बड़े काम का है अकाउंट एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म, सुरक्षित होगी डेटा शेयरिंग, KYC का झंझट भी नहीं

अकाउंट एग्रीगेटर API आधारित प्रणाली है जो विभिन्न प्रकार के अकाउंट, जैसे- बैंक अकाउंट, इन्वेस्टमेंट अकाउंट आदि की सूचनाओं को संग्रहीत करती है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 4, 2021, 05:25 IST
बड़े काम का है अकाउंट एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म, सुरक्षित होगी डेटा शेयरिंग, KYC का झंझट भी नहीं

बैंक में नया खाता खोलने या कर्ज लेने में कई तरह की कागजी प्रक्रिया करनी होती है. सिर्फ बैंकों में ही नहीं बल्कि किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन जैसे जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने, म्यूचुअल फंड, शेयर आदि में निवेश के लिए भी हस्ताक्षरित दस्तावेज जमा करने होते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में वक्त भी लगता है और डाटा चोरी के साथ फर्जीवाड़ा होने का भी खतरा होता है. लेकिन, अब यह बीते दिनों की बात होने वाली है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में Account Aggregator के लिए लाइसेंस दिया है. इससे ग्राहकों को लोन, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड इत्यादि के लिए बार-बार KYC कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

अकाउंट एग्रीगेटर (AA) क्या है?

अकाउंट एग्रीगेटर (फाइनेंशियल डेटा एग्रीगेटर) एक वेब आधारित अथवा API आधारित प्रणाली है जो विभिन्न प्रकार के अकाउंट, जैसे- बैंक अकाउंट, इन्वेस्टमेंट अकाउंट, क्रेडिट कार्ड अकाउंट आदि की सूचनाओं को संग्रहीत करती है. वर्ष 2016 में रिज़र्व बैंक ने अकाउंट एग्रीगेटर को NBFC की श्रेणी का दर्जा दिया.

यह कैसे काम करेगा?

मान लेते हैं कि आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए एप्लिकेशन जमा करना चाहते हैं. लोन देने या पॉलिसी जारी करने से पहले बैंक या इंश्योरेंस कंपनी वित्तीय जानकारी देने को कहते हैं. इनमें बैंक अकाउंट का डेटा, सैलरी की जानकारी, क्लेम हिस्ट्री इत्यादि शामिल होते हैं.

आज अलग-अलग स्रोतों से आप यह जानकारी फिजकली जुटाते हैं. अकाउंट एग्रीगेटर सहमति में लॉग-इन करते ही सभी जानकारी एक जगह से ली जा सकेंगी. उसके पास फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन मुहैया कराने वाली तमाम फर्मों तक पहुंच होगी. इनमें बैंक, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस कंपनियां और आयकर विभाग शामिल हैं.

डेटा शेयरिंग के लिए जरूरी ग्राहक की रजामंदी

देश के 8 प्रमुख बैंकों ने Account Aggregator नेटवर्क के साथ ग्राहकों के डेटा को साझा करने की योजना बनाई है. इससे बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को नये ग्राहक पाने में भी मदद मिलेगी. हालांकि ग्राहकों का डेटा साझा करने के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान को उनकी रजामंदी लेनी होगी.

इन बैंकों में SBI, HDFC Bank, ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank, Axis Bank, Indusind Bank, Federal Bank और IDFC First Bank शामिल हैं.

आपको इससे क्या होगा फायदा?

यह फ्रेमवर्क लोगों के लिए अपने उन फाइनेंशियल डेटा को साझा करना आसान करेगा जो कई इंटरमीडिएरी के पास स्टोर हैं. आपको फिजिकली अलग-अलग इंटरमीडिएरी की वेबसाइट से सूचना जुटाने की जरूरत नहीं होगी. एग्रीगेटर की मदद से आप अपना लोन मिनटों में प्रोसेस करा सकेंगे. आपको कागजों की जरूरत नहीं पड़ेगी.

सुरक्षित होगी डेटा शेयरिंग

डिजिटल होती दुनिया में सबसे बड़ी चिंता डेटा की सुरक्षा और प्राइवेसी की है. तो Account Aggregator के मामले में आपको डेटा सुरक्षा पूरी तरह से मिलेगी. RBI ने इसके लिए कड़े डेटा प्राइवेसी गाइडलाइन तैयार किए हैं. वहीं Account Aggregator के साथ बैंक जो डेटा शेयर करेंगे वो पूरी तरह से इंक्रिप्टेड होगा, यानी इसमें कोई सेंधमारी नहीं हो सकेगी.

Published - September 4, 2021, 05:25 IST