critical illness cover: प्लान लेते वक्त इन 9 बातों का रखें ख्याल

क्रिटिकल इलनेस कवरः इलाज का खर्च लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने के बाद बिना वजह की परेशानी से बचने के लिए ये कवर लेना ठीक रहता है.

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PTI, क्रिटिकल प्लान हर साल रिन्यू होता है और तब नो क्लेम बोनस मिलता है.

PTI, क्रिटिकल प्लान हर साल रिन्यू होता है और तब नो क्लेम बोनस मिलता है.

critical illness cover: आपका चाहे कितने ही फिट क्यों न हों, कुछ बीमारियां बिना बताएं हमला कर सकती हैं. दिल का दौरा, स्ट्रोक और पक्षाघात जैसी गंभीर बीमारियां पूर्व सूचना के साथ नहीं आती हैं. ऐसी बीमारियों का सामना करने के लिए रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस के साथ साथ क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस (critical illness cover) लेना चाहिए. स्वास्थ्य देखभाल की लागत बढ़ रही है और अस्पताल में भर्ती होने के बाद के उपचारों के दौरान अनावश्यक तनाव पैदा न हो इसलिए ऐसा कवर लेना सबसे अच्छा तरीका है.

क्रिटिकल इलनेस बीमा क्या है?

नियमित स्वास्थ्य बीमा रखने से आपकी या परिवार के सदस्यों की चिकित्सा और अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर मिलता है, वहीं क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस (critical illness cover) ऐसा बीमा है जो 35 से भी अधिक गंभीर रोगों (कैंसर, पक्षाघात, बाईपास सर्जरी या अंग प्रत्यारोपण) के खिलाफ कवरेज प्रदान करता है.

इस योजना के तहत, ऐसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल भर्ती और दवाइयों के खर्च का भुगतान मिलता है. अपने स्वास्थ्य बीमा के अलावा इस तरह का गंभीर बीमारी कवर खरीदना समझदारी है. वास्तव में, कई जीवन बीमा योजनाओं में छोटे प्रीमियम पर गंभीर बीमारी के लिए अतिरिक्त कवर प्राप्त करने का विकल्प होता है.

क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी खरीदते वक्त क्या ध्यान रखना चाहिएः

कई बीमा कंपनियां ऐसे (critical illness cover) प्लान बेचती हैं, लेकिन अपने लिए बेस्ट प्लान खरीदने से पहले आपको कुछ चीजें ध्यान रखनी चाहिए.

पॉलिसी में शामिल बीमारियां

कंपनी की पॉलिसी में कितनी गंभीर बीमारियों को शामिल किया गया है उसकी जांच कर लें. कंपनियों द्वारा कवर की जाने वाली बीमारियां भी भिन्न हो सकती हैं. आपको इन योजनाओं की तुलना करनी चाहिए और अपनी आवश्यकताओं के आधार पर चयन करना चाहिए.

सम इंश्योर्ड का पता लगाएं

कोई गंभीर बीमारी भविष्य में आपके काम करने की क्षमता को कम कर सकती है. आपको वित्तीय प्रावधान करने चाहिए और पर्याप्त बीमा राशि का चयन करना चाहिए, ताकि आय की कमी के कारण आपके परिवार को परिणाम भुगतना न पड़े. आपको अपने दैनिक खर्चों, कर्जों के रीपेमेंट या ईएमआई को ध्यान में रखते हुए ये सुनिश्चित करना होगा कि आपकी तय रकम आपके अस्पताल के बिलों और आय की हानि को कवर करती है या नहीं.

क्लेम प्रोसेस

आपको दावा दाखिल करने की प्रणाली के बारे में पता होना चाहिए, ताकि प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जा सके. आवश्यक दस्तावेजों, बीमा कंपनी के तहत नेटवर्क अस्पतालों का ध्यान रखें और कंपनी के दावा निपटान रिकॉर्ड की जांच करें.

रिन्यूएबल बेनिफिट

क्रिटिकल प्लान हर साल रिन्यू होता है और तब नो क्लेम बोनस मिलता है. जब आप ऐसे प्लान खरीदते है तब डिस्काउंट और दूसरे बेनेफिट की जांच करनी चाहिए.

वेटिंग पीरियड

आमतौर पर, पॉलिसी जारी होने की तारीख से 90 दिनों का प्रारंभिक वेटिंग पीरियड होता है. यदि आपको इस अवधि के समाप्त होने के बाद किसी बीमारी का पता चलता है तब ही आप क्लेम कर सकते हैं.

फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस को क्रिटिकल इलनेस कवर से रिप्लेस न करे

आप अपने फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस को क्रिटिकल इलनेस कवर से रिप्लेस नहीं कर सकते. क्रिटिकल इलनेस पॉलिसियां (critical illness cover) केवल लाइलाज बीमारियों पर लक्षित होती हैं और आपके पूरे परिवार को कवर नहीं करती हैं.

पॉलिसी का प्रकार जांचना न भूलें

क्लेम प्रोसेस और प्रीमियम का आधार आपकी पॉलिसी की प्रकृति पर निर्भर करता है, इसलिए जांचना न भूलें कि आपकी पॉलिसी स्टैंडअलोन है या ऐड-ओन कवर.

Published - July 9, 2021, 12:52 IST