यूनिट लिंक्ड इनवेस्टमेंट प्लान यानि ULIPs दरअसल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की एक कैटेगरी है, जो आपको लाइफ कवर के साथ निवेश में अच्छे रिटर्न और टैक्स में बचत की सुविधा देती है. ULIPs की प्रमुख खासियत ये है कि वो मार्केट लिंक्ड रिटर्न प्लान है. प्रीमियम में जिस राशि का भुगतान किया दाता है, वो दो हिस्सों में बांटी जाती हैं. एक हिस्सा लाइफ कवर मुहैया कराता है जबकि दूसरे हिस्से का इस्तेमाल स्टॉक मार्केट में होता है. तो, स्वाभाविक रूप से बाजार से जुड़े अलग अलग जोखिम कारक भी हैं.
सही समझ न होने के कारण ULIPs के साथ कई मिथक जुड़े हैं. आइए जानते हैं उन मिथक और उसके पीछे की हकीकत के बारे में.
अगर आप सोचते हैं कि ULIPs काफी महंगा तो आप गलत हैं. अगर कोई ग्राहक 10 साल से अधिक समय तक निवेश करता है तो IRDA ने ULIP निवेश शुल्क को 2.25% तक सीमित कर दिया है.
आप जो जीवन बीमा कवर खरीदते हैं, वह यूलिप में स्थिर रहता है. जबकि विशिष्ट यूलिप निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर कई फंड विकल्प प्रदान करते हैं. आपमें जिस स्तर का जोखिम लेनी की क्षमता है, उसके आधार पर आप निवेश करने के लिए इक्विटी, डेट फंड या बैलेंस्ड फंड का विकल्प चुन सकते हैं.
ULIPs से जुड़ा ये सबसे आम मिथक है. वास्तविकता में, ULIPs निवेशकों को लगातार बेहतर रिटर्न प्रदान करते हैं. मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ULIPs में 67% तक का 5 साल का पूरा रिटर्न मिला है.
ULIPs से जुड़ा एक और मिथक है कि इसे बंद नहीं कर सकते हैं. जबकि सच्चाई है कि आप 5 साल के लॉक-इन पीरियड के दौरान भी इसको बंद कर सकते हैं. और इसके लिए आपको कोई सरेंडर या बंद करने का चार्ज नहीं देना पड़ेगा.
ये बात सच है कि ULIPs मार्केट से लिंक्ड इनवेस्टमेंट प्लान है, प्लान का जीवन बीमा घटक बाजार जोखिम से संबंधित नहीं होता है. इसलिए, बाजार की स्थितियों की परवाह किए बिना आपका जीवन बीमा बरकरार रहेगा.