढ़ गया है.

Pixabay - अस्पतालों में अपने रेट बढ़ा दिए हैं. क्लेम बढ़ने से प्रीमियम पर दबाव बढ़ गया है. कोविड की वजह से बीमा कंपनियों पर पहले ही बुरा असर पड़ रहा था, अब गैर-कोविड क्लेम बढ़ने से यह बोझ और भी बढ़ गया है.

Health Cover Cost: देश में इन दिनों हेल्थकेयर की लागत बढ़ती जा रही है. इसके कई कारण हैं. पहला तो यह कि मेडिकल इन्फ्लेशन 15-18 फीसदी की दर बढ़ रहा है, जो सामान्य महंगाई दर से ज्यादा है. दूसरा, इस क्षेत्र में नई-नई तकनीकें आ रही हैं, जो महंगी हैं, और इसके असर मेडिकल खर्च पर पड़ रहा है. तीसरी वजह है, कोविड-19. इसके कारण अस्पतालों ने नए प्रोटोकॉल का पालन करने के एवज में अपने रेट बढ़ा दिए हैं. अब, जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में हेल्थ कवर की भी लागत बढ़ सकती है.

क्लेम में 40 फीसदी की बढ़ोतरी

हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि सरकारी बैंकों के रिटायर्ड कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे क्लेम में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को प्रीमियम रेट बढ़ाने के संबंध में एक संशोधित कोट प्राप्त हुआ है.

PolicyX.com के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस प्राइस इंडेक्स का वैल्यू 2021 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 25,197 रुपए हो गया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 24 हजार रुपए पर था.

कोविड क्लेम में कमी आई

बीमा कंपनियों का कहना है कि कोविड क्लेम में कमी आई है, लेकिन गैर-कोविड मामलों के क्लेम वृद्धि हुई है. Future Generali India Insurance के सीओओ श्रीराज देशपांडे के मुताबिक, “देश में कोराना के हालात सुधरे हैं, हालांकि गैर-कोविड क्लेम बढ़ रहे हैं.

मतलब यह हुआ कि अस्पतालों में अपने रेट बढ़ा दिए हैं. क्लेम बढ़ने से प्रीमियम पर दबाव बढ़ गया है. कोविड की वजह से बीमा कंपनियों पर पहले ही बुरा असर पड़ रहा था, अब गैर-कोविड क्लेम बढ़ने से यह बोझ और भी बढ़ गया है.”

वह आगे बताते हैं, “बीमा कंपनियां लोगों से प्रीमियम लेती हैं, यदि यह फंड पर्याप्त नहीं होगा तो उन्हें पॉलिसी लागत को बढ़ाना पड़ेगा. इससे आने वाले समय में प्रीमियम बढ़ सकता है. ग्रुप पॉलिसी में प्रीमियम बढ़ाया जा रहा है.”

आगे क्या किया जाए?

शुरुआती उम्र में किफायती प्रीमियम पर हेल्थ पॉलिसी खरीद लेना अच्छा होता है. साथ ही अतिरिक्त कवर प्राप्त करने के लिए सुपर-टॉप अप खरीद लेना चाहिए. लोगों को विभिन्न कंपनियों के प्रीमियमों की तुलना करनी चाहिए.

इससे सही प्लान चुनने में मदद मिलती है और जरूरत से ज्यादा भुगतान करने से आप बच जाते हैं. सभी राइडर भी जरूरी नहीं होते. व्यक्ति को वही राइडर चुनना जो वास्तव में उसके काम के लायक हो, क्योंकि राइडर से प्रीमियम बढ़ता है.

Published - September 22, 2021, 05:04 IST