भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की मांग तेजी से बढ़ रही है. जैसे-जैसे ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, बड़ी संख्या में लोग इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में इंटरेस्ट दिखा रहे हैं. देश में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है और अगले दो-तीन वर्षों में कुल टू-व्हीलर की बिक्री में इनकी हिस्सेदारी लगभग 10% हो सकती है. हालांकि, लो-स्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर इंश्योरेंस (low speed electric scooter insurance) के लिए कोई खास नियम या गाइडलाइन नहीं है. लेकिन मार्केट में अवेलेबल हाई स्पीड ई-बाइक (electric bike) के कानून के अनुसार इंश्योरेंस (insurance) कराना जरूरी है.
आप मोटे तौर पर इलेक्ट्रिक बाइक के लिए दो तरह के इंश्योरेंस प्लान में से चुन सकते हैं. ये कॉम्प्रिहेंसिव और थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस प्लान हैं.
कॉम्प्रिहेंसिव टू-व्हीलर इंश्योरेंस: इस तरह का प्लान एक्सिडेंट, लॉस या चोरी के मामले में आपको, आपके व्हीकल और एक्सीडेंट से किसी थर्ड पार्टी को हुए नुकसान को कवर करता है.
थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस प्लान: इस तरह का प्लान आपको किसी थर्ड पार्टी को लगी चोट या मृत्यु या एसेट के नुकसान को लीगल लायबिलिटीज के अगेंस्ट कवर करता है. भारत में हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक टू व्हीलर चलाने के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस प्लान लेना अनिवार्य है.
भारत में कम पावर वाले इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए इंश्योरेंस लेने की जरूरत नहीं है. हालांकि, सभी को अपनी ई-बाइक का इंश्योरेंस करवाना चाहिए. क्योंकि इंश्योरेंस मन की शांति देता है. उदाहरण के लिए, इंश्योरेंस होने से व्हीकल को नुकसान होने की स्थिति में फाइनेंशियल प्रोटेक्शन मिलता है.
यदि आपका व्हीकल डैमेज हो जाता है, खो जाता है या टूट जाता है, तो आपका इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपको फाइनेंशियल सपोर्ट देगा. इतना ही नहीं, अगर आप कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी खरीदते हैं, तो पर्सनल एक्सीडेंट की स्थिति में आपको कवर किया जाएगा.
कुछ एक्सक्लूजन ऐसे हैं जो इलेक्ट्रिक बाइक इंश्योरेंस प्लान में अवेलेबल नहीं हैं. इन एक्सक्लूजन में शामिल हैं :
यदि आप एक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो अवेलेबल ऑप्शंस को कंपेयर करना फायदेमंद होगा. इन्क्लूजन, एक्सक्लूजन, ऐड-ऑन कवर, बेनिफिट, प्रीमियम पेमेंट चैनल आदि को चेक करें. ऐसा करने से आपको अपना प्रीमियम कम करने में मदद मिलेगी.