IRDAI के नीलेश साठे ने कुछ दिनों पहले कहा था कि इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत GST लगाया जाना ‘बिल्कुल गलत’ है. अब LIC के चेयरमैन एम आर कुमार ने भी कम दर के इंश्योरेंस टैक्स की मांग की है. उनका कहना है कि मौजूदा 18 प्रतिशत GST ‘बहुत अधिक’ है.
बिजने टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 फीसदी GST लगाया जाना बहुत अधिक है. देश में बीमा अभी भी खरीदा नहीं, बेचा जाता है.’ ऐसे में GST में राहत दी जानी चाहिए.
रिपोर्ट के अनुसार, कुमार का कहना है कि एनुअल इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST नहीं लगना चाहिए.
कुछ दिनों पहले हुए एक आयोजन में साठे ने कहा था कि जब सभी जरूरी वस्तुओं को GST के दायरे के बाहर रखा गया है, तो इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स कैसे लगाया जा सकता है. बैंकिंग और म्यूचुअल फंड सेवाओं पर कोई GST नहीं लगता. बीमा के मामले में एनुअटी खरीदने पर भी GST लगता है.
GST दर घटाए जाने की मांग ऐसे समय पर आई है, जब 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का न्यू बिजनेस प्रीमियम (NBP) अक्टूबर में पांच प्रतिशत फिसला है. LIC का प्रदर्शन खासतौर पर खराब रहा. इंडस्ट्री को NBP के तहत 21,606 करोड़ रुपये मिले, जो सालाना आधार पर 5.14 प्रतिशत कम है.
निजी बीमा कंपनियों ने 8,105.46 करोड़ रुपये के साथ 12 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की. वहीं, LIC का NBP 13 प्रतिशत से अधिक घटकर 13,500.78 करोड़ रुपये पर आ गया. LIC ने इंडिविजुअल सिंगल प्रीमियम में तेज गिरावट दर्ज की. ग्रुप सिंगल प्रीमियम सुस्त रहा.
कोरोना महामारी ने उपभोक्ताओं के बीच जोखिम को लेकर जागरूकता बढ़ाई है. इसके कारण बीमाओं के लिए मांग बेहतर हुई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे समय में ऊंचे टैक्स बाधा बन सकते हैं.
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