कोरोना महामारी का सकंट एक तरफ और दूसरी तरफ बढ़ते मेडिकल खर्च. कोरोना के वक्त मेडिकल खर्च के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच की सुविधा देने के ध्येय से इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने कोरोना के लिए स्टैंडर्ड हेल्थ प्लान लॉन्च करने के निर्देश दिए थे और अब हर इंश्योरेंस कंपनी ये स्कीमें दे रही ही. ये हैं – कोरोना कवच (Corona Kavach Policy) और कोरोना रक्षक (Corona Rakshak Policy). इनमें कोरोना के इलाज पर हुए खर्च से लेकर अस्पताल में भर्ती होने तक के खर्च का इंश्योरेंस शामिल हैं.
ये दोनों पॉलिसी छोटी अवधि के लिए हैं – साढ़े तीन महीने, साढ़े 6 महीने और साढ़े 9 महीने. पहले ये 31 मार्च तक ही लागू थी लेकिन महामारी को देखते हुए अब इंश्योरेंस कंपनियां 30 सितंबर तक ये पॉलिसी जारी कर सकती हैं और रिन्यू भी.
पॉलिसी दो हैं लेकिन आपको कौन सी लेनी चाहिए? कोरोना रक्षक और कोरोना कवच में क्या फर्क है?
Corona Kavach: कोरोना कवच पॉलिसी क्या है?
अगर आप पूरे परिवार के लिए कोरोना इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो ये पॉलिसी बेहतर है. इसमें ना सिर्फ कवर कोरोना रक्षक के मुकाबले ज्यादा है बल्कि अस्पताल में भर्ती होने की न्यूनतम अवधि भी 24 घंटे है. कोरोना कवच में आपका जितना अस्पताल का बिल होगा उतना पॉलिसी के सम इंश्योर्ड से भरपाई की जाएगी. लेकिन पॉलिसी कवर जितने बिल की भरपाई होगी. कोरोना कवच में आप खुद को और परिवार को पॉलिसी में कवर कर सकते हैं. इस पॉलिसी के तहत कम से कम 50 हजार रुपये का सम इंश्योर्ड लेना होगा और अधिकतम 5 लाख रुपये का कवर लिया जा सकता है.
ध्यान रहे कि पॉलिसी (Corona Kavach) में 15 दिन का वेटिंग पीरियड है. यानी पॉलिसी खरीदने के 15 दिन बाद ही कवर का फायदा मिलेगा. पॉलिसी कवर में एंबुलेंस पर 2000 रुपये तक का खर्च, ICU में भर्ती होने से लेकर डॉक्टर और सर्जन की फीस शामिल है. भर्ती होने से पहले और बाद दोनों के खर्च पर आप क्लेम ले सकते हैं.
इस पॉलिसी में एक और खास बात ये है कि हर दिन के खर्च का भी रीइंबर्समेंट हो होता है. इसे ‘डेली कैश बेनिफिट’ कहते हैं. आप 15 दिन तक सम इंश्योर्ड का 0.5 फीसदी बतौर रोजोना के मेडिकल खर्च पर क्लेम कर सकते हैं.
पॉलिसी के फीचर्स हर इंश्योरेंस कंपनी के पास एक से होंगे लेकिन इसका प्रीमियम अलग हो सकता है.
कोरोना रक्षक पॉलिसी के फीचर
अगर आप सिर्फ अपने लिए कवर लेना चाहते हैं तो कोरोना रक्षक (Corona Rakshak) चुन सकते हैं. हालांकि इस पॉलिसी में क्लेम के लिए आपको कम से कम 72 घंटे अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य है. वहीं ये पॉलिसी खर्च रीइंबर्स ना कर अस्पताल में भर्ती होने पर ये आपको सम इंश्योर्ड की पूरी रकम देगी. यानी इस पॉलिसी में आपको अस्पताल के बिल जमा कर रखने की जरूरत नहीं. इसमें अधिकतम कवर की सीमा 2.5 लाख रुपये है. हालांकि वेटिंग पीरियड कोरोना कवच जैसे ही 15 दिन का है.
कोरोना रक्षक में भी अस्पताल के सभी खर्च शामिल हैं. लेकिन शर्त ये है कि आपको टेस्ट किसी वैध टेस्टिंग सेंटर से ही कारना होगा.
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