हेल्थ इंश्योरेंस में बड़े काम के ये फीचर

सेहत की सुरक्षा के लिए अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की हर साल समीक्षा करें. इस दौरान अपना सुरक्षा कवर मजबूत करने के लिए कुछ जरूरी फीचर्स पर गौर करें

  • Updated Date - May 2, 2023, 08:47 IST
हेल्थ इंश्योरेंस में बड़े काम के ये फीचर

फोटो साभार: Freepik

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कोरोना महामारी के बाद से देश में स्वास्थ्य से जुड़ी महंगाई काफी ऊंची बनी हुई है. Aco की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2021 में स्वास्थ्य महंगाई 14 फीसद पर रही जो एशियाई देशों में सबसे ऊंची थी. महंगाई का आंकड़ा अब भी करीब 12 फीसद पर बना हुआ है. देश में अभी खुदरा महंगाई दर छह फीसद के आसपास है. ऐसे में अपने परिवार की सेहत की सुरक्षा के लिए अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की हर साल समीक्षा करें. अगर कोई फीचर छूट रहा है तो उसे जोड़ने पर विचार करें. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में ये फीचर प्रमुख हैं-

रिस्टोरेशन की सुविधा
गंभीर बीमारी में पांच लाख रुपए का बीमा कवर कब खत्म हो जाता है कुछ पता भी नहीं चलता. अपने हेल्थ प्लान का कवर बढ़ाने के लिए रिस्टोरेशन की सुविधा अच्छा विकल्प है. अगर आपने पांच लाख रुपए का बीमा कवर लिया है और वह कवर खर्च हो जाता है तो बीमा कंपनी 5 लाख रुपए का कवर और रिस्टोर कर देगी. ज्यादातर कंपनियां एक साल में समइंश्योर्ड राशि के बराबर तीन बार तक रिस्टोर की सुविधा देती हैं. हालांकि इस फीचर के लिए कुछ ज्यादा प्रीमियम देना होता है. इसके जरिए आप अपने कवर में तीन गुना तक की वृद्धि कर सकते हैं.

कैशलेस हॉस्पिटल नेटवर्क
कुछ नई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों का दायरा सीमित क्षेत्रों में है. इनका हॉस्पिटल नेटवर्क भी छोटा ही है. कोई भी पॉलिसी लेने से पहले कंपनी के हॉस्पिटल नेटवर्क की लिस्ट देखें. आप जिस शहर या इलाके में रह रहे हैं उसके पास नेटवर्क में कौन-कौन से हॉस्पिटल शामिल हैं. अगर इस नेटवर्क में आपके नजदीक कोई अच्छा हॉस्पिटल शामिल नहीं है तो इमर्जेंसी में मुश्किल हो सकती है. अगर आप बिना नेटवर्क वाले हॉस्पिटल में इलाज कराते हैं तो बिल का भुगतान उन्हें अपनी जेब से करना होगा. बाद में यह बिल रिम्बर्समेंट के लिए टीपीए के पास जाएगा. क्लेम कब और कितना मिलेगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है.

डे केयर ट्रीटमेंट
ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में अस्पताल में 24 घंटे भर्ती रहने के बाद ही क्लेम मिलता है. लेकिन कैट्रैक्ट, पाइल्स जैसे कई ट्रीटमेंट हैं जिनमें 24 घंटे भर्ती होने की जरूरत नहीं रहती. सादा प्लान में इस तरह के ऑपरेशन के लिए कैपिंग होती है जो समइंश्योर्ड कवर के हिसाब से तय होती है. उदाहरण के लिए अगर बीमा कंपनी ने एक आंख के ऑपरेशन के लिए 35 हजार रुपए तय हैं और खर्च 50 हजार रुपए है तो बाकी के पैसे पॉलिसीधारक को अपनी जेब से देने होंगे. ऐसे में वही पॉलिसी खरीदें जिसमें All Day Care ट्रीटमेंट शामिल हों और सर्जरी के खर्च की कोई कैपिंग न हो.

Published - May 2, 2023, 08:47 IST