Health Insurance: कोविड-19 के दौर में जरूरी है कि आप अपने इंश्योरेंस को पूरी तरह समझें. इंश्योरेंस में क्या कुछ कवर होता है, इंश्योरेंस कवर बढ़ाना हो तो कैसे बढ़ाएं, घर पर हुए इलाज का खर्च कवर किया जाएगा या नहीं, क्लेम की प्रक्रिया क्या होगी. इन्हीं में से कुछ सवालों का हल हम आपको बता रहे हैं.
घर पर हुए इलाज के खर्च का कवर आपकी पॉलिसी में है या नहीं उसके लिए आपको डॉमिसिलयरी कवरेज को समझना होगा. ऐसी स्थिति जब मरीज को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जगह नहीं मिली और वे घर पर इलाज करा रहे हों.
दो स्थितियों में डॉमिसिलियरी कवरेज मिलता है – या तो मरीज को अस्पताल नहीं ले जाया जा सकता और डॉक्टर ने घर पर ही इलाज कराने की सलाह दी हो. या फिर अस्पताल में बेड उपलब्ध ना हो जिसकी वजह से मरीज को घर पर ही रहकर इलाज कराना पड़े.
पॉलिसीबाजार के हेल्थ इंश्योरेंस हेड अमित छाबड़ा के मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनियां कई तरह के खर्च इसके तहत कवर करती हैं. जो पॉलिसियां खास तौर पर 4-5 साल में जारी की गई हैं उनमें ये फीचर है. इसमें दवाओं का खर्च, डॉक्टर कंसल्टेशन फीस, मेडिकल इक्विप्मेंट, ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे खर्च शामिल हैं. ये आपकी पॉलिसी कवर में ही शामिल होता है.
उनका कहना है, “पॉलिसीहोल्डर को ध्यान देना चाहिए कि हेल्थ इंश्योरेंस ये कवर तभी देगा जब आपका इलाज कम से कम 3 दिन, यानी 72 घंटों तक चला हो. घर पर हुआ इलाज अगर 72 घंटों से कम होगा तो इंश्योरेंस उसे कवर नहीं करेगा. होम ट्रीटमेंट कवरेज में दवाएं, सीटी स्कैन, एक्स-रे, नर्स और डॉक्टर के विजिट का खर्च, और ICU सेट-अप करने का भी खर्च शामिल है.
फैमिली फ्लोटर प्लान के जरिए आप एक पॉलिसी में ही पूरे परिवार को कवर कर सकते हैं. हालांकि, इस प्लान में इंश्योरेंस कवरेज फिर उसी हिसाब से रखें ताकि कोविड जैसी परिस्थिति में जहां परिवार के कई सदस्य एक ही बार में संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, वहां आपकी पॉलिसी आपको कवर कर सके और जेब पर अतिरिक्त बोझ ना पडे.
फैमिली फ्लोटर प्लान में पति-पत्नी और बच्चे शामिल होते हैं. कई पॉलिसी में आप अपने माता-पिता और अपने पार्टनर के माता-पिता को भी कवर करा सकते हैं.
अमित छाबड़ा के मुताबिक एक फैमिली फ्लोटर में बच्चे 25 साल तक की उम्र तक कवर होते हैं.
पॉलिसिबाजार के मुताबिक कई पॉलिसी से क्लेम लिया जा सकता है. लेकिन, पूरा क्लेम कैशलेस नहीं होगा.
अमित छाबड़ा इसपर जानकारी देते हुए कहते हैं, “आप एक कैशलेस क्लेम कर सकते हैं और दूसरी से रिइंबर्समेंट क्लेम ले सकते हैं.”
अक्सर सभी हेल्थ प्लान अपने नेटवर्क के अस्पताल में कैशलेस सुविधा (Cashless) मुहैया कराते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप पॉलिसी लेने से पहले ये जांचें कि उस कंपनी के नेटवर्क में आपके नजदीकी अस्पताल हैं या नहीं. कैशलेस यानी आपको अस्पताल में कोई रकम नहीं देनी होगी. इसके लिए आपको फॉर्म भरना होगा. आपको अस्पताल में भर्ती होते वक्त कुछ एडवांस रकम देनी पड़ सकती है और साथ में पॉलिसी नंबर के साथ KYC के कागजात भी देने पड़ेंगे.
रिइंबर्समेंट क्लेम को करने के लिए आपके पास डिस्चार्ज होने के बाद 7 से 15 दिन का समय होता है. अस्पताल में भर्ती होने के बाद आप ये सुनिश्चित करें कि क्लेम फॉर्म के मुताबिक आपके पास सभी कागजात हों. अस्पताल के सभी खर्च और प्रेसक्रिप्शन के कागज संभाल कर रखें. इनमें क्लेम फॉर्म, डिस्चार्ज, प्रेस्क्रिप्शन और बाकी बिल क्लेम के वक्त जमा कराने होते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम करते वक्त इन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी
मुमकिन है कि आपने जब पॉलिसी ली थी जब जिम्मेदारियां कम रही हों या आपने कम कवरेज ले लिया हो. इस कवरेज को बढ़ाने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं.
अमित छाबड़ा के मुताबिक, “आप अपने इंश्योरेंस कंपनी से ही मौजूदा कवर बढ़ाने के लिए कह सकते हैं. इसके अलावा आप पॉलिसी पोर्ट कराकर ज्यादा सम इंश्योर्ड वाली पॉलिसी खरीद सकते हैं. इन सब के अतिरिक्त, आपके पास सुपर टॉप-अप खरीदकर भी लिमिट बढ़ाने का विकल्प है.”