इंश्योरेंस लेने से पहले जरूरी है कि आप उसके हर पहलू को समझें और पूरी जागरूकता के बाद ही पॉलिसी चुनें. बीमा की बारीकियों को समझाने के लिए हम लेकर आए हैं इंश्योरेंस की बात, पॉलिसी बाज़ार के साथ.
अगर आप पॉलिसी में निवेश पर तयशुदा रिटर्न चाहते हैं तो आपके लिए गारंटीड रिटर्न प्लान (Guaranteed Return Plan) का विकल्प है. इस निवेश विकल्प की बारीकियां समझा रहे हैं PolicyBazaar.com के इन्वेस्टमेंट हेड विवेक जैन.
गारंटीड रिटर्न प्लान में निवेश के वक्त ही तय हो जाता है कि मैच्योरिटी पर कितनी रकम वापस मिलेगी. यानी तय इनकम का वादा. वहीं, इस प्लान में हर महीने किस्त में या सालाना निवेश कर सकते हैं. प्लान में कुछ समय के लिए निवेश करना होता है और मैच्योरिटी पर आपको तय रकम वापस मिलती है.
वहीं, मैच्योरिटी पर ये प्लान आप एकमुश्त रकम के तौर पर वापस ले सकते हैं या फिर मंथली पे-आउट पर. मतलब ये कि हर महीने आपको ये प्लान नियमित पैसे देता रहेगा – रिटायरमेंट के बाद के खर्च के लिए सहूलियत.
विवेक जैन के मुताबिक, गारंटीड रिटर्न प्लान में निवेश के साथ ही जीवन बीमा भी मिलता है और इसका कवर सालाना प्रीमियम की रकम का 10 गुना होता है. पॉलिसी धारक की मृत्यु की स्थिति में उनके परिवार को वित्तीय मदद मिलती है – यानी आपके ना रहने पर परिवार के लिए आर्थिक सुरक्षा.
विवेक जैन बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में Fixed डिपॉजिट के रिटर्न घटे हैं. ऐसे में इंश्योरेंस के साथ ही निवेश वाले इन गारंटीड रिटर्न प्लान में 5.5 फीसदी से 6 फीसदी तक के ब्याज दर पर कमाई होती है. प्लान में है कमाई भी और इंश्योरेंस भी. इसलिए विवेक जैन इन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर मानते हैं.
इंश्योरेंस से लेकर निवेश की बात हो गई, तो अब टैक्स के पहलू पर गौर करें तो भी ये प्लान फायदेमंद साबित होते हैं. विवेक जैन के मुताबिक इस विकल्प में निवेश पर टैक्स बचत में मदद मिलेगी क्योंकि इस पर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.
ये दौर कुछ और ही है. कोरोना संकट ने सभी कुछ ऑनलाइन कर दिया है. इस समय कॉन्टेक्टलेस पेमेंट कर आप पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकें तो उससे बेहतर और क्या होगा.
प्रक्रिया और पेमेंट के बाद आपको पॉलिसी बॉन्ड घर पर ही डिलीवर होगा. साथ ही पॉलिसी बाजार के मुताबिक इस प्लान की ऑनलाइन खरीदारी पर रिटर्न भी ज्यादा मिलता है.
विवेक जैन का कहना है कि पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा सुरक्षित निवेश विकल्पों में होना जरूरी है. अगर कोई जोखिम लेना चाहता है तो इक्विटी मार्केट से जुड़े निवेश विकल्प मौजूद हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ रिस्क लेने की क्षमता भी घटती है.
अगर 50 साल से ज्यादा की उम्र है और रिटायरमेंट नजदीक है तो रिस्क लेना सही नहीं. ऐसे में काम आएंगे गारंटीड रिटर्न प्लान. इसके जरिए आप लंबे समय तक के लिए अपने निवेश पर ब्याज दर लॉक कर सकते हैं.
विवेक जैन के साथ पूरी चर्चा यहां देखेंः