कोरोना कवच या कोरोना रक्षक? खरीदने से पहले जानें दोनों बीमा योजनाओं में अंतर

Corona Kavach vs Corona Rakshak: IRDAI ने कोरोना कवच और कोरोना रक्षक बीमा योजनाओं को खरीदने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी है

  • Team Money9
  • Updated Date - September 17, 2021, 11:22 IST
corona kavach and corona rakshak, which is better health insurance policy

देश में कोरोना की धीमी होती रफ्तार के बीच भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 18,166 नए मामले सामने आए.

देश में कोरोना की धीमी होती रफ्तार के बीच भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 18,166 नए मामले सामने आए.

कोविड-19 अब भी बड़ा खतरा बना हुआ है. भारत के कुछ राज्यों में कोरोना के मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं और तीसरी लहर का भी अंदेशा बना हुआ है. आपने अगर अभी तक कोई कोविड-स्पेसिफिक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (covid health insurance plan) नहीं खरीदा है, तो आपके लिए अच्छी खबर है. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने नई पॉलिसियों को जारी करने और रिन्यू करने की समय सीमा बढ़ा दी है.

अब कोई भी इन स्टैंडर्ड शॉर्ट-टर्म पॉलिसी को 31 मार्च 2022 तक खरीद सकता है. हमारे देश के बीमाकर्ता दो स्टैंडर्ड कोविड -19 स्पेसिफिक प्रोडक्ट- कोरोना कवच (Corona Kavach) और कोरोना रक्षक (Corona Rakshak) ऑफर करते हैं. दोनों हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट IRDAI के दिशानिर्देशों पर आधारित हैं. लेकिन किसी एक को चुनने से पहले आपको दोनों में अंतर जानना होगा.

फीचर

वर्तमान में, दोनों पॉलिसियों को साढ़े तीन महीने, साढ़े छह महीने और साढ़े नौ महीने की अवधि के लिए खरीदा जा सकता है, जिसमें 15 दिनों का वेटिंग पीरियड भी शामिल है. पॉलिसी खरीदने की न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम 65 साल है.

कोरोना कवच बनाम कोरोना रक्षक

चूंकि दोनों पॉलिसियां कोविड -19 के लिए हैं, इसलिए कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले इनके अंतर को समझना जरूरी है.

पॉलिसी टाइप

कोरोना कवच एक क्षतिपूर्ति-आधारित योजना है, जहां अस्पताल के बिल पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार बीमित राशि की सीमा तक रीइंबर्स किए जाते हैं. दूसरी ओर, कोरोना रक्षक एक फिक्स्ड बेनिफिट योजना है, जिसमें बीमित व्यक्ति को 100% बीमा राशि का भुगतान किया जाता है.

हॉस्पिटलाइजेशन

कोरोना कवच पॉलिसी के तहत बीमा राशि तभी लागू होगी, जब अस्पताल में भर्ती होने की न्यूनतम अवधि 24 घंटे हो. वहीं कोरोना रक्षक के मामले में, कम से कम लगातार 72 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है.

पॉलिसी ऑफर

बीमा कंपनियां परिवारों और व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति के आधार पर अनिवार्य कवर के रूप में कोरोना कवच पॉलिसी प्रदान करती हैं. इसमें वास्तविक खर्च के अनुसार क्लेम का भुगतान किया जाता है.

कोरोना रक्षक योजना को लाभ के आधार पर वैकल्पिक पॉलिसी के रूप में ऑफर किया जाता है. योजना के तहत, बीमाकर्ता पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार पूरी बीमा राशि का भुगतान करता है.

कवरेज

कोरोना कवच पॉलिसी व्यक्ति और परिवार, दोनों को कवर करती है. दूसरी ओर, कोरोना रक्षक व्यक्तिगत योजना है और केवल एक व्यक्ति को कवर करती है.

कोरोना कवच पॉलिसी के लिए न्यूनतम बीमा राशि 50,000 रुपये है और अधिकतम कवरेज आप 5 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं. कोरोना रक्षक क्रमशः 50,000 रुपये और 2.5 लाख रुपये का न्यूनतम और अधिकतम कवरेज प्रदान करती है.

प्रीमियम

हालांकि कोरोना कवच और कोरोना रक्षक दोनों स्टैंडर्ड पॉलिसी हैं, प्रीमियम एक बीमाकर्ता का दूसरे बीमाकर्ता से अलग हो सकता है. मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार, आप 523 रुपये से 1,200 रुपये तक के प्रीमियम में कोई भी पॉलिसी खरीद सकते हैं.

अगर आपके पास कोरोना कवच हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है, तो आप ‘हॉस्पिटल डेली कैश’ राइडर कवर खरीद सकते हैं. कोरोना रक्षक पॉलिसी में कोई एडिशनल बेनिफिट नहीं है.

Published - September 17, 2021, 11:22 IST