Claim: कई बार हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम सही समय पर भरने के बावजूद कंपनियां मेडिक्लेम (Claim) को निरस्त कर देती हैं.
इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर आपको लगता है कि आपने पॉलिसी लेते वक्त सारी सही जानकारी दी है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. आपको अपनी शिकायत दर्ज कराने का पूरा अधिकार है. यहां हम आपको यही तरीका बताने जा रहे हैं.
सबसे पहले बीमा कंपनी के शिकायत सेल में अपनी बात रखें. वहां से 15 दिन में उचित जवाब नहीं मिलने पर IRDA में शिकायत करें.
IRDA के complaints@irdai.gov.in पर ई-मेल पर शिकायत कर सकते हैं. आप चाहें तो IRDA के टॉल फ्री नंबर 155255 या 1800 4254 732 पर भी शिकायत कर सकते हैं.
वहीं, अगर आपका बीमा क्लेम 30 लाख रुपये तक का है और IRDA से शिकायत के बावजूद कुछ नहीं हुआ तो आप बीमा लोकपाल के पास जा सकते हैं.
बीमा लोकपाल बीमाधारक और बीमा कंपनी के बीच मध्यस्थता की कोशिश करता है. लोकपाल तथ्यों के आधार पर क्लेम की राशि तय कर सकता है.
अगर बीमाधारक क्लेम की राशि से सहमत है तो आदेश पास कर दिया जाता है और कंपनी को 15 दिनों में उसका पालन करना होता है.
अगर मध्यस्थता से बात न बने तो लोकपाल इकतरफा आदेश जारी कर सकता है और कंपनी को उसका 30 दिन में पालन करना होता है.
उपभोक्ता संरक्षण कानून ने अब उपभोक्ताओं के लिए और भी सहूलियतें कर दी हैं. बीमा कंपनियों से मेडिकल पॉलिसी लेने के बाद क्लेम का पैसा लेना आपका हक है.
कोई भी इंश्योरेंस कंपनी ये कैसे तय कर सकती है कि आपको कोरोना होने पर अस्पताल की जरूरत थी या नहीं, ये तो अस्पताल और डॉक्टर ही तय करेंगे.
ऐसे में आप कंज्यूमर कमीशन में कंपनी के खिलाफ अपनी अपील डाल सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन भी शिकायत करने की सुविधा है.
हालांकि केस शुरू होने के बाद जब कंज्यूमर कोर्ट आपको बुलाएगा तो आपको शारीरिक रूप से वहां मौजूद होना होगा. इसके बाद कोर्ट इस मामले में कंपनी से जवाब लेगा और व्यक्ति को न्याय दिलाएगा.
सबसे पहले बीमा देने वाली कंपनी के पास शिकायत दर्ज कराएं. अगर बीमा कंपनी 15 दिनों में शिकायत का निवारण नहीं करती है तो IRDAI की ओर से इंश्योरेंस ओम्बुड्समैन के पास भी बीमा कंपनी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
टोल फ्री नम्बर 155255 या 1800 4254 732 पर कॉल करें या complaints@irda.gov.in पर एक ई-मेल भेजकर भी शिकायत कर सकते हैं.
अगर आप अपनी बीमा कंपनी की सेवाओं से खुश नहीं हैं तो बीमाकर्ताओं की कार्यकारी परिषद कार्यालय (ECOI) की वेबसाइट http://ecoi.co.in/ पर भी विजिट कर सकते हैं. यहां पर आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
इंश्योरेंस लेते समय फॉर्म में सारी जानकारी सही भरें. अपनी और परिवार के दूसरे सदस्यों की उम्र, कोई पुरानी या आनुवांशिक बीमारी आदि जानकारी सही-सही और पूरी बतानी चाहिए.
कोई भी जानकारी नहीं देने या गलत देने पर बाद में जरूरत के मौके पर क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. कौन-कौन सी बीमारियां कवर्ड हैं और कौन-सी नहीं, इस बारे में भी कंपनी के एजेंट से या कंपनी से मालूम कर लें.
कंपनी की सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ें. अगर किसी शर्त को समझने में कोई परेशानी आए तो कंपनी के एजेंट या कस्टमर केयर या किसी एक्सपर्ट की मदद लें.
हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बाद जब आपको पॉलिसी पेपर मिलें तो उनकी शर्तों को भी ध्यान से पढ़ें. बीमा कंपनियां नियम के तहत 15 दिन का फ्री-लुक पीरियड देती हैं.
इन 15 दिनों में आप इंश्योरेंस कंपनी को वापस कर सकते हैं. कंपनी आपको पॉलिसी की पूरी रकम वापस कर देगी.